अमेरिका से लौटते ही इमरान को वर्ल्ड बैंक ने दिया झटका, बढ़ेंगी मुश्किलें

पाकिस्तान के प्रमुख अखबार 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' की रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ल्ड बैंक की ड्राफ्ट रिपोर्ट में आर्थिक प्रबंधन के सभी 31 पैमानों पर पाकिस्तान की रैंकिंग गिर गई है. वर्ल्ड बैंक के मूल्यांकन में पाकिस्तान सरकार के बजट ने अपनी विश्वसनीयता खो दी है और उसका वित्तीय प्रबंधन बुरी तरह असफल करार दिया गया है.

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नई दिल्ली। यूएस के तीन दिवसीय दौरे से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान गुरुवार को लौटे हैं. पाकिस्तान में इमरान के यूएस दौरे की कामयाबी की चर्चा अभी खत्म भी नहीं हुई थी कि वर्ल्ड बैंक ने पाकिस्तान को नया झटका दे दिया है.

पाकिस्तान के प्रमुख अखबार ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ल्ड बैंक की ड्राफ्ट रिपोर्ट में आर्थिक प्रबंधन के सभी 31 पैमानों पर पाकिस्तान की रैंकिंग गिर गई है. वर्ल्ड बैंक के मूल्यांकन में पाकिस्तान सरकार के बजट ने अपनी विश्वसनीयता खो दी है और उसका वित्तीय प्रबंधन बुरी तरह असफल करार दिया गया है.

 

अमेरिका से लौटते ही इमरान को वर्ल्ड बैंक ने दिया झटका, बढ़ेंगी मुश्किलें

विश्व बैंक ने जून महीने में पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय के साथ ‘सार्वजनिक व्यय और वित्तीय जिम्मेदारी’ (PEFA) द्वारा तैयार किए गए फाइनल ड्राफ्ट को शेयर किया है. इस रिपोर्ट में वित्तीय वर्ष 2015-16 से लेकर 2017-18 के दौरान पाकिस्तान के बजट और आर्थिक प्रबंधन का मूल्यांकन किया गया है.

इस रिपोर्ट से पता चलता है कि पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय का प्रदर्शन बेहद खराब रहा है. मंत्रालय अपने वित्तीय उत्तरदायित्व को निभाने में असफल रहा और वित्तीय नियमों का गंभीर उल्लंघन होने दिया. पाकिस्तान वर्ल्ड बैंक पर अपनी रिपोर्ट में नरमी बरतने के लिए दबाव डाल रहा था लेकिन वर्ल्ड बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एक्सप्रेस ट्रिब्यून से कहा कि कर्जदाता की तरफ से रिपोर्ट फाइनल हो चुकी है.

बजट अनुशासन, सरकार के भीतर पारदर्शिता, वित्तीय ऑपरेशन समेत आर्थिक प्रबंधन के तमाम संकेतकों पर पाकिस्तान का निराशाजनक प्रदर्शन रहा. सूत्रों के मुताबिक, वित्त मंत्रालय के तमाम धड़े एक-दूसरे पर दोषारोपण कर रहे थे लेकिन इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की गई.

 

2012 में भी वर्ल्ड बैंक ने पाकिस्तान के वित्त प्रबंधन को लेकर ऐसा ही मूल्यांकन किया था. 2012 की तुलना में पाकिस्तान का लगभग सभी पैमानों पर प्रदर्शन और खराब हुआ है. 2012 में पाकिस्तान को वर्ल्ड बैंक ने 5 ए ग्रेड दिए थे लेकिन 2019 के मूल्यांकन में एक भी ऐसा संकेतक नहीं था जिसमें उसे ए ग्रेड मिला हो.

ड्राफ्ट के मुताबिक, पाकिस्तान को वित्तीय अनुशासन की कमी, कम राजस्व संग्रहण, खराब राजस्व प्रशासन और पारदर्शिता की कमी की वजह से बजट की विश्वसनीयता पर सबसे खराब ग्रेड ‘डी’ मिला है. रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान ने प्रभावी कैश मैनेजमेंट सिस्टम विकसित नहीं किया है जिसकी वजह से सरकारी संस्थाएं जनता का पैसा निजी कॉमर्शियल बैंकों में भेजने की मंजूरी देती हैं. 2017 के अंत में निजी बैंकों के 450,000 खातों में 2.3 ट्रिलियन रुपए जमा किए गए और इस पैसे का ऑडिट नहीं किया जा सका. पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय ने रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया और कहा कि रिपोर्ट को अभी तक अंतिम रूप नहीं दिया गया है.

 

वर्ल्ड बैंक ने पाकिस्तान की सरकार और यूरोपीय यूनियन के साथ मिलकर रिपोर्ट तैयार की है. इस रिपोर्ट में तीन वित्तीय वर्ष 2015-16, 2016-17 और 2017-18 को शामिल किया गया है जिसमें पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) की सरकार का कार्यकाल शामिल है.

रिपोर्ट में जिन बिंदुओं पर चिंता जताई गई है, उन पर वित्तीय वर्ष 2018-19 में भी ध्यान नहीं दिया गया है जो इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ सरकार का पहला साल है.
ड्राफ्ट रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान के व्यय और राजस्व में साफ तौर पर वित्तीय अनुशासन की कमी झलकती है. इस रिपोर्ट को लेकर विपक्ष अभी से इमरान खान पर हमलावर हो गया है. विपक्षी पार्टी की मरयम नवाज शरीफ ने आर्थिक पैमानों पर नाकामी की रिपोर्ट्स शेयर करते हुए लिखा, अक्षम लोगों का असली प्रदर्शन. हालांकि, लोगों ने उन्हें याद दिलाया कि इसमें उनके पिता नवाज शरीफ के कार्यकाल के तीन वित्तीय वर्ष भी शामिल हैं.

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