नई दिल्ली: देश भर में कई नेताओं और जन प्रतिनिधियों का सुरक्षा कवर केंद्र द्वारा हटाये जाने के बाद केंद्रीय सुरक्षा बलों को 1,300 से अधिक कमांडो वापस मिले हैं. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि गृह मंत्रालय ने इस हफ्ते की शुरूआत में करीब 350 अति विशिष्ट व्यक्तियों (वीआईपी) की सुरक्षा समीक्षा की थी. उन्होंने बताया कि इस समीक्षा के बाद केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), केद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) और दिल्ली पुलिस के 1,300 से अधिक सुरक्षाकर्मी वीआईपी सुरक्षा कार्य से मुक्त हुए हैं.
एक अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के करीब 3,000 कमांडों अब भी केंद्र सरकार के वीआईपी सुरक्षा इंतजाम का हिस्सा रहेंगे. ऐसे कई लोग जिनकी वीआईपी सुरक्षा वापस ली गई है उन्हें राज्य पुलिस सुरक्षा प्रदान करेगी. कुछ खास मामलों में, जिनमें सुरक्षा पाने वाला व्यक्ति दिल्ली में है तो दिल्ली पुलिस उनकी सुरक्षा जरूरतों को पूरा करेगी. उन्होंने बताया कि ताजा समीक्षा एक नियमित कदम है, जो ऐसे लोगों को होने वाले खतरों को ध्यान में रख कर मुहैया किया जाता है. उन्होंने बताया कि यह समीक्षा काफी समय से लंबित थी.
गौरतलब है कि गृह मंत्रालय ने वीआईपी सुरक्षा पाने वालों का केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में सोमवार को पहली बार पूर्ण समीक्षा की. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की ‘जेड प्लस’ सुरक्षा के अलावा बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद, बीजेपी सांसद राजीव प्रताप रूडी, बीजेपी के पूर्व सांसद कीर्ति आजाद और शत्रुघ्न सिन्हा, हिमाचल प्रदेश के नव नियुक्त राज्यपाल कलराज मिश्रा, पूर्व लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार आदि की ‘जेड’ सुरक्षा वापस ले ली गई.