अनुच्छेद 370 हटाने पर पाकिस्तान ने कहा- किसी भी एकतरफा फैसले से कश्मीर का विवाद नहीं सुलझेगा

अमित शाह ने राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने का प्रस्ताव पेश किया, अब अनुच्छेद 370 पर पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय का बयान आया है, पाकिस्तान इस फैसले का मुकाबला करने के लिए हर संभाव विकल्प का प्रयोग करेगा

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इस्लामाबाद। पाकिस्तान ने सोमवार को जम्मू और कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देनेवाले अनुच्छेद 370 को हटाने के नरेंद्र मोदी सरकार के कदम की निंदा करते हुए कहा कि किसी भी “एकतरफा कदम” से राज्य के विवादित स्थिति में परिवर्तन नहीं आएगा।

विदेश मंत्रालय के एक बयान में, पाकिस्तान ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूनएनएससी) के प्रस्तावों में जम्मू और कश्मीर को विवादास्पद माना गया था और भारत द्वारा एकतरफा निर्णय “जम्मू और कश्मीर और पाकिस्तान के लोगों के लिए स्वीकार्य नहीं होगा”।

बयान में कहा गया है, “इस अंतरराष्ट्रीय विवाद में एक पक्ष होने की वजह से, पाकिस्तान इन अवैध कदमों का मुकाबला करने के लिए सभी संभावित विकल्पों का इस्तेमाल करेगा।” बयान में आगे कहा गया, “पाकिस्तान कश्मीर के मुद्दे और अधिकृत जम्मू और कश्मीर के लोगों को उसके राजनीतिक, कूटनीतिक और नैतिक समर्थन के प्रति और उसके आत्मनिर्णय के अधिकार के लिए अपनी प्रतिबद्धता को फिर से पुष्टि करता है।”

पाकिस्तान ने बुलाया संसद का संयुक्त सत्र

इस बीच, पड़ोसी देश ने भारत के कदम पर चर्चा करने के लिए मंगलवार को संसद का संयुक्त सत्र आयोजित करने का फैसला किया है।

गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने का प्रस्ताव पेश किया है। उन्होंने भारत के संविधान के अनुच्छेद 370 के खंड 1 के सिवा इस अनुच्छेद के सारे खंडों को रद्द करने की सिफारिश की। उन्होंने राज्य को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की सिफारिश की। कश्मीर को दो हिस्सों में बांटा गया है। पहले हिस्से में जम्मू-कश्मीर होगा जहां विधानसभा होगी वहीं दूसरे हिस्से में लद्दाख होगा। जो पूरी तरह से एक केंद्रशासित प्रदेश होगा।

विदेश मंत्री ने कहा- स्थिति पहले से गंभीर हुई

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र, इस्लामिक सहयोग संगठन, मित्र देशों और मानवाधिकार संगठनों से अपील करेगा कि वे इस मुद्दे पर चुप नहीं रहें।

कुरैशी ने कहा कि कश्मीर में स्थिति पहले से अधिक गंभीर है। उन्होंने कहा, “हम हमारे कानूनी विशेषज्ञों से सलाह लेंगे।”

विदेश मंत्री ने कहा, “संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के इस पर कई प्रस्ताव हैं और उन्होंने इसे एक विवादित क्षेत्र के रूप में स्वीकार किया है… भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इसे एक विवादित क्षेत्र के रूप में स्वीकार किया था।”

कुरैशी ने कहा कि भारत के इस कदम से दिखता है कि उन्हें कश्मीरी लोगों से कोई उम्मीद नहीं थी।

विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान पहले की तरह ही कश्मीरी लोगों का समर्थन करना जारी रखेगा और इतिहास भारत के फैसले को गलत साबित करेगा।

इमरान ने किया था ट्रंप को मध्यस्थता का न्योता

इससे पहले रविवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत के साथ बढ़े तनाव के मद्देनजर देश के शीर्ष नौकरशाहों और सैन्य अधिकारियों के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा पर चर्चा के लिए एनएससी की बैठक की अध्यक्षता की थी।

इमरान ने ट्वीट करते हुए कहा था कि अब समय आ गया है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कश्मीर मामले में मध्यस्थता करें।

उमर अबदुल्ला ने की सरकार के कदम की निंदा
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अबदुल्ला ने सरकार के इस कदम की निंदा की है। अबदुल्ला ने क्षेत्र में अधिक सैनिकों की तैनाती का विरोध किया है और कहा है कि ये फैसला अवैध, असंवैधानिक और एक तरफा है।

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