मोदी सरकार की बड़ी जीत, तीन तलाक बिल राज्यसभा से पास

लोकसभा में बिल के पक्ष में 303 और विपक्ष में 82 वोट पड़े थे. कांग्रेस, डीएमके, एनसीपी, टीडीपी और जेडीयू ने इस बिल का विरोध किया था. राज्यसभा में इस बिल के पक्ष में 99 वोट पड़े वहीं इस बिल के विपक्ष में 84 वोट पड़े

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नई दिल्ली। राज्यसभा में तीन तलाक बिल पास हो गया है. राज्यसभा में इस बिल के पक्ष में 99 वोट पड़े वहीं इस बिल के विपक्ष में 84 वोट पड़े. राज्‍यसभा में तीन तलाक बिल पर चर्चा के बाद बिल को सेलेक्‍ट कमेटी के पास भेजने के प्रस्‍ताव पर वोटिंग हुई. सदन में पर्ची के माध्‍यम से वोटिंग कराई गई. कई सांसदों ने बिल को कमेटी के पास भेजने की मांग की थी. लेकिन वोटिंग में सेलेक्ट कमेटी को भेजने का प्रस्ताव खारिज हो गया. सेलेक्ट कमेटी को बिल भेजने के प्रस्ताव के पक्ष में 84 वोट पड़े जबकि विपक्ष में 100 वोट पड़े.

 

Triple Talaq Bill In Rajya Sabha Live: मोदी सरकार की बड़ी कामयाबी, ऐतिहासिक तीन तलाक बिल राज्‍यसभा में भी पास

 

इससे पहले लोकसभा के मानसून सत्र में गुरुवार को ट्रिपल तलाक बिल पेश किया गया था. बिल पर दिन भर बहस चली और शाम को यह बिल लोकसभा में पास हो गया. इस बिल के पक्ष में 303 और विपक्ष में 82 वोट पड़े. कांग्रेस, डीएमके, एनसीपी, टीडीपी और जेडीयू ने इस बिल का विरोध किया था.

 

लोकसभा पहले ही इस बिल को पारित कर चुकी है. इससे पहले लोकसभा के मानसून सत्र में गुरुवार को ट्रिपल तलाक बिल पेश किया गया था. बिल पर दिन भर बहस चली और शाम को यह बिल लोकसभा में पास हो गया. इस बिल के पक्ष में 303 और विपक्ष में 82 वोट पड़े. कांग्रेस, डीएमके, एनसीपी, टीडीपी और जेडीयू ने इस बिल का विरोध किया था.

मोदी सरकार की बड़ी जीत, लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी तीन तलाक बिल पास

 

AIADMK ने किया वॉक आउट

राज्यसभा में AIADMK के सांसदों ने तीन तलाक बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजने की मांग करते हुए सदन से वॉक आउट कर दिया है. इससे पहले सरकार के सहयोगी जेडीयू के सांसद पहले ही सदन में वॉक आउट कर चुके हैं.

पीडीपी सांसद बोले- मर जाएंगे लेकिन 370 हटने नहीं देंगे

राज्‍यसभा में पीडीपी सांसद मीर मोहम्मद फैयाज ने तीन तलाक बिल का विरोध करते हुए कहा कि अच्‍छा लगा, सरकार को 70 साल बाद मुस्लिम औरतों की याद आई. कश्‍मीर में लगभग 1 लाख विधवा महिलाएं हैं और मेरे जिले के एक गांव में तो 422 विधवा और हजारों बच्‍चे यतीम हैं. वहां की मां-बहनों को इस बात की चिंता रहती है कि कभी उनकी बात संसद में होगी या नहीं.

उन्‍होंने कहा कि घाटी की हजारों महिलाओं के साथ अत्‍याचार हुआ है. लेकिन, यहां पर कभी उसपर बात नहीं हुई है. आसिफा से लेकर कई महिलाओं के साथ बलात्‍कार भी हुआ, लेकिन उसपर भी कभी बात नहीं हुई. अतिरिक्‍त सेना को तैनात करके वहां पर दहशत फैलाई जा रही है. कोई उसपर स्‍पष्‍ट बात नहीं कर रहा है. वह भी मुस्लिम राज्‍य है. हम मर जाएंगे लेकिन 35 ए और 370 हटने नहीं देंगे. उन्‍होंने इस बिल को सेलेक्‍ट कमेटी के पास भेजने की मांग करते हुए कहा कि इस बिल का खामियों को दूर किया जाए.

गुलाम नबी आजाद बोले- मॉब लिंचिंग पर कानून क्‍यों नहीं लाते?

राज्‍यसभा में गुलाम नबी आजाद ने कहा कि यहां के मुस्लिमों की तुलना अन्‍य किसी मुल्‍क से करना सही नहीं है. उनमें जो खामियां हैं, वो हमारे देश के मुस्लिमों को नहीं लगनी चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने क्रिमिनल लॉ के बारे में नहीं बोला था. सरकार गलत कह रही है.

आजाद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मॉब लिंचिंग पर भी कानून बनाने के लिए कहा था. लेकिन, क्‍या आपने बनाया. कोर्ट के फैसले जब आपको ठीक लगते हैं तो ही आप उसपर बिल लाते हैं. कोर्ट के कहने पर जब तीन तलाक खत्‍म हो गया, तो आप किस बात की सजा दे रहे हैं. अगर तीन तलाक कहने पर कुछ हुआ ही नहीं तो सजा किस बात की.

परिवारों को तोड़ने वाला बिल
राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आज़ाद ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि यह बिल विवाह के अधिकारों की रक्षा करता है लेकिन इसका असल मकसद परिवारों को तोड़ना है. यह कानून राजनीति से प्रेरित है, इसलिए अल्पसंख्यक आपस में लड़ते हैं. पति और पत्नी एक-दूसरे के खिलाफ वकील रखेंगे, वकीलों को भुगतान करने के लिए जमीन बेची जाएगी. जेल की अवधि समाप्त होने तक वे दिवालिया हो जाएंगे. जब वे जेल से बाहर आएंगे तो या तो वे आत्महत्या कर लेंगे या फिर चोर-डाकू बन जाएगा. क्या इस बिल को लेकर यही मंशा है.

पत्नियों को छोड़ने वालों पर एक्शन हो- जावेद
समाजवादी पार्टी के नेता जावेद अली ने कहा कि कई ऐसे पति हैं जिन्होंने अपनी पत्नियों को छोड़ दिया है. कई नामी लोग भी इसमें शामिल हैं. ऐसे में पत्नियां भी गुजारे-भत्ते की हकदार हैं तो क्या इसके लिए भी सरकार कोई कानून लाएगी?

ये बिल पास होना चाहिए-मुख्तार अब्बास नकवी
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा-‘हम सामाजिक सुरक्षा, सामाजिक न्याय के लिए तत्पर हैं. बेटियों के लिए हमने क्या किया है, वो हम बताते हैं. ये बिल पास होना चाहिए और यह बिल पास होगा. आपकी संख्या लोकसभा में ज्यादा थी लेकिन आपने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को निष्प्रभावी करने पर जोर दिया. हमने तमाम कुरीतियों को खत्म करने के लिए कानून बनाने पर जोर दिया है.”

राज्यसभा से जेडीयू का वॉकआउट
जनता दल यूनाइटेड ने ट्रिपल तलाक बिल का विरोध करते हुए राज्यसभा से वॉकआउट किया है. जेडीयू सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी इस बिल के साथ नहीं है. उन्होंने कहा कि हर पार्टी की एक विचारधारा है और उसके पालन के लिए वो आजाद है.

सवाल नारी न्याय का है- रविशंकर प्रसाद 

 


रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी कार्रवाई नहीं हो पा रही थी और छोटी-छोटी बातों पर तीन तलाक दिया जा रहा था. हम इसी वजह से फिर से कानून लेकर आए हैं. उन्होंने कहा कि लोगों को शिकायतों के बाद बिल में कुछ बदलाव भी किए गए हैं. अब इसमें बेल और समझौता का प्रावधान भी रखा गया है. इस सवाल को वोट बैंक के तराज़ू पर न तौला जाए, यह सवाल नारी न्याय, नारी गरिमा और नारी उत्थान का सवाल है.

कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राज्यसभा में कहा, ” कुछ लोगों को बिल में कुछ खामियां लगी, उन्हें लगा इसका दुरुपयोग हो सकता है तो हमने इसमें बदलाव किए, एफआईआर सिर्फ पत्नी, पत्नियों के खून के रिश्ते में आने वाले लोगों द्वारा दर्ज की जा सकती है. हमने इसमें जमानत, कस्टडी और मुआवजे का प्रावधान भी रखा है.”

कांग्रेस को 42 मिनट का समय
तीन तलाक पर कांग्रेस को अपना पक्ष रखने के लिए 42 मिनट का समय मिला है। बिल के विरोध में गुजरात से कांग्रेस सांसद अमी याज्ञिक ने बोलते हुए कहा कि यह बिल सिर्फ एक महिला नहीं बल्कि उसके पूरे परिवार से जुड़ा हुआ है। आपने इसे क्रिमिनल ज्यूरिस्प्रूडेंस में डाल दिया। आपने मजिस्ट्रेट के कोर्ट में महिला को ढ़केल दिया। आपने फैमिली के लिए अब उसे मजिस्ट्रेट कोर्ट में जाने पर मजबूर कर दिया। ये किसी एक समुदाय का मुद्दा नहीं है। ये हर समुदाय का मामला है और सिर्फ भारतीय नहीं, बल्कि एनआरआई शादियों में भी होता है। यह सिर्फ एक समुदाय की बात नहीं है

‘नारी गरिमा और नारी उत्थान का सवाल’
तीन तलाक बिल को राज्यसभा में पेश करने के बाद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कुछ लोगों को बिल में कुछ खामियां लगी, उन्हें लगा इसका दुरुपयोग हो सकता है तो हमने इसमें बदलाव किए। अब इसमें बेल और समझौता का प्रावधान भी रखा गया है। इस सवाल को वोट बैंक के तराजू पर न तौला जाए, यह सवाल नारी न्याय, नारी गरिमा और नारी उत्थान का सवाल है। एक तरफ हमारी बेटियां गोल्ड ला रही हैं, फाइटर प्लेन उड़ा रही हैं। चांद पर चंद्रयान भेजने वाली वैज्ञानिक बन रही हैं, वहीं हम उनसे उनकी आजादी एक परंपरा के नाम पर छीन रहे हैं


– मोदी सरकार की ऐतिहासिक कामयाबी, देश में तीन तलाक का अंत हुआ।
– राज्‍यसभा में बिल के पक्ष में 99 वोट और विपक्ष में 84 वोट पड़े।
– ऐतिहासिक तीन तलाक बिल राज्‍यसभा से भी हुआ पास।
– तीन तलाक पर फाइनल वोटिंग पूरी, सांसदों से पर्ची वापस ली गई। पर्चियों की गिनती हो रही है।
– तीन तलाक बिल का पारित होना तगभग तय।
– राज्‍यसभा में विपक्षी एकता ध्‍वस्‍त हुई।
– तीन तलाक बिल पर विपक्ष के अब तक के सभी बड़े संशोधन प्रस्‍ताव गिरे।
– तीन तलाक बिल पर दिग्विजय सिंह और हुसैन दलवई का संशोधन प्रस्‍ताव गिरा।
– PDP और BSP भी मतदान में शामिल नहीं हो रही हैं।
– तीन तलाक बिल पास करने की दिशा पहला कदम बढ़ा।
– सेलेक्‍ट कमेटी को नहीं भेजने के प्रस्‍ताव को 100 वोट मिले, सेलेक्‍ट कमेटी को भेजने के लिए 84 वोट मिले
– JDU, AIADMK और TRS ने किया वॉकआउट
– JDU और AIADMK के बाद TRS वोटिंग के दौरान मौजूद नहीं रहेगी।
– सभी सांसदों को पर्ची बांटी गई, स्‍पीकर ने सभी सदस्‍यों को अपनी सीटों पर बैठने के लिए कहा।
– AIADMK का संशोधन सेलेक्‍ट कमेटी को भेजने का प्रस्‍ताव गिरा।
– तीन तलाक बिल पर पर्ची के जरिए वोटिंग की प्रक्रिया शुरू।

-राज्‍यसभा में शिरोमणि अकाली दल ने तीन तलाक बिल का समर्थन किया है। राज्यसभा में सांसद नरेश गुजराल ने कहा कि तीन तलाक को क्रिमिनलाइज करने के प्रावधान का स्वागत है।


 

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