घाटी में हलचल, आशंका, कयास के बीच कैसे मोदी सरकार कश्मीर पर बड़े फैसले तक पहुंची

पिछले कई दिनों से जम्मू कश्मीर की हालत को लेकर काफी चर्चाएं जारी है. लोगों के बीच कयासों का दौर शुरू हो चुका है. ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि आखिर कैसे मोदी सरकार कश्मीर पर बड़े फैसले तक पहुंची.

नई दिल्लीः घाटी में सफेद बर्फ से सूरज की किरणें अभी बस फिसली ही थी और बर्फ से टकराकर ठंडी हवाएं अभी चलनी शुरू हुई थी कि अचानक से राज्य में गरमा-गरम कुछ पकने लगा. केसर की वादियों में बनी सड़कों पर पित्तल के बने कारतूस चमकने लगे. चीड़ के पेड़ों के बीच बनी सड़कों पर अचानक से सेना के बूटों की पदचाप सुनाई देने लगी और काले अंधेरों के बीच एकाएक प्रदेश में धारा 144 लागू कर दी गई. प्रदेश के कई बड़े नेताओं को फौरन नजरबंद कर दिया गया. राज्य के स्कूल कॉलेज को बंद रखने का फरमान जारी कर दिया गया.

 

राज्यसभा में सरकार ने कश्मीर को लेकर बड़ा बयान दिया. साफ किया कि धारा 370 अब पूरी तरह से लागू नहीं होगा और जम्मू-कश्मीर को दो हिस्सों में बांट दिया गया है. अब जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो केंद्र शासित राज्य बन गए हैं.

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हाालंकि, 5 अगस्त की सुबह कैबिनेट की बैठक से पहले भी काफी हलचल थी. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह रविवार को खुफिया एजेंसियों के चीफ और NSA अजीत डोभाल के साथ बैठक कर चुके थे. अमरनाथ यात्रा पर भी अडवाइजरी जारी कर रखी थी. इस बीच जम्मू कश्मीर के मौजूदा हालात को लेकर लोगों के मन में कयासों और आशंकाओं का दौर चलता रहा. जिनती मुंह उनती बातों वाली कहावत चरितार्थ होती रही. ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि आखिर कश्मीर की तकदीर बदलने की शुरुआत कब शुरू हुई.

 

35 दिन में कश्मीर में क्या हुआ?

 

1 जुलाई
अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा में 40 हजार अतिरिक्त जवान तैनात

राज्य में अर्धसैनिक बलों के 100 कंपनी तैनात

27 जुलाईः केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव, गृह सचिव, और राज्य के डीजीपी को चिट्ठी लिखकर इस बात की जानकारी दी कि जम्मू कश्मीर में अर्ध सैनिक बलों की 100 कंपनियां भेजी जाएंगी. इन कंपनियों में सीआरपीएफ के 50, बीएसएफ और आईटीबीपी के 10-10. जबकि 30 कंपनियां एएसएबी बटालियन की भेजी जाएगी.

महबूबा मुफ्ती ने सरकार को चेताया
28 जुलाईः सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि कश्मीर में ‘कुछ बड़ा’ प्लान किया जा रहा है. केंद्र को चेतावनी के लहजे में उन्होंने कहा कि अगर राज्य के स्पेशल एक्ट के साथ अगर कोई छेड़छाड़ होती है तो यहां के लोग सुलग उठेंगे. यहां राष्ट्रपति शासन है. इस दौरान महबूबा मुफ्ती ने बीजेपी को जम्मू कश्मीर को लेकर घोषणा के बारे में भी याद दिलाया.

मस्जिदों की दें जानकारी

29 जुलाईः इस बीच प्रशासन ने राज्य भर के मस्जिदों के बारे में जानकारी मांगी. यह आदेश सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा. सरकार के इस आदेस को लोगों ने जमकर सोशल मीडिया पर ट्रोल किया.

राज्यपाल सत्यपाल मलिक बोले- अफवाहों पर न दें ध्यान

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30 जुलाईः जवानों की तैनाती के कारण अफवाहों का बाजार गर्म हो गया. जिसके बाद खुद राज्यपाल सत्यपाल मलिक सामने आए कहा कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें. उन्होंने भरोसा दिलाया है कि राज्य के ‘स्थायी निवासियों’ को विशेष अधिकार देने वाले आर्टिकल 35ए को खत्म करने की केंद्र सरकार की कोई योजना नहीं है.

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महबूबा मुफ्ती ने शुरू की 35ए जागरुकता यात्रा

31 जुलाईः राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने 35ए जागरुकता यात्रा निकाली और लोगों के बीच घूमना शुरू कीं. इस बीच उन्होंने तीन जिलों की यात्रा की. कुलगाम सोपियां और पुलवामा में उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं के साथ बैठक भी की.
इस बीच बीजेपी के नेता राम माधव ने कहा कि कुछ राजनितिक पार्टियां लोगों के बीच डर का माहौल पैदा करना चाह रही है. सरकार कोई भी ऐसा फैसला नहीं लेगी जिससे लोगों का नुकसान हो.

पीएम मोदी से मिलने पहुंचे फारूक अब्दुल्ला

एक अगस्तः नेशनल कॉफ्रेंस का एक प्रतिनिधि मंडल कश्मीर के हालत पर पीएम मोदी से मिलने पहुंचा. इस प्रतिनिधि मंडल की अगुवाई फारूक अब्दुल्ला कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी को वहां के हालातों से अवगत करवाया.

केंद्र ने सैलानियों को बाहर निकलने का दिया आदेश
2 अगस्तः इस बीच अमरनाथ यात्रा के रास्ते में विस्फोटक बरामद हुए जिसके बाद सरकार ने यात्रा को कई दिन पहले ही रद्द कर दिया और यात्रा पर रोक लगा दी. कश्मीर में कई अन्य कंपनियों को तैनात कर दिया गया. एडवाइजरी जारी कर सैलानियों को भी राज्य से बाहर जाने के लिए कह दिया गया.

राज्यपाल से मिले उमर अब्दुल्ला

तीन अगस्तः अमरानाथ यात्रा के रास्ते में विस्फोटक बरामद होने के बाद सीमा पार से सेना के पोस्ट को निशाना बनाया गया. जवाबी कार्रवाई में कई लोग घायल हुए. सेना ने कहा कि घुसपैठ करवाने को लेकर सीमा पार से गोलीबारी की गई. इस बीच राज्य के मौजूदा हालत को लेकर उमर अब्दुल्ला राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मिलने पहुंचे. उन्होंने राज्यपाल को मौजूदा हालात के बारे में बताया.

 

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