कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा ने जीता विश्वास प्रस्ताव, स्पीकर रमेश कुमार ने दिया इस्तीफा

Karnataka Floor Test: विश्वास प्रस्ताव पेश करते हुए येदियुरप्पा ने कहा था कि वह 'प्रतिशोध की राजनीत' में लिप्त नहीं होंगे और वह 'भूलने एवं माफ करने के सिद्धांत' में विश्वास करते हैं.

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  • कर्नाटक विधानसभा स्पीकर केआर रमेश कुमार ने 14 और बागी विधायकों को अयोग्या करार दे दिया है. इनमें 11 कांग्रेस और तीन जेडीएस के विधायक शामिल हैं. इस लिहाज से 104 विधायक और एक आरक्षित सीट मिलाकर 105 सीटों का जादुई आंकाड़ा सत्ता हासिल करने के लिए अब जरूरी था. येडियुरप्पा ने आसानी से फ्लोर टेस्ट क्लियर कर लिया.

नई दिल्ली/बेंगुलूरू । कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने अपनी तीन दिन पुरानी सरकार का बहुमत सोमवार को विधानमसभा में हासिल कर लिया. येदियुरप्पा ने कम संख्या बल वाली विधानसभा में एक पंक्ति का प्रस्ताव पेश किया जिसमें कहा गया कि सदन को उनके नेतृत्व वाली सरकार में भरोसा है.

 

अपनी टिप्पणी में येदियुरप्पा ने कहा कि वह ‘प्रतिशोध की राजनीत’ में लिप्त नहीं होंगे और वह ‘भूलने एवं माफ करने के सिद्धांत’ में विश्वास करते हैं. उन्होंने कहा कि प्रशासनिक तंत्र पटरी से उतर चुका है और उनकी प्राथमिकता इसे वापस पटरी पर लाने की है. भाजपा के विश्वास मत आसानी से हासिल करने की उम्मीद है क्योंकि विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार द्वारा 17 बागी विधायकों को रविवार को अयोग्य घोषित किए जाने के बाद 225 सदस्यीय विधानसभा में सदस्यों की संख्या घट कर 208 रह गई.

 

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा ने राज्य विधानसभा में जीता विश्वास प्रस्ताव

 

 

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा ने राज्य विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश करते हुए कहा, “जब सिद्धारमैया और एच.डी. कुमारस्वामी मुख्यमंत्री थे, उन्होंने बदले की राजनीति नहीं की थी… प्रशासन नाकाम रहा, और हम उसे सही कर देंगे… मैं सदन को आश्वासन देता हूं कि हम भी बदले की राजनीति नहीं करेंगे… मैं ‘भूल जाओ और माफ करो’ में विश्वास करता हूं…”

स्पीकर रमेश कुमार ने पद छोड़ा

 

कर्नाटक में बीएस येदियुरप्पा ने अपनी सरकार का बहुमत साबित कर दिया है. इसी बीच स्पीकर रमेश कुमार ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने कहा कि मैं पद को छोड़ना चाहता हूं और जो डिप्टी स्पीकर है अभी वह इस पद को संभालेंगे.

अयोग्य ठहराए गए बागी विधायक, जाएंगे कोर्ट

कर्नाटक विधानसभा में विश्वास मत से ठीक एक दिन पहले, रविवार को विधानसभा अध्यक्ष के. आर. रमेश कुमार ने कांग्रेस और जनता दल-सेकुलर (जद-एस) के 14 बागी विधायकों को अयोग्य करार दिया. अपनी पार्टियों द्वारा व्हिप जारी किए जाने के बावजूद ये विधायक 23 जुलाई को सदन में उपस्थित नहीं हुए थे. इसके बाद कर्नाटक में कुमारस्वामी की सरकार गिर गई थी.

इससे पहले भी तीन विधायक अयोग्य ठहराए गए थे. ऐसे में अयोग्य ठहराए गए विधायकों की संख्या 17 हो गई है. अयोग्य घोषित किए जाने के बाद सभी 14 विधायकों ने निर्णय के खिलाफ शीर्ष न्यायालय जाने का फैसला किया है. बागी विधायकों ने कहा कि कांग्रेस और जद (एस) द्वारा 23 जुलाई को सत्र में भाग लेने के लिए उन्हें एक व्हिप जारी करने से पहले ही उनकी संयुक्त याचिकाओं पर 11 जुलाई को न्यायालय ने उनके इस्तीफे स्वीकार करने के निर्देश दिए थे.

क्या है कर्नाटक विधानसभा का गणित

17 विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के बाद कर्नाटक विधानसभा में अब विधायकों की संख्या 207 रह गई है. जिससे सदन में बहुमत का आंकड़ा 104 का रह गया है. कुमारस्वामी सरकार के फ्लोर टेस्ट में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार के पक्ष में 99 और बीजेपी के पक्ष में 105 वोट पड़े थे. इस लिहाज से बीजेपी को 105 विधायकों का समर्थन हासिल है.

बड़ी पार्टी होने के बाद भी भाजपा हुई थी फेल

इससे पहले भाजपा 225 सदस्यों वाली विधानसभा में साधारण बहुमत के लिए आवश्यक 113 की संख्या नहीं जुटा पाई और 9 सदस्यों की कमी रह गई थी. वर्ष 2018 के विधानसभा के चुनाव में मिले खंडित जनादेश के कारण त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति पैदा हो गई थी.

कोई भी पार्टी बहुमत के आंकड़े (113 सीटें) को नहीं छू पाई थी. इस चुनाव में भाजपा को सबसे अधिक 104 सीटें, कांग्रेस को 80 और जनता दल-सेकुलर (जेडी-एस) को 37 सीटों पर जीत हासिल हुई थी.

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