कर-नाटक: देर रात तक सदन में चला ड्रामा, कुमारस्वामी के फ्लोर टेस्ट पर आज वोटिंग

कर्नाटक सरकार में कांग्रेस के 79 विधायकों में 13 और जेडीएस के 37 विधायकों मे से 3 ने इस्तीफा दे दिया है. इसके बाद कुमारस्वामी सरकार संकट में है.

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बेंगुलूरू। कर्नाटक का सियासी नाटक पिछले 21 दिन से जारी है. हर बार नई डेडलाइन दी जाती है, लेकिन एचडी कुमारस्वामी सरकार का फ्लोर टेस्ट नहीं हो पाता. सोमवार को भी देर रात जनता दल सेक्यूलर-कांग्रेस विधायकों के साथ बीजेपी विधायकों का टकराव होता रहा. बीजेपी विधायक विश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग को लेकर अड़े रहे. इसके बाद स्पीकर केआर रमेश कुमार ने सदन को सुबह 10 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया. स्पीकर ने कुमारस्वामी सरकार को हर हालत में मंगलवार शाम 6 बजे तक बहुमत साबित करने को कहा है. फ्लोर टेस्ट होने तक सदन की कार्यवाही स्थगित नहीं हो पाएगी.

 

सोमवार को दिन से रात तक चले विधायकों के टकराव के बीच स्पीकर ने कड़ी फटकार लगाई. स्पीकर केआर रमेश कुमार ने कहा- ‘मैं रात 12 बजे तक सदन में बैठने को तैयार हूं. आप यह क्या कर रहे हैं. दुनिया देख रही है. हमें अपने लक्ष्य तक पहुंचना चाहिए.’ उन्होंने कहा कि आप मुझे उस मोड़ पर मत ले जाएं, जहां मुझे आपसे बिना पूछे फैसला लेना पड़े. इसके नतीजे विनाशकारी होंगे.

वायरल हुआ कुमारस्वामी का झूठा इस्तीफा
इसके पहले सोमवार को मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के इस्तीफे की खबर आई थी. इस कथित इस्तीफे पर मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा था कि मुझे पता चला है कि मैंने राज्यपाल को अपना इस्तीफा दे दिया है. मैं नहीं जानता कि कौन मुख्यमंत्री बनने को इतना उतावला है. किसी ने मेरे फर्जी हस्ताक्षर करके यह लेटर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया है. मैं पब्लिसिटी के लिए इस गिरे हुए स्तर से हैरान हूं.

येदियुरप्पा ने विधायकों को बांटा चॉकलेट
सीएम कुमारस्वामी के इस्तीफे की खबर के बीच बीजेपी विधायक बीएस येदियुरप्पा ने सदन में विधायकों को चॉकलेट बांटी. हालांकि, इस बारे में बताया गया कि देर रात तक सदन की कार्यवाही चलने के कारण विधायकों के लिए खाने की इंतजाम हो रहा था. खाना बनने में वक्त लग रहा था, लिहाजा उन्होंने विधायकों की भूख का ख्याल करते हुए चॉकलेट बांटी. उसके बाद विधायकों के डिनर के लिए बिरयानी बनवाई गई.

स्पीकर ने बागी विधायकों को दिया पेश होने का आदेश

दूसरी ओर स्पीकर ने बागी विधायकों के अयोग्यता वाले मामले में उन्हें मंगलवार को पेश होने को कहा है. स्पीकर ने 15 बागी विधायकों को चिट्ठी लिख मंगलवार सुबह 11 बजे पेश होने को कहा है. कार्यवाही के दौरान स्पीकर ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट का आदेश समझने में देरी हुई. सभी सदस्य सदन में गरिमा बनाए रखें. यहां समय बर्बाद करने से विधानसभा, स्पीकर और विधायकों की छवि धूमिल होती है.’

कांग्रेस के 13 और जेडीएस के 3 विधायकों ने दिया इस्तीफा
कर्नाटक सरकार में कांग्रेस के 79 विधायकों में 13 और जेडीएस के 37 विधायकों मे से 3 ने इस्तीफा दे दिया है. इसमें उमेश कामतल्ली, बीसी पाटिल, रमेश जारकिहोली, शिवाराम हेब्बर, एच विश्वनाथ, गोपालैया, बी बस्वराज, नारायण गौड़ा, मुनिरत्ना, एसटी सोमाशेखरा, प्रताप गौड़ा पाटिल, मुनिरत्ना और आनंद सिंह शामिल हैं. वहीं, कांग्रेस के निलंबित विधायक रोशन बेग ने भी इस्तीफा दे दिया है. 10 जून को के सुधाकर, एमटीबी नागराज भी इस्तीफा सौंप चुके हैं.

क्या है बहुमत का आंकड़ा?
स्पीकर और मनोनीत सदस्यों को मिलाकर सदन की कुल संख्या 225 है. इसमें से 17 सदस्यों के सदन में शामिल नहीं होने की संभावना है. 17 में से 12 कांग्रेस के, 3 जेडी(एस) के विधायक हैं और 2 कांग्रेसी विधायक अस्पताल में भर्ती हैं. इस तरह अब सदन की संख्या 208 रह जाती है. बहुमत साबित करने के लिए 105 वोटों की जरूरत होगी.

ये 4 विधायक बचा सकते कुमारस्वामी सरकार
बागी विधायकों में बेंगलुरु क्षेत्र से आने वाले चार विधायक- एसटी सोमशेखर, बी बासवराजू, एन मुनिरत्ना और रामलिंगा रेड्डी सबसे अहम माने जा रहे हैं. ऐसा कहा जा रहा है कि परमेश्वर से उनके निजी विरोध को सुलझाया जा सकता है. अगर ऐसा हुआ तो ये चार बागी विधायक बीजेपी की मदद करने से पीछे हट सकते हैं. कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि इन चार विधायकों को कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार से कोई दिक्कत नहीं है. परमेश्वरा से निजी खुन्नस के चलते इन्होंने इस्तीफा देने का कदम उठाया.

ऐसे में इस बात के आसार हैं कि अगर डिप्टी सीएम परमेश्वरा इन चार विधायकों से बैठकर आपस में मामला सुलझा लेते हैं, तो उनका इस्तीफा शायद विधानसभा स्पीकर केआर रमेश कुमार द्वारा मंजूर करने की नौबत ही न आए. बता दें कि ये सभी विधायक कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धारमैया के करीबी हैं.

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