आतंकवाद के खिलाफ बड़े ऑपरेशन की तैयारी, NSA डोभाल ने ली अफसरों की बैठक
पाकिस्तानी आतंकवादी जम्मू-कश्मीर में बड़े हमले को अंजाम देने की योजना बना रहे हैं. यही वजह है कि कश्मीर घाटी में अर्धसैनिक बलों की 100 कंपनियां तैनात की गई हैं.
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर पर बड़े आतंकी हमले का खतरा मंडरा रहा है. इस खतरे के मद्देनजर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने काउंटर टेररिस्ट ग्रिड की अहम बैठक की. सूत्रों की मानें तो सुरक्षा एजेंसियों के पास आतंकी हमले का इनपुट है. इस इनपुट के मुताबिक, पाकिस्तानी आतंकवादी समूह जम्मू-कश्मीर में बड़े हमले को अंजाम देने की योजना बना रहे हैं. यही वजह है कि कश्मीर घाटी में अर्धसैनिक बलों की 100 कंपनियां तैनात की गई हैं.
शुक्रवार को गृह मंत्रालय ने एक बयान जारी किया था जिसके मुताबिक घाटी में सीआरपीएफ की 50, बीएसएफ की 10, एसएसबी की 30, आईटीबीपी की 10 कंपनियां तैनात की जाएंगी.
बता दें कि आतंकवादी 15 अगस्त या उसके आसपास आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की फिराक में रहते हैं. कई बार आतंकियों ने घाटी के रास्ते देश के विभिन्न हिस्सों में आतंकी हमले को अंजाम देने का प्लान तैयार किया, जिसे सुरक्षा एजेंसियों ने नाकाम कर दिया. घाटी में आतंकवादी गतिविधियों को देखते हुए नरेंद्र मोदी सरकार कोई जोखिम मोल लेना नहीं चाहती.
Top govt sources: NSA Ajit Doval had held a meeting of counter-terrorism grid in Jammu and Kashmir in view of this major terrorist attack threat in the Kashmir valley.
The decision to deploy the troops is to further strengthen the counter terrorist grid in the state. https://t.co/3aIwuruuUX— ANI (@ANI) July 28, 2019
कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ जारी है जिसके खिलाफ सुरक्षा बल मुस्तैदी से डटे हुए हैं और कड़ी कार्रवाई कर रहे हैं. शनिवार को शोपियां में सुरक्षा बलों ने दो आतंकियों को ढेर कर दिया. मारे गए दो आतंकवादियों में से एक जैश-ए-मुहम्मद (जेईएम) का पाकिस्तानी आतंकवादी मुन्ना लाहौरी था. वह आईईडी बनाने में माहिर था.
पुलिस की ओर से जारी किए गए बयान के अनुसार, बोनबाजार क्षेत्र में मुठभेड़ में मारा गया दूसरा आतंकवादी जीनातुल इस्लाम कश्मीरी था. वह तुर्कवांगम गांव का था. मारे गए दोनों आतंकवादी संगठन जेईएम से जुड़े थे. मारा गया जैस आतंकवादी मुन्ना लाहौरी, 30 मार्च को बनिहाल में सुरक्षा बल के काफिले पर बमबारी करने और 17 जून को पुलवामा के अरिहाल में एक सेना के वाहन को विस्फोट से उड़ाने का जिम्मेदार था.