कोर्ट में सिपाही की वर्दी उतरवाने पर जज का हुआ ट्रांसफर, कार को साइड नहीं देने पर दी थी सजा
जज द्वारा सजा दिए जाने के बाद कांस्टेबल परेशान थे, उन्होंने वॉलंटरी रिटायरमेंट के लिए आवेदन दे दिया. कथित तौर पर वह आगरा पुलिस प्रमुख के सामने रो पड़े.
आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा की जिला अदालत में एक जज का इसलिए तबादला कर दिया गया, क्योंकि उन्होंने कथित तौर पर एक पुलिसकर्मी को वर्दी उतारने और कोर्ट में एक घंटे तक खड़े रहने के आदेश दिए थे. मामला शनिवार का है, बताया जा रहा है कि ऐसी खबरें आने के कुछ घंटों बाद ही जज का तबादला कर दिया गया. आगरा के एक अखबार में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक जज ने स्थानीय पुलिस यूनिट में तैनात कांस्टेबल-कम-ड्राइवर को तलब किया था. बताया जा रहा है कि घूरे लाल नाम के ड्राइवर ने कोर्ट के पास करीब दो किलोमीटर जज की गाड़ी को साइड नहीं दी थी. घूरे लाल उस वक्त पुलिस वैन चला रहे थे. जज एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के पद पर हैं.
DGP UP OP Singh has taken the issue of ordering a constable in uniform to disrobe in a court very seriously & taken it up at t appropriate level. We stand by t dignity of each & every Police Personnel & appeal to all t sections of society to respect the honour of uniformed forces
— UP POLICE (@Uppolice) July 27, 2019
We thank our DGP OP Singh for standing by the honour of the lowest rung of the police force & for keeping the morale of force intact. https://t.co/GNSLmXBxqN
— UP POLICE (@Uppolice) July 27, 2019
जज द्वारा सजा दिए जाने के बाद कांस्टेबल परेशान थे, उन्होंने वॉलंटरी रिटायरमेंट के लिए आवेदन दे दिया. कथित तौर पर वह आगरा पुलिस प्रमुख के सामने रो पड़े. दोपहर में यूपी पुलिस ने ट्वीट किया, ‘डीजीपी यूपी ओपी सिंह ने कोर्ट द्वारा कांस्टेबल की वर्दी उतारने के आदेश को गंभीरता से लिया है और इस मुद्दे को उचित जगह उठाया. हम प्रत्येक पुलिसकर्मी की गरिमा के साथ खड़े हैं और समाज के सभी वर्गों से सुरक्षाबलों का सम्मान करने की अपील करते हैं.’ इसके कुछ घंटे बाद ही इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जज के तबादले के आदेश जारी कर दिए. हालांकि, जज की ओर से इस रिपोर्ट पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.