पंजाब /पति की बरसी से पहले सदमे में आई अकाली नेत्री गीता शर्मा, माली हालत कमजोर बता कुछ लोग कर रहे उगाही

एक साल पहले ब्रेन स्ट्रॉक से हुई थी शिअद की प्रदेश संगठन सचिव गीता शर्मा के पति की मौत आर्थिक हालात कमजोर बताकर लोगों से पैसे ऐंठ रहे कुछ खाते-पीते बड़े घरों के लोग पीड़िता बोलीं-डायरी में नोट लिख छोड़ रही हूं, ताकि किसी अनहोनी की स्थिति में काम आ सके

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जालंधर . बटाला के एक घर में रिश्तेदारों के आने का सिलसिला शुरू हो चुका है। यह घर है शहर से संबंध रखने वाली शिरोमणि अकाली दल नेत्री गीता शर्मा का। उनके पति की अब से ठीक एक साल पहले मौत हो गई थी। अब उनकी बरसी के चलते घर में भावुक माहौल है, वहीं इस नेत्री के साथ एक धक्केशाही की घटना सामने आई। दरअसल पति की मौत के बाद गीता के परिवार की आर्थिक हालत ठीक नहीं होने के नाम पर शहर के कुछ नामी लोग झूठी खैरात बटोर रहे हैं। वहीं, गीता शर्मा भावुक होने के साथ-साथ इतनी खौफजदा हैं कि वह अपने परिवार की संवेदनाओं से खिलवाड़ करने वालों का नाम तक उजागर करने से करता रही हैं।

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बटाला के बड़ा बाजार में तीन बच्चों (11 और 9 साल की दो बेटियां और 4 साल का एक बेटा) के साथ रह रही गीता शर्मा ने 2015 में शिराेमण अकाली दल ज्वॉयन किया था, इस वक्त वह पार्टी की प्रदेश संगठन सचिव की भूमिका में हैं। मायके से जम्मू की गीता शर्मा की शादी 2005 में यहां के वीरेंद्र कुमार के साथ हुई थी। एक साल पहले हो चुकी पति की मौत के बारे में गीता बताती हैं कि 17 जुलाई 2018 को उनके पति वीरेंद्र कुमार वह घर के सामने ही स्थित एक दुकान पर खड़े बात कर रहे थे। अचानक जमीन पर गिर पड़े। आनन-फानन में परिजन वीरेंद्र कुमार को अस्पताल लेकर पहुंचे तो वहां कई दिन तक कौमा में रहे। इसके बाद 21 जुलाई को कुछ देर के लिए लगा कि वह ठीक हो गए हैं, लेकिन फिर अचानक उनकी मौत हो गई। डॉक्टर्स ने मौत की वजह ब्रेन स्ट्रॉक बताया तो एक बार तो वह भी समझ पाई थी कि यह सब क्यों हुआ, क्योंकि गीता की मानें तो उनके पति का किसी के साथ कहीं कोई कहासुनी जैसा किस्सा भी नहीं था। गीता के जेठ यानि कि वीरेंद्र के बड़े भाई की भी काफी समय पहले दिल के दौरे की वजह से मौत हो चुकी है। अब जेठानी अपने बच्चों के साथ अलग रहती हैं तो गीता और उनके बच्चे अलग।

दैनिक भास्कर से बात करते हुए भरे हुए मन से गीता बताती हैं कि कुछ महीने पहले उन्हें किसी परिचित से पता चला कि उन्हें जानने वाले शहर के कुछ संभ्रात परिवार के व्यक्ति उनके नाम पर पैसा लेकर गए हैं। गीता शर्मा की मानें तो ये लोग सरेआम कहते फिर रह हैं कि पति की मौत के बाद गीता की आर्थिक हालत ठीक नहीं है। यहां तक बच्चों की स्कूल फीस देने के लिए भी पैसे नहीं हैं, लेकिन इसके उलट गीता इस बात से साफ इनकार कर रही हैं। उन्होंने बताया कि पता चलने के बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर एक मैसेज शेयर किया कि लोग इस तरह के छलावे में न आएं। जैसे-तैसे उनकी ठीक ही कट रही है। न तो उन्होंने किसी से कभी पैसे मांगे हैं और न ही उन तक पैसे पहुंचे हैं। हालांकि इस सबके बावजूद संबंधित आरोपी झूठी खैरात जुटाने की अपनी हरकतों से बाज नहीं आए।

अभी पिछले तीन-चार दिन से गीता शर्मा के सामने कई और लोगों की तरफ से उनके नाम पर पैसे उगाहे जाने की बातें आई। इसके बाद से वह समझ नहीं पा रही हैं। इतना ही नहीं डरती हैं कि अगर उन्होंने अपनी भावनाओं से खेलने वालों का राज खोल दिया तो कहीं उनके साथ कुछ अनहोनी न हो जाए। आरोपी सत्ता का सहारा भी ले सकते हैं, जिसके चलते उन्हें लगता है कि एक विधवा औरत की कोई सुनने वाला नहीं। ऐसे में वह घर के किसी कोने में डायरी में एक नोट लिख छोड़ने का मन बना चुकी हैं, जिससे कि भविष्य में उनके नाम पर किसी की तरह की उगाही की पुनरावृत्ति हुई या कोई और अनहोनी हुई तो उसके लिए वही लो सीधे तौर पर जिम्मेदार होंगे। जब गीता से इस सबके बारे में पुलिस को शिकायत की बात पूछी गई तो उन्होंने सिर्फ एक ही बात दोहराई कि अगर फिर से ऐसा होता है तो वह पुलिस में शिकायत भी जरूर करेंगी और सबूत के तौर पर उनकी डायरी का नोट तो है ही।

गुरदासपुर में नई नहीं है अकालियों के साथ धक्केशाही

गुरदासपुर जिले में अकाली दल के लोगों के साथ धक्केशाही की यह कहानी नई नहीं है। वर्ष 2018 के अंत में पंजाब में हुए पंचायत चुनाव के दौरान के जहां पूरे प्रदेश में कांग्रेसियों पर धक्केशाही के आरोप लगे, वहीं गुरदासपुर का आंकड़ा चौंकाने वाला है। जिले की कुल 1217 (गुरदासपुर तहसील की 726, बटाला की 367 और डेरा बाबा नानक तहसील की 124) पंचायतों में एक भी नामांकन अकाली दल समर्थकों की तरफ से नहीं किया गया। करते भी कैसे, यहां खुलकर सत्ता का दुरुपयोग सामने आया था। जब भी अकाली दल के लोग पंच और सरपंच पदाें के लिए नामांकन पत्र भरने पहुंचते कोई न कोई बहाना लगाकर अधिकारी लापता हो जाते। यहां तक कि विधायक गुरबचन सिंह बब्बेहाली ने एक अधिकारी के दफ्तर का वीडियो भी लाइव किया था। अब बटाला की अकाली नेत्री गीता शर्मा के साथ भी कुछ इसी तरह का हो रहा है। हालांकि उन्होंने किसी व्यक्ति या राजनैतिक दल का नाम तो नहीं लिया है, पर जैसा कि उनसे बात हुई है, उसके मुताबिक यह साफ है कि उन्हें तंग करने वाले लोगों का ताल्लुक प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष प्रदेश की सत्ता में बैठी कांग्रेस के साथ जरूर है।

क्या कहना है पुलिस अधिकारी का?

डीएसपी इन्वेस्टीगेशन परमिंदर कौर से बात की गई तो फिलहाल पुलिस के पास इस तरह की कोई शिकायत नहीं आई है। अगर इस तरह की कोई शिकायत और कोई वीडियो हमारे संज्ञान में आया तो पूरी ईमानदारी से तहकीकात के बाद बनती कार्रवाई जरूर की जाएगी। दोषी चाहे कोई भी हो, महिला नेत्री गीता शर्मा को किसी से खौफ खाने की कोई जरूरत नहीं है। बटाला में किसी को भी कानून-व्यवस्था से खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा। गीता शर्मा से अपील है कि वह खुलकर सामने आएं, पुलिस उनके परिवार को सुरक्षा देने और आरोपियों पर कार्रवाई के लिए एकदम तैयार है।

सौजन्य-bhaskar.com

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