बेंगलूरू। कर्नाटक में सरकार बदलते ही एक बार फिर से टीपू सुल्तान के नाम पर जंग छिड़ गई है. भारी विरोध के बाद येडियुरप्पा सरकार ने टीपू सुल्तान की जयंती पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम को रद्द कर दिया है. बीजेपी के विधायक बोपैया ने मुख्यमंत्री येडियुरप्पा को चिट्ठी लिख कर कार्यक्रम को रद्द करने की मांग की थी. टीपू सुल्तान 18वीं सदी में मैसूर साम्राज्य के शासक थे.
सरकार ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि तुरंत प्रभाव से हज़रत टीपू सुल्तान की जंयती पर होने वाले कार्यक्रम को रद्द किया जाता है. बता दें कि साल 2015 में सिद्धारमैया के मुख्यमंत्री बनने के बाद से कर्नाटक में हर साल टीपू सुल्तान की जंयती मनाई जाती है. लेकिन हर बार बीजेपी इसका कड़ा विरोध करती आई है.
पिछले साल भी हुआ था विरोध
पिछले साल बीएस येदियुरप्पा ने राज्य सरकार से इस कार्यक्रम को रद्द करने की मांग की थी. उन्होंने कहा था ‘हमलोग टीपू सुल्तान की जयंती पर होने वाले कार्यक्रम का विरोध कर रहे हैं. कोई भी इसके हक़ में नहीं है. मैं चाहता हूं कि राज्य सरकार इसे बंद करे. सरकार इस कार्यक्रम के जरिए मुस्लिम समुदाय को खुश करना चाहती है.’
क्यों हो रहा है विरोध?
18वीं सदी में मैसूर के शासक रहे टीपू सुल्तान का जन्म 10 नवंबर 1750 को हुआ था. अंग्रेजों के खिलाफ 4 युद्ध लड़ने के चलते टीपू का कई लोग समर्थन करते हैं. लेकिन बीजेपी टीपू सुल्तान को हिंदूविरोधी शासक मानती है. ऐसे में कर्नाटक में हर साल उनकी जयंती मनाने पर जमकर विवाद होता है.