भारत के तीन रत्न: प्रणब मुखर्जी, भूपेन हजारिका और नानाजी देशमुख का सम्मान

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नई दिल्ली। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को गुरुवार को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया. इसके अलावा जनसंघ के नेता नानाजी देशमुख और प्रख्‍यात गायक भूपेन हजारिका को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया. इस साल भारत रत्न सम्मान देने का ऐलान गणतंत्र दिवस पर किया गया था. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तीनों हस्तियों को भारत रत्न से सम्मानित किया.

भूपेन हजारिका को मरणोपरांत यह सम्मान मिला. उनके बेटे तेज हजारिका ने अपने पिता के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों सम्मान ग्रहण किया. नानाजी देशमुख की ओर से दीनदयाल रिसर्च इंस्टीट्यूट के चेयरमैन वीरेंद्रजीत सिंह ने यह सम्मान ग्रहण किया.

बता दें कि 2017 में राष्ट्रपति पद से रिटायर हुए प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न देने का फैसला चौंकाने वाला रहा. दरअसल, प्रणब मुखर्जी की गिनती कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में से होती रही है, जो अपने पूरे राजनीतिक जीवन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा के खिलाफ लड़ते रहे. हालांकि, प्रणब मुखर्जी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अच्छे संबंध रहे हैं.

नानाजी देशमुख भारतीय जनसंघ के विचारक और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के संस्थापक सदस्यों में से एक रहे हैं, तो वहीं भूपेन हजारिका प्रसिद्ध असमिया कवि और संगीतकार थे. नानाजी देशमुख और भूपेन हजारिका को यह सम्मान मरणोपरांत मिला है.

भूपेन हजारिका असम के गीतकार, संगीतकार, गायक, कवि और फिल्म-निर्माता थे. उन्होंने कला के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं. उन्होंने असम की संस्कृति को कला के जरिए व्यापक पैमाने तक पहुंचाया. संगीतकार, गायक, एक्टर और फिल्म निर्देशक के रूप में वे सक्रिय रहे.

 

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