लुधियाना /सेक्रेड हार्ट काॅन्वेंट स्कूल के 148 छात्रों को अमेरिका ले जाने के नाम पर 4 करोड़ ठगे

4 माह से सुनवाई नहीं हुई तो परिजन पहुंचे कमिश्नर ऑफिस, स्कूल पर भी मिलीभगत का आरोप एडीसीपी ने मांगा मंगलवार तक का समय, निष्पक्ष जांच से पेश होगी रिपोर्ट

लुधियाना. लुधियाना के सेक्रेड हार्ट काॅन्वेंट स्कूल के दसवीं कक्षा के 148 छात्रों को अमेरिका का ट्रिप पर ले जाने के नाम पर एजेंट ने 4 करोड़ की ठगी मार डाली। पैरेंट्स का आरोप है कि स्कूल प्रबंधन ने एजेंट के साथ मिलकर उनके साथ धोखाधड़ी की है। पहले तो स्कूल प्रबंधन की तरफ से मामले को दबाया गया, लेकिन जब परिजनों को पैसे नहीं मिले तो वो शिकायत लेकर पुलिस कमिश्नर ऑफिस पहुंचे। वहां शिकायत लेने के बाद सीपी ने उक्त मामले की जांच एडीसीपी सुरिंदर लांबा को मार्क की है। उन्होंने मामले की जांच शुरू कर दी है।

हुआ यूं कि शुक्रवार को 50 से 60 पैरेंट्स पुलिस कमिश्नर से मिलने के लिए पहुंच गए। उन्होंने शिकायत दी कि उनके बच्चे सेक्रेड हार्ट काॅन्वेंट स्कूल में पढ़ते हैं। स्कूल प्रबंधन ने एक एजेंट को हायर किया, जिसकी मदद से 148 बच्चों को अमेरिका नासा में भेजना था। लेकिन पैसे लेने के बाद किसी को भी विदेश नहीं भेजा और ठगी कर ली। सीपी ने तुरंत मामले की जांच करने के लिए आईपीएस एडीसीपी सुरिंदर लांबा को कहा, जिसकी रिपोर्ट वह मंगलवार को कमिश्नर को देंगे। कांग्रेसी नेत्री का नाम उछला वहीं, कुछ परिजनों ने आरोप लगाया कि इस एजेंट की मदद के लिए एक कांग्रेसी नेत्री नें भी काफी जोर लगाया था, क्योंकि जब ट्रिप के लिए पैसे इकट्ठा हुए, तब वो भी बीच में थी, लेकिन जैसे ही मामला बढ़ा तो वो एकदम से बीच से गायब हो गई।

स्कूल की मिलीभगत, 80 हजार लिए अंडर टेबल
एक छात्र के परिजन तजिंदर सिंह ने आरोप लगाया कि उनके बेटे ने भी नासा के लिए जाना था। इसके लिए पांच महीने पहले उन्होेंमे एक-एक लाख के दो ड्राफ्ट विदेश भेजने वाली कंपनी के नाम दिए थे। वो देने के बाद उन्होंने कहा कि 80 हजार रुपए लिफाफे में डालकर कैश देने होंगे। उन्होंने वो भी दे दिए। इसी तरह से 148 बच्चों के पैसे ले लिए गए और वीजा लगने के लिए भेज दिया गया। कुछ महीने बाद एजेंट ने कहा कि सभी का वीजा कैंसिल हो गया है। इसके बाद उन्होंने स्कूल प्रबंधन से भी बात की, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं था। अंत में एजेंट ने कहा कि वो सभी के पैसे वापस करेगा। लेकिन उस बात को भी दो महीने बीत गए, मगर पैसे देने का नाम नहीं लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि पहले भी ऐसे की एक ट्रिप लगवाया था, जिसमें से 30 हजार रुपए गायब कर दिए गए। इसमें स्कूल की भी मिलीभगत है।

एडीसीपी के आश्वासन पर हमें विश्वास है
एक बच्चे के पेरेंट्स रश्मी ने कहा कि एडीसीपी से वो मिले हैं। उन्होंने अपनी परेशानी उन्हें बताई की, परिजनों के साथ एजेंट ने धोखा किया है। स्कूल के बारे में वो कुछ नहीं कहेंगी, लेकिन एजेंट के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। वो एडीसीपी के जवाब से संतुष्ट है‌, उन्हें विश्वास है कि कार्रवाई होगी।

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