नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) के बागी विधायक कपिल मिश्रा ने दलबदल रोधी कानून के तहत उन्हें विधानसभा के लिए अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा मंगलवार को खटखटाया. दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष राम निवास गोयल ने करावल नगर से विधायक मिश्रा को शुक्रवार को यह कहते हुए अयोग्य ठहराया था कि लोकसभा चुनावों में बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए उनका प्रचार संकेत देता है कि उन्होंने, “अपनी मूल राजनीतिक पार्टी की सदस्यता छोड़ दी है.’’
अध्यक्ष की ओर से जारी आदेश के मुताबिक मिश्रा की अयोग्यता इस साल के 27 जनवरी से प्रभावी है जब उन्होंने आप के खिलाफ बीजेपी की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष मनोज तिवारी और तत्कालीन केंद्रीय मंत्री विजय गोयल के साथ मंच साझा किया था.
यह आदेश आप विधायक सौरभ भारद्वाज की याचिका पर दिया गया था जिसमें मिश्रा को दिल्ली विधानसभा से अयोग्य ठहराए जाने की मांग की गई थी. भारद्वाज की याचिका के संबंध में आप के तीन और बागी विधायकों – अनिल वाजपेयी, देवेंद्र सहरावत और संदीप कुमार पर भी अयोग्य ठहराए जाने का खतरा मंडरा रहा है.