जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के बाद पूर्व CM महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला को किया गया गिरफ्तार
जम्मू कश्मीर से धारा 370 (Article 370) हटाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) और उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) गिरफ्तार किया गया है.
- लिस कस्टडी में लिए गए
- पीडीपी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती को एक गेस्ट हाउस में रखा गया
- महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला शुरू से 370 हटाने पर सवाल खड़े कर रहे
श्रीनगर। राज्यसभा में सोमवार को जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पास किए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती और नेशनल कॉनफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला को पुलिस कस्टडी में ले लिया गया. रविवार देर रात इन दोनों नेताओं को नजरबंद किया गया था. फिलहाल महबूबा को गेस्ट हाउस ले जाया गया है. राज्य से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के प्रस्ताव के बाद केंद्र सरकार ने यह कदम उठाया है.
महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला जम्मू कश्मीर में केंद्र सरकार के हर कदम पर शुरू से सवाल उठा रहे हैं. राज्य में अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किए जाने और स्पेशल एडवाइजरी जारी किए जाने के बाद महबूबा मुफ्ती और उमर अब्दुल्ला सरकार पर सवाल उठा रहे हैं.
महबूबा मुफ्ती ने संसद में 370 को निरस्त किए जाने संबंधी घोषणा किए जाने के कुछ ही मिनट बाद दो ट्वीट किए. पहले ट्वीट पर मुफ्ती ने कहा कि यह भारतीय लोकतंत्र का सबसे काला दिन है. जम्मू-कश्मीर के नेतृत्व ने 1947 में भारत के साथ जाने का जो फैसला लिया था, वो गलत साबित हो गया. भारत सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को हटाने का फैसला अवैध और असंवैधानिक है.
वहीं जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने बयान जारी करके कहा था कि भारत सरकार द्वारा अनुच्छेद-370 को हटाना जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ धोखा है. जम्मू-कश्मीर ने 1947 में जिस भरोसे के साथ भारत से जुड़ा था, आज वह टूट गया है. भारत सरकार के इस फैसले से भयानक दुष्परिणाम सामने आएंगे.
उमर अब्दुल्ला ने अपने बयान में आगे कहा कि इस फैसले को लागू करने के लिए भारत सरकार ने धोखेबाजी करके और चोरी-छिपे कार्यवाही की है. भारत सरकार के जम्मू-कश्मीर में मौजूद नुमाइंदों ने हमसे झूठ बोला कि कुछ भी बड़ा नहीं होने वाला है. यह फैसला कश्मीर घाटी को छावनी में तब्दील करने के बाद लिया गया. लोगों की आवाज को दबाने के लिए पूरे राज्य में लाखों सशस्त्र सैन्यबलों को तैनात किया गया.
बता दें कि राज्यसभा में सोमवार को जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक को पास कर दिया गया है. बिल के पक्ष में 125 वोट और 61 विपक्ष में वोट पड़े हैं जबकि एक सदस्य गैर हाजिर रहा. इस बिल में जम्मू कश्मीर से लद्दाख को अलग करने और दोनों को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा देने के प्रावधान शामिल हैं.