कश्मीर के लाल चौक पर कोई छींके तो राज्यपाल भवन में उसे बता दिया जाता है बम विस्फोट: सत्यपाल मलिक

जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा है कि कश्मीर में सबकुछ सामान्य, लोगों को अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए.

जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा है कि लाल चौक पर अगर कोई छींकता भी है तो राज्यपाल भवन तक पहुंचते-पहुंचते इस बात को बम विस्फोट बता दिया जाता है. जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे के बारे में कहा है कि लोगों को अफवाहों पर ज्यादा ध्यान नहीं देना चाहिए. कश्मीर घाटी में पुलिस से मस्जिदों की जानकारियां मांगे जानें.

 

कश्मीर में कानून-व्यवस्था की स्थिति सहित कई सरकारी आदेशों को लेकर काफी कयास लगाए जाने लगे थे कि केंद्र सरकार संविधान के अनुच्छेद 35- ए को खत्म करने की योजना बना रही है. इस तरह की संभावनाओं पर राज्य के राजनीतिक दलों ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई थी और इसके गंभीर परिणाम होने की चेतावनी दी थी.

मलिक बोले, ‘फैलाई जा रही अफवाहें, न दें ध्यान’
कश्मीर घाटी में कानून-व्यवस्था की संभावना को लेकर सोशल मीडिया पर कई आदेश दिखने के बारे में पूछने पर राज्यपाल मलिक ने कहा, ‘‘यहां काफी अफवाहें फैलाई जा रही हैं, उन पर ध्यान नहीं दें. सब कुछ ठीक है, सब कुछ सामान्य है.’’ मलिक ने कहा कि हाल के दिनों में सोशल मीडिया पर दिख रहे आदेश वैध नहीं हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘कोई भी आदेश वैध नहीं है. लाल चौक पर अगर कोई छींकता भी है तो राज्यपाल भवन तक पहुंचते- पहुंचते इसे बम विस्फोट बता दिया जाता है.’’ लाल चौक और राजभवन के बीच की दूरी दस किलोमीटर है. एसकेआईसीसी में नवोदय विद्यालय के प्रधानाचार्यों को संबोधित करने के कार्यक्रम के इतर उन्होंने कहा, ‘‘यहां रोज कई अफवाहें उड़ती हैं लेकिन उन पर ध्यान नहीं दीजिए. सब ठीक है, सब सामान्य है.’’

घाटी में अर्धसैनिक बलों की सौ कंपनियां भेजे जाने से बढ़ा अफवाहों का बाजार
घाटी में केंद्रीय सशस्त्र अर्धसैनिक बलों की सौ कंपनियां भेजे जाने के केंद्र सरकार के आदेश के बाद से घाटी में अफवाहों का बाजार गर्म है. इस तरह की अफवाह है कि भाजपा नीत केंद्र सरकार संविधान के अनुच्छेद 35-ए को वापस ले सकती है जो राज्य के लोगों के विशेष निवास अधिकार और नौकरी के अधिकारों से जुड़ा हुआ है.
पिछले तीन दिनों से राज्य सरकार के अधिकारियों और केंद्र सरकार के कुछ विभागों की तरफ से जारी कई आदेशों से आशंकाएं जताई जा रही हैं कि जम्मू-कश्मीर को लेकर कोई बड़ा निर्णय होने वाला है.

रेलवे सुरक्षा बल के एक अधिकारी ने जहां अपने कर्मचारियों को आदेश दिया कि कानून-व्यवस्था खराब होने की आशंका के मद्देनजर चार महीने के लिए राशन जमा कर लें वहीं श्रीनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने पांच पुलिस अधीक्षकों को अपने क्षेत्रों में सभी मस्जिदों और उनकी प्रबंधन समितियों का ब्यौरा इकट्ठा करने और इसे तुरंत सौंपने का निर्देश दिया ताकि उसे उच्चाधिकारियों को भेजा जा सके.

उमर अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया पर चल रहे ‘फर्जी आदेशों’ की CBI जांच की मांग की थी
रेलवे सुरक्षा बल के अधिकारी का जहां सोमवार को तबादला कर दिया गया वहीं एसएसपी ने कहा कि मस्जिदों के बारे में सूचना इकट्ठा करना नियमित प्रक्रिया का हिस्सा है. राज्यपाल के बयान पर नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया पर पिछले कुछ दिनों से चल रहे ‘‘फर्जी आदेशों’’ की सीबीआई जांच की मांग की.

अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, ‘‘राज्यपाल की तरफ से उठाया गया यह काफी गंभीर मामला है. वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के दस्तखत से फर्जी आदेश फैलाए गए. इसे आसानी से नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. सीबीआई को इन फर्जी आदेशों और ये कहां से जारी हुए हैं, इनकी जांच करनी चाहिए.’’ प्रधानाचार्यों को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि राज्य में भ्रष्टाचार व्याप्त है लेकिन यह ‘‘बीमारी रातों-रात नहीं पैदा हुई है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली की पिछली सरकारों की गलतियों का यह परिणाम है जब लोगों को चुनाव लड़े बिना मुख्यमंत्री बनाया गया या चुनावों में धांधली कर मुख्यमंत्री बनाए गए. मेरा मानना है कि स्थानीय नेता ज्यादा दोषी हैं क्योंकि उन्होंने लोगों से कभी भी सच्चाई बयान नहीं की.’’ मलिक ने कहा कि स्थानीय नेता सपनों के सौदागर हैं जिन्होंने पहले ‘आजादी’ बेची और फिर जम्मू-कश्मीर की ‘स्वायतता.’

राज्यपाल बोले, ‘भारत को तोड़ने से नहीं मिलेगी आजादी’
राज्यपाल ने कहा, ‘‘वे इस तरह के सपने लोगों को दिखाते… एक समय था जब मेरा ‘शॉल वाला’ पूछता था कि ‘क्या हमें आजादी मिलेगी?’ मैंने उससे कहा कि आप पहले से ही स्वतंत्र हैं ओर अगर आपको लगता है कि पाकिस्तान जाने से आजादी मिलती है तो आप वहां चले जाइए. आपको किसने रोका है? भारत को तोड़ने से आजादी नहीं मिलेगी.’’

नेशनल कांफ्रेंस पर परोक्ष रूप से प्रहार करते हुए मलिक ने कहा कि ‘‘नेता दिल्ली से लौटते हैं और भीड़ को संबोधित करते हुए हरे रंग का रूमाल दिखाते हैं कि उनके पास पाकिस्तान का समर्थन है. पाकिस्तान खुद को तो संभाल नहीं पा रहा है, तो आपकी भलाई के लिए वह क्या करेगा?’’

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