दक्षिण कोरिया का दावा- उत्तर कोरिया ने दागी 2 मिसाइलें, दुनिया में मची हलचल

जून के अंत में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के बीच हुई मुलाकात के बाद पहली मिसाइल लॉन्चिंग है. उत्तर कोरिया ने इससे पहले 9 मई को परीक्षण किया था, जिसमें दो मिसाइलें लॉन्च की गई थीं.

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नई दिल्ली. दक्षिण कोरिया ने दावा किया है कि उत्तर कोरिया ने गुरुवार को 2 छोटी दूरी की मिसाइलों को समुद्र में दागा है. दक्षिण कोरिया के संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ (जेसीएस) ने कहा कि उत्तर पूर्वी तटीय शहर वॉनसन के चारों ओर से दागी गई मिसाइलों ने देश के पूर्वी तट से पानी में उतरने से लगभग 430 किलोमीटर पहले उड़ान भरी.

न्यूज एजेंसी सिन्हुआ ने बताया कि जेसीएस के अनुसार, उत्तर कोरिया ने स्थानीय समय अनुसार गुरुवार तड़के 5.34 बजे और उसके बाद 5.57 बजे वॉनसन क्षेत्र से दो अज्ञात प्रक्षेपण किए. जेसीएस ने कहा कि और ज्यादा प्रक्षेपण होने की स्थिति में हमारी सेना निगरानी बनाए हुए है और किसी भी स्थिति के लिए तैयार है. जेसीएस ने कहा कि दक्षिण कोरिया और अमेरिकी खुफिया विभाग जांच कर रहे हैं कि उत्तर कोरिया ने किसका प्रक्षेपण किया है.

जून के अंत में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के बीच हुई मुलाकात के बाद पहली मिसाइल लॉन्चिंग है. उत्तर कोरिया ने इससे पहले 9 मई को परीक्षण किया था, जिसमें दो मिसाइलें लॉन्च की गई थीं. इन दोनों मिसाइलों के साथ-साथ छोटे रॉकेट भी शामिल थे.

जून में हुई ट्रम्प और किम की मुलाकात के बाद किम ने इस बात का भरोसा दिलाया था कि उत्तर कोरिया अब कोई परमाणु कार्यक्रम जारी नहीं रखेगा. हालांकि, ट्रम्प के साथ हुई दो मुलाकातें भी बेअसर दिख रही हैं क्योंकि उत्तर कोरिया लगातार मिसाइल टेस्ट कर रहा है.

जापान ने इस परीक्षण पर कहा है कि इन मिसाइलों से उसके समुद्री क्षेत्र में कोई असर नहीं हुआ है. मंगलवार को न्यूज एजेंसी केसीएनए ने इस बात की जानकारी दी कि किम जोंग उन ने मिसाइल कार्यक्रम के अधिकारियों के साथ एक बड़ी नव निर्मित पनडुब्बी का निरीक्षण किया था. किम का यह कदम इस बात कि ओर इंगित करता है कि वो आगे भी पनडुब्बी-लॉन्च बैलिस्टिक मिसाइल (SLBM) कार्यक्रम के विकास को जारी रखेंगे.

किम की तरफ से यह मिसाइल परीक्षण अगस्त में होने वाले दक्षिण कोरिया और अमेरिका के बीच सैन्य युद्धाभ्यास से पहले किया गया है. ऐसे में इस बात का अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस परीक्षण के कारण कोरियाई प्रायद्वीप में तनाव उत्पन्न हो सकते हैं. इधर, किम ने भी अपनी मंशा जाहिर करते हुए कहा कि दक्षिण कोरिया और अमेरिका के बीच होने वाले सैन्य युद्धाभ्यास से हमारे और अमेरिका के बीच चल रही वार्ता पर असर पड़ सकता है.

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