जम्मू कश्मीर को 2 हिस्सों में बांटने वाला बिल राज्यसभा से पास, पक्ष में पड़े 125 वोट

संसद की कार्यवाही में आज जम्मू कश्मीर का मुद्दा गरमाया रहा. गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रावधान हटाने संबंधी संकल्प के साथ राज्य पुनर्गठन बिल और आरक्षण संशोधन बिल पेश किया जिसे सदन की मंजूरी मिल गई है. पुनर्गठन बिल पर हुई वोटिंग में पक्ष में 125 और विपक्ष में 61 वोट पड़े. इस विषय पर दिनभर विपक्ष का जोरदार हंगामा भी देखने को मिला. अब लोकसभा में मंगलवार को इस बिल और संकल्प पर चर्चा होगी.

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नई दिल्ली: राज्यसभा में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक को पास कर दिया गया है. बिल के पक्ष में 125 वोट और 61 विपक्ष में वोट पड़े हैं जबकि एक सदस्य गैर हाजिर रहा. इस बिल में जम्मू कश्मीर से लद्दाख को अलग करने और दोनों को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा देने के प्रावधान शामिल हैं.

 

पुनर्गठन विधेयक पर वोटिंग

राज्यसभा में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पर सदन का मत लेना शुरू हो चुका है. विपक्षी दलों की ओर से इस पर वोटिंग की मांग की गई है. अब लॉबी खाली कराई जा चुकी है और पर्चियों के जरिए वोटिंग प्रक्रिया पूरी होगी.
J-K आरक्षण संशोधन बिल पास
राज्यसभा से जम्मू कश्मीर आरक्षण दूसरा संशोधन बिल ध्वनिमत से पारित कर दिया. अब अमित शाह की ओर से लाए गए संकल्प पर सदन का मत लिया जा रहा है. कांग्रेस के पी चिदंबरम ने अमित शाह से कहा आप कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश क्यों बना रहे हैं. कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हमने आंध्र प्रदेश और तेलंगाना बनाने के दौरान हमने एक साल तक 20 से ज्यादा बैठकें की और सहमति के फैसला लिया गया था.
अमित शाह ने कहा कि कश्मीर हमेशा केंद्र शासित प्रदेश नहीं रहेगा, सामान्य स्थिति के बाद उसे पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाएगा. हम कश्मीर को देश का सबसे विकसित राज्य बनाएंगे. कश्मीर को सामान्य बनाने के लिए सरकार की सहायता करें और सब मिलकर काम करें. अमित शाह ने कहा कि हमारे साथ नहीं रहने वाले दलों ने भी आज इस बिल पर हमारा साथ दिया है. सदन को एकमत से इस बिल और संकल्प का समर्थन करना चाहिए.

 

370 के रहते आतंक का खात्मा मुमकिन नहीं: अमित शाह

अमित शाह ने कहा कि कश्मीर के लोगों को 21वीं सदी में जीने का हक नहीं है क्या. उकसाने वालों के बच्चे लंदन और अमेरिका में पढ़ रहे हैं, अपने लिए सब कर लिया लेकिन घाटी के युवाओं को पढ़ने और आगे बढ़ने नहीं देना चाहते. धारा 370 के रहते कश्मीर में आतंकवाद को खत्म नहीं किया जा सकता. मोदी सरकार में हम घाटी के युवाओं को गले लगाना चाहते हैं, उन्हें अच्छी शिक्षा, सुविधा, सेहत देना चाहते है, बाकी भारत के विकास में शामिल करना चाहते हैं जिसके लिए 370 को हटाना जरूरी है.
नेहरू जी ने भी इसे हटाना की बाद कही थी लेकिन घिसते-घिसते भी इसे नहीं हटाया गया. सिब्बल के आरोप पर अमित शाह ने कहा कि सरदार पटेल ने कभी जम्मू कश्मीर को डील नहीं किया उन्होंने जूनागढ़ को डील किया जो बगैर 370 के भारत में का हिस्सा है. कश्मीर को पंडित नेहरू को डील किया जो 370 के साथ भारत में है.

 

अमित शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर में आतंकवाद जन्मा, पनपा और अब नीचे आ रहा है. धारा 370 ने ही वहां के युवाओं में अलगाववाद की भावना डाली जिसका फायदा पाकिस्तान ने उठाया. आजतक 41 हजार लोग वहां क्यों मारे गए. किसकी नीति के कारण 41 हजार लोग मारे गए, हमने तो कोई नीति नहीं बदली, नेहरूजी जो चालू करके गए थे, वही चलती रही. अमित शाह ने कहा कि राजस्थान, गुजरात का युवा क्यों गुमराह नहीं होता सिर्फ कश्मीर का क्यों होता है क्योंकि वहां 370 से पड़ा अलगाववाद का बीज नहीं है. हुर्रियत, घुसपैठिए, आईएसआई ने कश्मीर के युवाओं को गुमराह किया है तभी इतने लोगों की जान गई है.

 

कोर्ट में बिल का कुछ नहीं होगा: अमित शाह

अमित शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर के बच्ची ने ओडियावासी से शादी कर दी तो क्या उसे और उसके बच्चों को वहां कोई अधिकार मिलने वाला है. खुला होने पर जम्मू कश्मीर साफ अर्थों में हिन्दुस्तान के साथ मिल जाएगा. उन्होंने कहा कि वहां ओबीसी को आरक्षण नहीं मिलता, दलितों, आदिवासियों को राजनीतिक आरक्षण नहीं मिलता है, यही वजह से मायावतीजी की पार्टी ने इस बिल का समर्थन किया है. गृह मंत्री ने कहा कि कुछ पार्टियां NGO ब्रिगेड से इस बिल को कोर्ट में चुनौती देंगे, लेकिन कोई भी लीगल जांच से इस बिल को कुछ नहीं होने वाला है.

 

अमित शाह ने कहा कि धारा 370 की वकालत करने वाले बताएं कि घाटी के बच्चों को शिक्षा का अधिकार क्यों नहीं मिलना चाहिए. उन्हें संविधान संशोधन करने के बाद भी वहां के बच्चों को RTE का लाभ नहीं मिला, लेकिन कल जब लोकसभा इसे पास करेगी तो कल रात से हर बच्चे को शिक्षा का अधिकार मिलेगा.

वहां प्राइवेट संस्थान नहीं है, कौन निवेश करेगा, क्योंकि उसके नाम पर संपत्ति तो हो ही नहीं सकती. अमित शाह ने कहा कि हम राष्ट्रहित का बिल लेकर आए थे आप तो इंदिरा जी के इलाहाबाद कोर्ट के फैसले से बचाने का संवैधानिक सुधार तो उसी दिन लेकर आए और पारित कराया था, आप हमें उपदेश देते हैं कि सुबह ही क्यों बिल लेकर आए. 370 हटाने से घाटी का भला होने वाला है और सही अर्थों में जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग बनने वाला है.

 

370 से घाटी का नहीं नेता का फायदा: गृह मंत्री

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कश्मीर और लद्दाख को पूरी दुनिया स्वर्ग मानती है लेकिन पर्यटन जिनता बढ़ना चाहिए उतना नहीं बढ़ा. अच्छा होटल वहां जमीन नहीं खरीद सकता, धारा 370 ने पर्यटन की संभावनाओं को सीमित कर दिया है. इससे न सिर्फ पर्यटन बढ़ेगा बल्कि घाटी के युवाओं को रोजगार मिलेगा.
उन्होंने कहा कि धारा 370 से घाटी के युवाओं का कोई भला नहीं होना वाला है, इससे सिर्फ कुछ नेताओं का भला होगा. बिजली मिले, शौचालय मिले, ज्यादा सैलरी मिले तो इसे चालू रखना चाहिए, इससे कुछ भी फायदा नहीं होने वाला है. वहां हेल्थ की हालत खस्ता हो चुकी है, पीपीपी और प्राइवेट योजनाएं वहां लागू नहीं होती हैं.

 

हल्ला कश्मीर पर नहीं जांच पर है: अमित शाह

अमित शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर के गरीबी के लिए धारा 370 जिम्मेदार है क्योंकि केंद्र का पैसा वहां पहुंच ही नहीं पाया. वहां विकास नहीं हुआ क्योंकि भ्रष्टाचार को रोकने वाले एजेंसियों को वहां एंट्री नहीं है जिसकी वजह यही 370 है. चंद लोग जो तीन परिवारों के साथ जुड़े उन्हें सीमेंट की एजेंसी ली है और वहां देश से 100 रुपये महंगा सीमेंट बिक रहा है. जो लोग 370 की वकालत करते हैं वह बताएं कि यह पैसा कहां गया, हो-हल्ला कश्मीर के लिए नहीं बल्कि राष्ट्रपति शासन में शुरू हुई जांच की वजह से हो रहा है. घाटी के व्यक्ति को आजादी के बाद क्या मिला, जमीन के दाम नहीं बढ़े, जिसके पास भूमि है उसका दाम नहीं बढ़ा क्योंकि वहां खरीदार नहीं, कोई वहां जमीन नहीं खरीद सकता है.

 

सरपंचों के अधिकार 70 साल तक छीने: गृह मंत्री

अमित शाह ने कहा कि धारा 370 की वजह से ही कई संविधान संशोधन वहां आजतक लागू नहीं हो पाए. पंचायत और नगर पालिका के चुनाव वहां नहीं होते थे. उन्होंने कहा कि 40 हजार तक सरपंचों के अधिकार 70 साल तक छीने गए उसके लिए कौन जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि यह अधिकार कभी नहीं मिला, इस पर कोई नहीं बोलेगा. घाटी में सिर्फ मुस्लिम रहते हैं क्या, धारा 370 अच्छी है तो सभी के लिए है और बुरी है तो भी सभी के लिए है. तीन परिवारों ने जम्मू कश्मीर में लोकतंत्र को पनपने नहीं दिया, लेकिन राष्ट्रपति शासन में वहां शांतिपूर्ण चुनाव हुए हैं. अमित शाह ने कहा कि पंचायत चुनाव में 50 फीसदी से ज्यादा वोटिंग हुई है और वहां की जनता लोकतंत्र चाहती है.

 

अमित शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर में जो पाकिस्तान के शरणार्थी गए उन्हें आज तक नागरिकता नहीं मिल पाई है. देश को 2 प्रधानमंत्री पाकिस्तान से आए शरणार्थियों ने दिए हैं. मनमोहन सिंह और गुजराल जी. अमित शाह ने कहा कि 370 ने जम्मू कश्मीर और लद्दाख से लोकतंत्र वहां मजबूत नहीं हो पाया और भ्रष्टाचार बढ़ता चला गया. घाटी के गांव आज भी गरीबी में जीने को मजूबर हैं क्योंकि वहां बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं इसी 370 की वजह से नहीं मिल पाई. साथ ही यह महिला विरोध, दलित विरोध और आतंकवाद की जड़ यही 370 है.

 

 

 

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