अनुच्छेद 370ः गवर्नर मलिक ने कहा- राज्य की स्थिति संतोषजनक है और कहीं से किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं

प्रवक्ता के अनुसार राज्यपाल को सूचित किया गया कि कुल मिलाकर राज्य की स्थिति संतोषजनक है और कहीं से किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं आई है। राज्यपाल ने घाटी के जिलों के उपायुक्तों को अपने कर्मचारियों को अलग-अलग इलाकों का दौरा करने, लोगों की आवश्यकताओं का जायजा लेने और उनका तेजी से समाधान करने करने का निर्देश दिया।

जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने बुधवार को राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की और उन्हें बताया गया कि स्थिति कुल मिलाकर संतोषप्रद है।

राजभवन के एक प्रवक्ता ने बताया कि अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को हटाए जाने तथा दो केंद्र शासित प्रदेशों में राज्य के प्रस्तावित विभाजन के बाद, राज्यपाल ने कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने राजभवन में एक बैठक में यह समीक्षा की।

प्रवक्ता ने बताया कि अस्पतालों में आपातकालीन सेवाएं काम कर रही हैं, लोग बाजारों में दैनिक जरूरत की चीजें खरीदते देखे जा रहे हैं व बिजली और पानी की आपूर्ति भी संतोषजनक है। उन्होंने कहा कि आवश्यक आपूर्ति की पर्याप्त उपलब्धता है।

प्रवक्ता के अनुसार राज्यपाल को सूचित किया गया कि कुल मिलाकर राज्य की स्थिति संतोषजनक है और कहीं से किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं आई है। राज्यपाल ने घाटी के जिलों के उपायुक्तों को अपने कर्मचारियों को अलग-अलग इलाकों का दौरा करने, लोगों की आवश्यकताओं का जायजा लेने और उनका तेजी से समाधान करने करने का निर्देश दिया।

उन्होंने आम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपनी चिंता दोहराई और प्रशासन को लोगों की वास्तविक जरूरतों पर उचित ध्यान देने की सलाह दी। राज्यपाल ने यह भी कहा कि अगर कश्मीर में पर्यटकों और अन्य लोगों को किसी भी तरह की परेशानी महसूस होती है तो उन्हें नजदीकी पुलिस स्टेशन से संपर्क करना चाहिए या क्षेत्र के मजिस्ट्रेट के पास जाना चाहिए। प्रवक्ता ने कहा कि पर्यटकों और लोगों को हरसंभव मदद देने के निर्देश जारी किए गए हैं।

बैठक में राज्यपाल के सलाहकारों के विजय कुमार, के स्कंदन, फारूक खान और मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने सलाहकार के के शर्मा को जम्मू क्षेत्र की स्थिति का जायजा लेने के लिए तैनात किया है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.