अंतरराष्ट्रीय अदालत में भारत की बड़ी जीत, कुलभूषण जाधव की फांसी पर लगी रोक 15-1 से फैसला, फैसले पर फिर से होगा पुर्नविचार
भारत और पाकिस्तान की तरफ से वकीलों की टीम वहां मौजूद है. बता दें कि ईरान के चाबहार में बिजनेस करने वाले भारतीय नौसेना के पूर्व अफसर कुलभूषण जाधव को भारत का जासूस बताकर पाकिस्तान ने गहरी साजिश चली थी. भारत ने पाकिस्तान के प्रोपेगेंडा का जवाब देते हुए साफ कहा था कि उसे अगवा किया गया था, इसीलिए जब पाकिस्तान की मिलिट्री कोर्ट ने उसके लिए सजा-ए-मौत मुकर्रर की तो भारत हेग की अंतरराष्ट्रीय अदालत में गया.
- कुलभूषण जाधव मामले में ICJ ने सुनाया फैसला
- अंतरराष्ट्रीय अदालत ने कुलभूषण जाधव की फांसी पर रोक लगा दी
- 16 जजों में से 15 जजों ने भारत के पक्ष में फैसला सुनाया
- जासूसी का आरोप लगा पाकिस्तान ने जाधव को सुनाई थी फांसी की सजा
International Court of Justice verdict: A continued stay of execution constitutes an indispensable condition for the effective review and reconsideration of the conviction and sentence of Mr. Kulbhushan Sudhir Jadhav pic.twitter.com/OwlznZP6of
— ANI (@ANI) July 17, 2019
हेग (नीदरलैंड) /नई दिल्ली: भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव से जुड़े मामले में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस(आईसीजे) ने अपना फैसला सुना दिया है. इंटरनेशनल कोर्ट ने उनकी फांसी पर कोर्ट लगा दी है.कोर्ट ने जाधव को कांस्युलर देने का आदेश भी दिया. कोर्ट के इस फैसले पर पाकिस्तान ने ऐतराज जताया लेकिन आईसीजे ने इसे खारिज कर दिया. कोर्ट ने कहा पाकिस्तान को अपने फैसले पर फिर समीक्षा करने की बात भी कही. नीदरलैंड में द हेग के ‘पीस पैलेस’ में सार्वजनिक सुनवाई हुई, जिसमें अदालत के प्रमुख न्यायाधीश अब्दुलकावी अहमद यूसुफ मे फैसला पढ़कर सुनाया.
#IndiaAtICJ
In #KulbhushanJadhav verdict, US, China may go with Pakistan and differ on question of consular access at the #ICJ.
My report. https://t.co/9WSK2S8BW9 via @indiatoday— Geeta Mohan گیتا موہن गीता मोहन (@Geeta_Mohan) July 17, 2019
बता दें कि पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत द्वारा जाधव की मौत की सजा सुनाए जाने के मामले में भारत ने आईसीजे को चुनौती दी थी. पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में बंद कमरे में सुनवाई के बाद जासूसी और आतंकवाद के आरोपों में भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव (49) को मौत की सजा सुनाई थी. उनकी सजा पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी.
#Mumbai: Kulbhushan Jadhav's friends wearing 'India with Kulbhushan' t-shirts offer special prayers ahead of International Court of Justice's verdict today. pic.twitter.com/OJtnO0wWwz
— ANI (@ANI) July 17, 2019
कुलभूषण जाधव के दोस्तों को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के फैसले का बेसब्री से इंतजार है। उन्होंने फैसले से पहले मुंबई में जाधव की रिहाई के लिए प्रार्थनाएं कीं। जाधव के दोस्तों ने ‘इंडिया विथ कुलभूषण’ लिखे टीशर्ट पहनकर उनके साथ एकजुटता जाहिर की। मुंबई सहित पूरे देश को आईसीजे के फैसले का इंतजार है।
Hague, Netherlands: India's Ambassador to the Netherlands Venu Rajamony and MEA Joint Secretary (Pakistan-Afghanistan-Iran) Deepak Mittal arrive at International Courts of Justice for #KulbhushanJadhav case's verdict pic.twitter.com/wGfoorqJk7
— ANI (@ANI) July 17, 2019
हेग स्थित अंतराष्ट्रीय न्यायालय बुधवार शाम भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव पर अपना फैसला सुनाएगा। पाकिस्तानी की एक सैन्य अदालत ने जासूसी के आरोप में जाधव को फांसी की सजा सुनाई है।
ICJ: Court finds that Pakistan deprived India of the right to communicate with and have access to Kulbhushan Jadhav, to visit him in detention&
to arrange for his legal representation,and thereby breached obligations incumbent upon it under Vienna Convention on Consular Relations https://t.co/6lYCuEZvlw— ANI (@ANI) July 17, 2019
जाधव के जासूस होने के आरोप को भारत ने खारिज किया है। भारत का कहना है कि जाधव नौसेना के एक पूर्व अधिकारी हैं जिन्हें ईरान से अगवा कर पाकिस्तान लाया गया। भारत का दावा है कि जाधव को झूठे आरोपों में फंसाया गया है। जाधव को कॉन्सुलर मदद देने की अनुमति नहीं देने पर भारत ने पाकिस्तान पर वियना संधि के उल्लंघन का आरोप लगाया है। भारत इस मामले को लेकर आईसीजे गया जिसके बाद कोर्ट ने जाधव की मौत की सजा पर रोक लगा दी। आईसीजे में भारत और पाकिस्तान ने जाधव पर अपनी-अपनी दलीलें एवं साक्ष्य पेश किए हैं। आईसीजे दोनों पक्षों की सुनने की प्रक्रिया पूरी कर ली है और वह आज अपना फैसला सुनाएगा। जाधव पर आईसीजे के फैसले का घटनाक्रम कुछ इस प्रकार है-
And the decision in the #Jadhav Cade is out!
ICJ has ruled in favour of India on merits, affirming Jadhav’s right to consular access and notification
The Court has directed Pakistan to provide effective review and reconsideration of his conviction and sentences pic.twitter.com/DE3dAb9eIv
— Reema Omer (@reema_omer) July 17, 2019
कौन हैं कुलभूषण जाधव
कुलभूषण जाधव (49) भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी हैं। पाकिस्तान ने जाधव को तीन मार्च 2016 को गिरफ्तार किया। पाकिस्तान का दावा है कि जाधव अवैध रूप से बलूचिस्तान में दाखिल हुए थे जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया। पाकिस्तान ने जाधव पर आतंकवाद फैलाने एवं देश को अस्थिर करने का आरोप लगाया है। भारत का दावा है कि जाधव को ईरान से अगवा कर पाकिस्तान लाया गया। अप्रैल 2017 में पाकिस्तानी की एक सैन्य अदालत ने ‘जबरन कबूलनामे’ को आधार बनाकर जाधव को फांसी की सजा सुनाई। भारत ने जाधव पर लगाए गए पाकिस्तान के सभी आरोपों को खारिज किया और कहा कि जाधव अपने कारोबार के सिलसिले में ईरान में थे और उन्हें वहां से अगवा कर लिया गया।
थोड़ी देर में आएगा फैसला
Shivan
Constructive conversations with Pakistani students. Coming tomorrow, #ICJ will rule on the mistakes committed by Pakistan pic.twitter.com/WFHvop3xu0— Geeta Mohan گیتا موہن गीता मोहन (@Geeta_Mohan) July 17, 2019
आईसीजे में हरीश साल्वे ने रखा भारत का पक्ष
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने भारत का पक्ष मजबूती से रखा। साल्वे ने पाकिस्तान सैन्य अदालत की प्रक्रिया एवं सुनवाई पर सवाल उठाए और जाधव की फांसी की सजा रद्द करने की मांग की। साल्वे ने आईसीजी को बतााया कि जाधव को जबरन जुर्म कबूलवाया गया है। पाकिस्तान ने जाधव के ‘कबूलनामे’ वाले कई वीडियो जारी किए लेकिन वीडियो में लगे बार-बार कट से यह साफ हुआ कि वीडियो को एडिंटिंग के जरिए तैयार किया गया। आईसीजे ने जाधव पर भारत और पाकिस्तान दोनों के दावों को सुना है। जाधव पर दोनों पक्षों ने कोर्ट को अपने लिखित जवाब भी सौंपे हैं।
भारत और पाकिस्तान के छात्र देखेंगे ICJ की कार्यवाही
#IndiaAtICJ
22 students will be allowed to observe the #KulbhushanJadhav verdict today at the #ICJ. Of them 10 are Indians, 2 Pakistanis.
Indian students very confident that India will win on flouting of international norms and Jadhav will get consular access.@CIJ_ICJ pic.twitter.com/MG8RNGHphG— Geeta Mohan گیتا موہن गीता मोहन (@Geeta_Mohan) July 17, 2019
वियना संधि के उल्लंघन पर आईसीजे गया भारत
कुलभूषण जाधव को कॉन्सुलर मदद नहीं देने के खिलाफ भारत इस मामले को आईसीजे लेकर गया। वियना संधि के तहत गिरफ्तार विदेशी नागरिक को कॉन्सुलर पहुंच देनी होती है और व्यक्ति को उसके अधिकार बताने होते हैं। पाकिस्तान ने वियना संधि के इन दोनों प्रावधानों का उल्लंघन किया। कॉन्सुलर मदद पहुंचाने के अपने अनुरोध बार-बार खारिज किए जाने के बाद भारत आठ मई 2017 को आईसीजे गया। आईसीजे ने भारत की दलीलों को सुनने के बाद 18 मई 2017 को जाधव की फांसी की सजा पर रोक लगा दी।
जाधव के खिलाफ पाक सेना के ट्रायल को भारत ने चुनौती दी
भारत ने मई 2017 में आईसीजे के सामने यह मामला उठाया था। पाकिस्तान पर जाधव को काउंसलर न मुहैया करवाने का आरोप लगाया। भारत ने जाधव (48) के खिलाफ पाकिस्तानी सेना के ट्रायल को भी चुनौती दी। आईसीजे ने 18 मई 2017 को पाकिस्तान पर जाधव के खिलाफ फैसला आने तक किसी भी तरह की कार्रवाई किए जाने को लेकर रोक लगाई।
फरवरी में अंतर्राष्ट्रीय अदालत ने इस मामले में चार दिन सुनवाई की थी। इस दौरान भारत-पाकिस्तान ने अपनी-अपनी दलीलें दीं। भारत ने अपने केस का आधार दो बड़ी बातों को बनाया। इनमें वियना संधि के अंतर्गत काउंसलर एक्सेस और मामले को हल करने की प्रक्रिया शामिल है।
पाक ने कहा- जाधव बिजनेसमैन नहीं, बल्कि जासूस
भारत ने कहा- जाधव की मौत की सजा रद्द की जाए। उन्हें तुरंत रिहा करने के आदेश दिए जाएं। पाकिस्तानी सेना के द्वारा सुनाया गया फैसला पूरी तरह से हास्यास्पद है। इस पर पाक ने कहा था कि भारतीय नौसेना अधिकारी जाधव एक बिजनेसमैन नहीं बल्कि एक जासूस है। पाक ने दावा कि हमारी सेना ने 3 मार्च 2016 को बलूचिस्तान से जाधव को गिरफ्तार किया था। वह ईरान से पाकिस्तान में दाखिल हुआ था।
भारत ने कहा- जाधव को ईरान से किडनैप किया गया
भारत के मुताबिक, जाधव को ईरान से किडनैप किया गया। जाधव वहां नौसेना से रिटायर होने के बाद बिजनेस करने की कोशिश में थे। पाकिस्तान ने आईसीजे के समक्ष की गई भारत की याचिका को नकार दिया। इसमें भारत ने जाधव के लिए काउंसलर एक्सेस की मांग की थी।
पाक ने जाधव के कथित कबूलनामे के वीडियो जारी किए थे
पाकिस्तान ने जाधव के कथित कबूलनामे के दो वीडियो जारी किए थे। इन वीडियो में कट नजर आए थे। इसमें कोई सवाल-जवाब नहीं था। सिर्फ बयान था।