खुलासा: भारत के खिलाफ बड़ी लड़ाई की तैयारी में जुटा है पाकिस्तान
पाकिस्तान अब भारत के खिलाफ बड़ी लड़ाई की तैयारी में लगा है. रक्षा मंत्रालय की एक रिपोर्ट भी इस बात की तस्दीक करती है कि पाकिस्तान ने अपनी सैन्य तैयारियों में इजाफा किया है और भारत के लिए उसके कुचक्र रचने में कमी नहीं आई है
नई दिल्ली। ऐसा लगता है कि वित्तीय बदहाली के बाद भी पाकिस्तान गुपचुप तरीके से फिर बड़ी साजिश रच रहा है. जिस तरह पाकिस्तान अपनी सेनाओं के विस्तार के साथ परमाणु जखीरे को बढ़ाने में जुटा हुआ है, उससे लगता है कि वो भारत के खिलाफ एक बड़ी लड़ाई की तैयारी कर रहा है. खुद भारतीय रक्षा मंत्रालय की एक रिपोर्ट ये मान रही है कि पाकिस्तान के इरादे सही नहीं हैं, ना ही भारत को लेकर उसके गंदे इरादों में कोई बदलाव आया है.
पाकिस्तान जिस तरह अपनी सेना का विस्तार कर रहा है और परमाणु हथियारों को साल-दर-साल बढ़ा रहा है, वो भारत के लिए चौकन्ना होने की स्थिति है. ये भी माना जा रहा है कि अगर अबकी बार बड़ी लड़ाई हुई तो पाकिस्तान परमाणु हथियारों का उपयोग करने से बाज नहीं आएगा. एक अमेरिकी रिपोर्ट ये भी कहती है कि पाकिस्तान पिछले कुछ सालों में एक नए तरह का न्यूक्लियर शस्त्र बनाने की भी कोशिश में लगा था.
भारतीय रक्षा मंत्रालय की हाल में जारी सालाना रिपोर्ट पाकिस्तान के इरादों की तस्दीक करती है. रिपोर्ट कहती है कि पाकिस्तान की मंशा में कोई बदलाव नहीं आया है बल्कि वो फिर से कोई नया कुचक्र रचने में लग गया है.
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट हर साल परमाणु हथियारों को लेकर एक ईयर बुक जारी करता है. उसकी वर्ष 2019 की ईयर बुक कहती है कि भारत और फ्रांस ऐसे देश हैं, जिन्होंने कुछ सालों से परमाणु हथियार बनाने का काम रोक दिया है. वहीं रूस और अमेरिका जैसे देश अपने न्यूक्लियर वॉरहेड्स में कटौती कर रहे हैं. लेकिन पाकिस्तान और चीन दो ऐसे देश हैं, जो लगातार न्यूक्लियर वॉरहेड बनाने में लगे हैं.
पाकिस्तान के पास भारत से ज्यादा परमाणु हथियार
बुलेटिन ऑफ एटॉमिक साइंटिस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के पास फिलहाल 150 के आसपास न्यूक्लियर वॉरहेड्स यानि परमाणु बम हैं. लेकिन उसने न्यूक्लियर वॉरहेड्स के लिए जरूरी पार्ट्स भी बनाकर अलग-अलग गुप्त ठिकानों पर रखे हुए हैं ताकि जरूरत पड़ने पर तुरत-फुरत उन्हें असेंबल भी कर सके. माना जा रहा है कि पाकिस्तान हर साल पांच से दस परमाणु हथियार बना रहा है.
दुनिया में फिलहाल 13,863 न्यूक्लियर वॉरहेड्स हैं. जिसमें सबसे ज्यादा अमेरिका और रूस के पास हैं. हालांकि अमेरिका और रूस दोनों देशों ने पिछले एक साल में इस भंडार में क्रमशः 350 और 250 शस्त्रों की कमी की है.
सिपरी ईयर बुक 2019 की रिपोर्ट कहती है कि दुनियाभर में नौ देशों के पास परमाणु हथियार बनाने की क्षमता है, जो अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन, चीन, पाकिस्तान, भारत, इजरायल और उत्तर कोरिया है. इसमें चीन और पाकिस्तान दोनों के बारे में कहा जा रहा है कि वो लगातार वॉरहेड्स बना रहे हैं.
यही रफ्तार रही तो पाकिस्तान वर्ष 2025 तक 250 से ऊपर परमाणु बम बना चुका होगा. तब भारत के लिए खतरा भी उतना ही बढ़ जाएगा. ये तो साफ है कि पाकिस्तान के सारे सैन्य और परमाणु हथियार प्रोग्राम के निशाने पर कोई और नहीं बल्कि अकेला भारत ही है. अरसे से पाकिस्तान के सैन्य अफसर और नेता इसे बेहिचक स्वीकार भी करते रहे हैं.
नौ गुप्त ठिकानों पर पाक ने छिपा रखे हैं परमाणु हथियार
अंतरिक्ष में चक्कर लगाती हुईं दुनियाभर की कामर्शियल और सैन्य सेटेलाइट्स की मानें तो कह सकते हैं कि पाकिस्तान ने अपने परमाणु बम गुप्त तरीके से उन सैन्य ठिकानों के पास छिपाकर रखे हैं, जहां उसके पास मिसाइल लॉन्चिंग या एयरफोर्स बेस की सुविधाएं हैं. दो साल पहले फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स की एक रिपोर्ट ने जाहिर किया कि पाकिस्तान के पास ऐसे नौ गुप्त ठिकाने हैं, जो देश में अलग अलग हिस्सों में हैं.
अमेरिका के जाने माने न्यूक्लियर एक्सपर्ट और लेखक हेंस क्रिस्टेंसन ने कहा कि पाकिस्तान ने आमतौर पर एयरफोर्स बेस के आसपास न्यूक्लियर वॉरहेड्स और उनके पार्ट्स के ठिकाने बना रखे हैं.
दो साल पहले पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री शाहिद खाकन अब्बासी ने भी कहा था कि उनके देश के परमाणु हथियार अलग-अलग जगहों पर खासी सुरक्षा के बीच गुप्त तरीके से रखे हैं.
हाल में ये रिपोर्ट्स भी आईं कि पाकिस्तान अपने प्रांत पंजाब में परमाणु हथियारों के भंडारण के लिए एक तीन मंजिला विशालकाय बिल्डिंग तैयार करा रहा है. ये कई स्तर की सुरक्षा से लैस होगी. इसमें बड़े पैमाने पर परमाणु हथियार रखे जा सकेंगे. दरअसल न्यूक्लियर वॉरहेड्स का एक गुप्त ठिकाना बलूचिस्तान में था, जिसे अब वहां के बेकाबू हालात के बाद असुरक्षित माना जा रहा है, भविष्य में वहां रखे परमाणु हथियार पंजाब के नए गुप्त ठिकाने में स्थानांतरित हो जाएंगे.
पाकिस्तान को लगातार मिलती है चीन से मदद
आर्म्स कंट्रोल एसोसिएशन की रिपोर्ट कहती है कि पाकिस्तान ना केवल यूरेनियम का संवर्द्धन कर रहा है बल्कि प्लूटोनियम का उत्पादन भी कर रहा है. पाकिस्तान अपने परमाणु शस्त्र प्रोग्राम में लगातार चीन और उत्तर कोरिया से सहयोग का आदान-प्रदान करता रहा है.
पाकिस्तान के दावे में कितना दम
पाकिस्तान बेशक दावा करता हो कि उसने लंबी दूरी तक मार करने वाली शाहीन-3 मिसाइल तैयार कर ली है, जो भारत में अंडमान निकोबार तक मार कर सकती है लेकिन दुनियाभर के वैज्ञानिकों को उसके लंबी दूरी के मिसाइल लॉन्चिंग प्रोग्राम पर शक है. ये जरूर कहा जा सकता है कि वो छोटी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलों के इस्तेमाल में जरूर सक्षम है. अगर भारत और पाकिस्तान के बीच भविष्य में कोई युद्ध हुआ तो पंजाब के कई जिले और सीमावर्ती इलाके जरूर परमाणु हथियारों की ज़द में आ सकते हैं.
क्या पाकिस्तान की कोई परमाणु नीति है
भारत और पाकिस्तान के बीच चार लड़ाईयां हो चुकी हैं. माना जा रहा है कि जिस तरह से दोनों देशों के संबंधों में उतार-चढ़ाव आता रहता है, उसमें कभी भी कोई बड़ी लड़ाई मुमकिन है. भारत हमेशा कहता रहा है कि वो कभी पहले खुद किसी देश के खिलाफ परमाणु हथियारों का इस्तेमाल नहीं करेगा लेकिन पाकिस्तान ने कभी ऐसी कोई प्रतिबद्धता नहीं जाहिर की है. अक्सर इस बारे में पूछे जाने वाले सवालों पर पाकिस्तान के नेता कन्नी काट लेते हैं. यहां तक पाकिस्तान अपने परमाणु कार्यक्रम की कोई जानकारी अंतरराष्ट्रीय बिरादरी को भी नहीं देता.
कैसे पाकिस्तान के पास आया परमाणु बम
बंटवारे के बाद ही 1950 के दशक से पाकिस्तान की आकांक्षा परमाणु हथियार संपन्न देश बनने की थी लेकिन उसके अरमान पूरे नहीं हो पाए. 1971 की लड़ाई में जब पाकिस्तान को भारत के हाथों बुरी पराजय का सामना करना पड़ा और साथ ही बांग्लादेश टूटकर अलग देश बन गया तो ये उसके लिए बड़ा झटका था.
इस पराजय के एक महीने बाद तब तत्कालीन पाकिस्तानी प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो ने देश के आला 50 वैज्ञानिकों की मीटिंग बुलाई. इसमें उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को किसी भी हालत में परमाणु बम चाहिए ताकि हम दुनिया में सिर उठा सकें. उस समय भुट्टो की एक बात बहुत प्रचारित हुई थी कि पाकिस्तान के लोग घास खाकर रह लेंगे लेकिन उन्हें न्यूक्लियर हथियार चाहिए.
1974 में जब भारत ने पोखरण में परमाणु परीक्षण किया तो पाकिस्तान को ये कहने का मौका मिल गया कि अब तो उनके लिए परमाणु बम की ताकत हासिल करना और भी जरूरी हो गया है. पाकिस्तान की ये कोशिश 1998 में जाकर साकार हुई. पाकिस्तान के वैज्ञानिक अब्दुल कादिर ने नीदरलैंड से तकनीक चुराई और चीन ने उनकी मदद की. कादिर की इस चोरी में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने भी उनकी भरपूर मदद की.
बिलबिलाया हुआ है पाकिस्तान
भारत के बालाकोट में एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान बिलबिलाया हुआ है. इसके बाद ही पाकिस्तान में सेना को मजबूत करने के साथ उसे विस्तार देने की कोशिशें जोर-शोर से जारी हैं. पाकिस्तान में भले आर्थिक बदहाली ने हालत पस्त की हुई हो लेकिन पाकिस्तान के दो कामों में फंड कतई आड़े नहीं आने दिया जा रहा है, इसमें एक है सेना के लिए लगातार महंगे हथियारों की खरीदी और सैनिकों की लगातार भर्ती, दूसरा काम है परमाणु हथियारों की संख्या को लगातार बढ़ाते जाना. ये दोनों बातें जाहिर करती हैं कि पाकिस्तान बिलबिलाया हुआ है, उसकी मंशा सही नहीं हैं. हालांकि पाकिस्तान को हर बार भारत से मात खानी पड़ी है. ये भी बेहतर है कि रक्षा मंत्रालय की सालाना रिपोर्ट ना केवल आगाह करती है बल्कि वो पाकिस्तान के मंसूबों को पहचान भी रही है.