नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर से धारा 370 और 35A हटाने और राज्य पुनर्गठन के मुद्दे पर कांग्रेस दो हिस्सों में बंटती दिख रही है.
#WATCH Amit Shah in Rajya Sabha: Several MPs asked how long will J&K remain a Union Territory- I want to assure them when situation gets normal & the right time comes, we're ready to make J&K a state again. It may take a little longer, but it'll become a state once again, one day pic.twitter.com/3fLsTjRrj0
— ANI (@ANI) August 5, 2019
पार्टी के मीडिया विभाग के आधिकारिक व्हाट्सऐप ग्रुप में पार्टी प्रवक्ताओं के बीच पक्ष और विपक्ष में बहस हो रही है. कुछ नेता पार्टी के विरोध के रुख से सहमत हैं तो कुछ इसके विरोध की वजह से राजनीतिक नुकसान की आशंका जता रहे हैं. पार्टी में कुछ नेता पार्टी के विरोध के रुख से नाराज हैं लेकिन आलाकमान के रुख को देखते हुए चुप हैं.
Shashi Tharoor,Congress on #Article370:This is not the Indian democracy we have cherished for more than 7 decades.The assurances that successive rulers of India including those of BJP have given people&leaders of Kashmir and the international community now stand torn into shreds. pic.twitter.com/DzOlnmiJ4m
— ANI (@ANI) August 5, 2019
कांग्रेस भले ही जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल का जमकर विरोध कर रही हो लेकिन पार्टी के कई नेता पार्टी लाइन से हटकर बयान दे रहे हैं. इनमें पार्टी के कई युवा नेता भी शामिल हैं. कांग्रेस के पूर्व सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा और मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष मिलिंद देवड़ा ने नरेंद्र मोदी सरकार के इस फैसले का समर्थन किया है.
हुड्डा ने ट्वीट कर लिखा, ‘मेरी व्यक्तिगत राय रही है कि 21वीं सदी में अनुच्छेद 370 का औचित्य नहीं है और इसको हटना चाहिए. ऐसा सिर्फ देश की अखंडता के लिए ही नहीं, बल्कि जम्मू-कश्मीर जो हमारे देश का अभिन्न अंग है, के हित में भी है. अब सरकार की यह जिम्मेदारी है कि इसका क्रियान्वयन शांति और विश्वास के वातावरण में हो.’
दूसरी ओर देवड़ा ने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अनुच्छेद 370 को उदार बनाम रूढ़िवादी बहस में तब्दील कर दिया गया. पार्टियों को अपनी विचारधारा से अलग हटकर इस पर बहस करनी चाहिए कि भारत की संप्रभुता और संघवाद, जम्मू-कश्मीर में शांति, कश्मीरी युवाओं को नौकरी और कश्मीरी पंडितों के न्याय के लिए बेहतर क्या है.
Milind Deora, Mumbai Congress President: Unfortunate that #Article370 is being converted into liberal vs conservative debate.Parties should put aside ideological fixations&debate what’s best for India’s sovereignty,peace in J&K,jobs for Kashmiri youth&justice for Kashmiri Pandits pic.twitter.com/6BtZY6elou
— ANI (@ANI) August 5, 2019
इसके अलावा कांग्रेस के जनार्दन द्विवेदी ने भी अनुच्छेद 370 हटाए जाने का स्वागत किया.
Ram Manohar Lohia under whom I had political training was always against Article 370, says Janardan Dwivedi while welcoming abrogation
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— ANI Digital (@ani_digital) August 5, 2019
उन्होंने कहा, मेरे राजनीतिक गुरु राम मनोहर लोहिया हमेशा से इस आर्टिकल के खिलाफ थे. इतिहास की एक गलती को आज सुधारा गया है.
#WATCH Janardan Dwivedi, Congress on #Article370revoked : My political guru Ram Manohar Lohia ji was always against this Article. A mistake of history has been corrected today, albeit late. I welcome this. pic.twitter.com/KqBsROImgS
— ANI (@ANI) August 5, 2019