इमरान खान ने उठाया कश्मीर का मुद्दा, ट्रंप बोले- हम करेंगे मध्यस्थता
दोनों नेताओं के बीच बातचीत ट्रंप के पाकिस्तान पर झूठ बोलने और छल करने का आरोप लगाने के 6 महीने बाद आई हैं. यह अगस्त, 2018 में पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली अमेरिका यात्रा है.
न्यूयॉर्क। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सोमवार को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की. व्हाइट हाउस में अभी भी दोनों के बीच बातचीत जारी है. व्हाइट हाउस पहुंचे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के साथ विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी भी मौजूद थे. इमरान खान प्रधानमंत्री बनने के बाद अपनी पहली अमेरिका यात्रा पर गए हैं.
मीटिंग के बारे में सामने आई जानकारियों के मुताबिक इस मौके पर उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति के सामनेकश्मीर का मुद्दा रखा. ट्रंप ने इस मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की बात भी कही है.
White House releases press release about Trump-Imran Khan meeting. President Trump's remarks on Kashmir not mentioned in release. https://t.co/guAb4gzkJR
— ANI (@ANI) July 22, 2019
ओसामा की ख़बर देने वाले डॉक्टर को पाकिस्तान से रिहा कराना चाहते हैं ट्रंप
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिकी सरकार के अफसर ने दोनों की मीटिंग में पाकिस्तान के ऐबटाबाद में ओसामा बिन लादेन के होने की जानकारी देने वाले डॉ शकील अफरीदी की रिहाई की मांग का मुद्दा भी उठाएंगे. इस मुद्दे की बात ट्रंप ने अपने चुनावी कैंपेन में भी की थी. वे कैंपेन में अफरीदी को दो मिनट में पाकिस्तान से आजाद कराने की बात कहते थे.
व्हाइट हाउस की विज्ञप्ति में कश्मीर मुद्दे का जिक्र कहीं नहीं
इस मुलाकात के बाद दोनों ही देशों के शीर्ष नेताओं ने व्हाइट हाउस में मौजूद मीडिया से भी बात की. इस दौरान भी ट्रंप ने कश्मीर मुद्दे को लेकर अपनी बात दोहराई. हालांकि व्हाइट हाउस की ओर से जारी की गई लंबी प्रेस विज्ञप्ति में कश्मीर मुद्दे का कहीं भी उल्लेख नहीं किया गया है. उसमें केवल दक्षिण एशिया की बात की गई है.
ट्रंप लगा चुके हैं पाकिस्तान पर धोखा देने के आरोप
दोनों नेताओं के बीच बातचीत ट्रंप के पाकिस्तान पर झूठ बोलने और छल करने का आरोप लगाने के 6 महीने बाद आई हैं. यह अगस्त, 2018 में पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली अमेरिका यात्रा है.
ट्रंप ने पिछले साल ओसामा बिन लादेन को अपने क्षेत्र में छिपाने में मदद करने के लिए इस्लामाबाद पर आरोप लगाए थे. उन्होंने कहा था कि भले ही पाकिस्तान को वॉशिंगटन से हर साल 1.3 अरब डॉलर मिले, मगर वह इसके लिए अमेरिका के लिए कुछ भी करने में नाकाम रहा है.