इंदौर में मोतियाबिंद ऑपरेशन बिगड़ने से 11 मरीजों की आंखों की रोशनी गई
मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद इंदौर आई हॉस्पिटल में 11 मरीजों की आंखों की रोशनी चली गई. कुछ मरीजों को एक आंख तो कुछ मरीजों को दोनों आंखों से दिखाई नहीं दे रहा.
इंदौर: मोतियाबिंद ऑपरेशन के दौरान इंदौर के एक निजी अस्पताल में कथित संक्रमण से 11 मरीजों की आंखों की रोशनी बाधित होने का मामला सामने आया है. इसके बाद अस्पताल का ऑपरेशन थियेटर सील कर दिया गया है और मामले की जांच के लिए समिति गठित की गयी है.
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी प्रवीण जड़िया ने शनिवार को बताया कि आठ अगस्त को राष्ट्रीय अंधत्व निवारण कार्यक्रम के तहत इंदौर आई हॉस्पिटल में 13 मरीजों के मोतियाबिंद ऑपरेशन किये गये थे. इनमें से दो मरीजों को ठीक होने के पश्चात निजी अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी थी. लेकिन शेष 11 मरीजों ने आंखों की रोशनी बाधित होने की शिकायत की है.
Indore: 11 patients lose their eye sight after undergoing operation for cataract at Indore Eye Hospital. CMHO Dr Pravin Jadia says, "treatment of 11 patients has begun. We'll investigate the cause. Administration has ordered to submit a report in 72 hours." #MadhyaPradesh pic.twitter.com/6UqS8ZR832
— ANI (@ANI) August 17, 2019
जड़िया ने कहा, “पहली नजर में लगता है कि मोतियाबिंद ऑपरेशनों के दौरान कथित संक्रमण से मरीजों की आंखों की हालत बिगड़ी. संक्रमण के कारणों की जांच की जा रही है. अस्पताल का लाइसेंस निलंबित करने पर विचार किया जा रहा है.”
बिगड़े मोतियाबिंद ऑपरेशनों के शिकार 11 मरीजों की उम्र 45 से 85 वर्ष के बीच है. इनमें शामिल रामी बाई (50) ने रुआंसे स्वर में कहा, “मुझे कुछ भी दिखायी नहीं दे रहा है.” इस बीच, जिलाधिकारी लोकेश कुमार जाटव ने बताया कि निजी अस्पताल का ऑपरेशन थियेटर सील कर दिया गया है.
उन्होंने बताया कि बेहतर इलाज के लिये सभी मरीजों को अन्य निजी अस्पताल में भेजा गया है. उन्हें रेडक्रॉस सोसायटी की मदद से सहायता राशि दी जा रही है. इंदौर, प्रदेश के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री तुलसीराम सिलावट का गृह नगर है. सिलावट ने मोतियाबिंद ऑपरेशनों के बिगड़ने को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि मामले की जांच के लिये इंदौर सम्भाग के आयुक्त (राजस्व) की अध्यक्षता में सात सदस्यीय समिति बनाने के आदेश दिये गये हैं. उन्होंने कहा कि जो लोग जांच में दोषी पाये जायेंगे, उनके खिलाफ उचित वैधानिक कदम उठाये जायेंगे.