कांग्रेस का फैसला- मौजूदा फॉर्मेट में तीन तलाक बिल का करेगी विरोध, आरजेडी और एनसीपी भी खिलाफ
लोकसभा में आज 'तीन तलाक विधेयक' पर चर्चा और बिल के पास होने की संभावना है. चर्चा दोपहर 12:30 बजे शुरू होने की संभावना है. बीजेपी ने अपने सभी सांसदों के लिए व्हिप जारी किया है.
तीन तलाक बिल में क्रिमिनैलिटी क्लॉज यानी सजा विवादास्पद मुद्दा बना हुआ है. इसी के चलते यह बिल पिछली बार राज्यसभा में पास नहीं हो पाया था. विपक्षी दल बिल को हिंदू और ईसाई विवाह कानून में तलाक से जुड़े कानून की बराबरी में लाने के लिए इस क्लॉज को हटाए जाने की मांग कर रहे हैं. लोकसभा में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और असदुद्दीन ओवैसी की समेत कई विपक्षी दल तीन तलाक पर बने कानून का विरोध करते आ रहे हैं. विपक्षी दलों का तर्क है कि पति के जेल जाने के बाद महिला के गुजारा भत्ता का क्या होगा?
तीन तलाक बिल पर अब तक क्या क्या हुआ?
बता दें कि सरकार पहली बार…. को पहली बार तीन तलाक बिल को लोकसभा में लेकर आई थी. बिल लोकसभा में दिसंबर 2018 में पास हो गया लेकिन राज्यसभा से बिल पास नही हो सका. इसके बाद सरकार तीन बार अध्यादेश ला चुकी है. अध्यादेश की उम्र सिर्फ 6 महीने के लिए ही होती है. आखिरी अध्यादेश 21 फरवरी 2019 को आया था. नरेंद्र मोदी सरकार ने मई में अपना दूसरा कार्यभार संभालने के बाद पहले सत्र में सबसे पहले विधेयक का मसौदा पेश किया था.
कई विपक्षी दलों ने इसका कड़ा विरोध किया है, लेकिन सरकार का यह कहना है कि यह विधेयक लैंगिक समानता और न्याय की दिशा में एक कदम है. बिल पेश करने से पहले लोकसभा में वोटिंग कराई गई, बिल पेश करने के पक्ष में 186 वोट और विपक्ष में 74 वोट पड़े. आज इस बिल पर लोकसभा में चर्चा होगी कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद आखिर में सवालों का जवाब देंगे. लोकसभा में पास होने बाद बिल राज्यसभा जाएगा.