कुलभूषण जाधव मामला: 16 में से 15 जज भारत के पक्ष में, चीन भी आया साथ

पाकिस्तान ने एक ओर तो भारत की हार की बात कही हैं, वहीं दूसरी ओर भारत के साथ बातचीत की शुरुआत के लिए गिड़गिड़ाया भी है.

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नई दिल्ली। नीदरलैंड के हेग की अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में बुधवार को कुलभूषण जाधव मामले में भारत की बड़ी जीत हुई है. कुलभूषण जाधव मामले में पाकिस्तान से कहा कि वह भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को दी गई मौत की सजा की समीक्षा करे. इसका यह मतलब है कि मौत की सजा पर ICJ ने जो रोक लगाई थी, वह जारी रहेगी.

इसके अलावा ICJ ने भारत की राजनयिक मदद कुलभूषण को पहुंचाए जाने की मांग को भी मान लिया है. इसके बाद भारतीय उच्चायोग जाधव से मिल सकेंगे और उन्हें वकील और दूसरी कानूनी सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएंगीं.

ICJ ने पाकिस्तान को लगाई लताड़
भारतीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी कहा है कि यह मामला पूरी तरह से भारत के पक्ष में रहा है. फैसले से पहले भी भारत कई बार पाकिस्तान को वियना समझौते की याद दिलाता रहा था लेकिन पाकिस्तान अपने फैसले पर कायम रहा था. लेकिन मामला जब इंटरनेशनल कोर्ट पहुंचा तो पाकिस्तान को इसके लिए भी लताड़ लगाई गई.

16 में से 15 जज रहे भारत के पक्ष में
खास बात यह भी रही कि जो 16 जजों की ज्यूरी इस मामले की सुनवाई कर रही थी, उसमें से 15 जज भारत के पक्ष में सहमत दिखे. इतना ही नहीं चीन की जज शू हांकिन भी भारत के पक्ष में खड़ीं नज़र आईं. जबकि अभी तक अक्सर चीन को पाकिस्तान की ओर ही खड़ा देखा गया है. चाहे यह मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने का मामला रहा हो या फिर भारत को यूएन की सिक्योरिटी काउंसिल में शामिल करने का.

चीनी जज ने भी दिया भारत का साथ
बता दें कि चीन की जज शू हांकिन जून, 2010 से ICJ की सदस्य हैं. उन्हें 2012 में फिर से ICJ में चुना गया था. इसके बाद वे 6 फरवरी, 2018 में ICJ की उपाध्यक्ष बन गई थीं. शू, चीन की लीगल लॉ डिवीजन की हेड और नीदरलैंड में चीन की राजदूत थीं.

जजों की ज्यूरी में एक भारतीय और एक पाकिस्तानी जज भी
कुलभूषण के मामले की सुनवाई 16 जजों की बेंच कर रही थी. जिसकी अगुवाई ICJ के प्रमुख जज अब्दुलकवि अहमद यूसुफ कर रहे थे. 16 जजों में एक भारतीय जज दलवीर भंडारी भी हैं. वहीं पाकिस्तानी जज तसद्दुक हुसैन जिलानी भी इस टीम का हिस्सा हैं. हालांकि वे इस बेंच का परमानेंट हिस्सा नहीं हैं, उनकी एंट्री एडहॉक जज के तौर पर हुई थी. लोगों का कहना है कि संभवत: उन्होंने ही भारत के खिलाफ वोट किया है.

कुलभूषण केस में हार से PAK का इंकार लेकिन भारत से बातचीत के लिए फिर गिड़गिड़ाया

जासूसी के कथित आरोप में पाकिस्‍तान की जेल में बंद भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव के मामले में बुधवार को हेग स्थित इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) अपना फैसला सुना दिया है.  इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने भारत के पक्ष में फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा कि पाकिस्तान ने वियना समझौते का उल्लंघन किया है. कोर्ट ने पाकिस्तान को अपने फैसले पर दोबारा विचार करने का निर्देश दिया है. लेकिन इसके बाद भी पाकिस्तानी सरकार के मंत्रियों का रोना-गाना चालू है.

भारतीय नौसैनिक अधिकारी कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक लगाने के बाद से पाकिस्तान की पहली अधिकारिक प्रतिक्रिया पाकिस्तानी सरकार के मंत्री चौधरी फवाद हुसैन की ओर से आई है. अपने ट्वीट में उन्होंने भारत की जीत को नकारा है और पाकिस्तानी वकीलों की अच्छे से मुकदमा लड़ने के लिए तारीफ की है. लेकिन वहीं उन्होंने बेसिरपैर की बातें करते हुए भारत को पाकिस्तान में आतंक फैलाने वाला भी कह दिया है.

शाम को किए गए अपने ट्वीट में पाकिस्तानी सरकार में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री चौधरी फवाद हुसैन ने ये बातें लिखी हैं-

बातचीत के लिए गिड़गिड़ाया पाकिस्तान
“भारत को यह मान लेना चाहिए कि पाकिस्तान के प्रति उसकी नीतियां गलत हैं और उन्हें पाकिस्तान के प्रति अपनी नीतियों की फिर से सकारात्मक तरीके से समीक्षा करनी चाहिए. पाकिस्तान को कमजोर करने की नीति इलाके को नुकसान पहुंचा रही है. भारत को कश्मीर पर अपने रुख पर पुनर्विचार करना चाहिए और इस मुद्दे को सुलझाने के लिए बातचीत की फिर से शुरुआत करनी चाहिए.” पाकिस्तानी सरकार के मंत्री फवाद चौधरी ने उल्टा चोर कोतवाल की कहावत सिद्ध करते हुए उल्टे भारत पर ही आतंक फैलाने का आरोप लगाया और कहा, “पाकिस्तान में आतंक फैलाने से चीजें सुधरने वाली नहीं हैं.”

पाकिस्तान का अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में हार से भी इंकार
इसके बाद एक ट्वीट में इमरान खान के मंत्री ने कुलभूषण जाधव मामले के बारे में कहा, “वहीं हेग से आने वाली ख़बरों के मुताबिक न केवल भारत के बरी करने, छोड़ने, भारत वापस भेजने की दलीलों को खारिज कर दिया गया है बल्कि अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने कुलभूषण के मामले में मिलिट्री कोर्ट (पाकिस्तानी) के फैसले को भी बनाए रखा है. यह वास्तव में एक बड़ा फैसला है. पाकिस्तान की कानूनी टीम को मजबूती से मुकदमा लड़ने के लिए बधाई.”

 

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