राज्यसभा / गृह मंत्री शाह ने कहा- देश की इंच-इंच जमीन पर जितने भी घुसपैठिए रह रहे हैं, उन्हें देश से बाहर करेंगे

असम में एनआरसी के नए ड्राफ्ट में एक लाख से ज्यादा लोग अयोग्य करार दिए गए, इन सभी को नागरिकता साबित करनी होगी, जुलाई 2018 में प्रकाशित सूची में 2.9 करोड़ लोग शामिल किए गए, जबकि आवेदन 3.29 करोड़ ने किया था

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नई दिल्ली. राज्य सभा में आज NIA संशोधन बिल को चर्चा और पारित कराने के लिए पेश किया गया. यह बिल लोकसभा से पारित हो चुका है जिसमें राष्ट्रीय जांच एजेंसी को ज्यादा अधिकार देने का प्रावधान शामिल हैं. उच्च सदन में आज महिलाओं और बच्चों में कुपोषण के विषय पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के तहत चर्चा हो रही है. इसमें सपा सांसद जया बच्चन समेत कई महिला सांसद हिस्सा लेंगी और बाद में महिल बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी सदन में चर्चा का जवाब देंगी. लोकसभा में कृषि और ग्रामीण विकास मंत्रालय की अनुदान मांगों को चर्चा के बाद पास कर दिया गया. सदन में खेल और युवा मामलों के मंत्रालय की अनुदान मांगों पर चर्चा चल रही है.

विदेश में मिलेगा कार्रवाई का अधिकार: अमित शाह

अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार में किसी पर गलत केस नहीं होता और जांच एजेंसी अपना काम करती है, किसी के काम में दखल नहीं दिया जाता. उन्होंने कहा कि किसी मामले में अपील का काम लॉ ऑफिसर का होता है, सरकार ऐसा नहीं कर सकती. लॉ ऑफिसर अगर सिफारिश न करे तो गृह मंत्री क्या कर सकता है. शाह ने कहा कि आपकी एजेंसियों को कोर्ट में चुनौती दी गई है, वह हम नहीं लेकर आए थे. गृह मंत्री ने कहा कि विदेश में आतंकी घटनाओं में हमारे नागरिक निशाना बनते हैं लेकिन हमारे पास कार्रवाई का अधिकार नहीं है, लेकिन यह अधिकार इस बिल में दिया जा रहा है. पाकिस्तान के सवाल पर शाह ने कहा कि हर चीज कानून से नहीं होती है, उन्होंने कहा कि उरी और पुलवामा के बाद हमने घर में घुसकर जवाब दिया है. पाकिस्तान को छोड़ दें लेकिन विश्वभर में तो कानून के दायरे में इसे पहुंचाना होगा.
समझौता धमाकों के असल दोषियों को छोड़ा गया: गृह मंत्री
गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में कहा कि समझौता धमाकों में चार्जशीट यूपीए के शासन में दायर हुई थी, उस पर अगर सजा नहीं हुई तो हमारी सरकार की क्या गलती. उन्होंने कहा कि जिनकी खिलाफ केस हुआ उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं थे, सिर्फ राजनीतिक भावना से केस किया गया था. उन्होंने कहा कि समझौता धमाकों में 7 लोग पकड़े गए थे लेकिन बाद में धर्म विशेष को आतंकवाद से जोड़ने के लिए दोषियों को छोड़कर नए लोगों को पकड़ लिया गया. समझौता एक्सप्रेस में मारे गए लोगों को मानव अधिकार हैं लेकिन कांग्रेस शासन में जिन्हें छोड़ा गया, इससे पीड़ितों को न्याय नहीं मिला, इसमें हमारी सरकार क्या कर सकती है. शाह ने कहा कि जिन्हें पकड़ा गया उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं थे.
NIA की कार्य क्षमता पर सवाल ठीक नहीं: अमित शाह
अमित शाह ने सिंघवी ने सवाल पर कहा कि सदन को एनआईए की साख रखनी चाहिए अगर सदन ही एजेंसी पर सवाल करेगा तो लोग कैसे भरोसा करेंगे. उन्होंने कहा कि 2014-19 तक एनआईए के पास कुल 195 केस दर्ज हुए जिनमें से 129 केस में चार्जशीट हुई है. इनमें से भी 44 केसों में फैसला आ गया है और 41 में सजा भी हो चुकी है. शाह ने कहा कि इससे ज्यादा काम तो दुनिया की कोई एजेंसी नहीं करती होगी. गृह मंत्री ने कहा कि एनआईए की कार्य क्षमता पर सवाल उठाना ठीक नहीं लेकिन दुनिया में जहां भी भारतीय के खिलाफ अपराध होगा वहां एनआईए जांच करेगी.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को राज्यसभा में अवैध तरीके से रह रहे शरणार्थियों को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा- देश की इंच-इंच जमीन पर जितने भी घुसपैठिए रह रहे हैं, हम उनकी पहचान करके अंतरराष्ट्रीय कानून के आधार पर उन्हें देश से निकाल बाहर करेंगे। उन्होंने कहा- अभी जो एनआरसी असम में लागू है, वह असम समझौते का हिस्सा है। जिस घोषणा पत्र के आधार पर हमारी सरकार चुनकर आई है, यह उसका भी हिस्सा है।

समझौता ब्लास्ट के दोषियों को छोड़ा, बेकसूर लोगों को पकड़ा- अमित शाह

 

असम को दूसरा कश्मीर नहीं बनने देंगे- शाह

लोकसभा चुनाव में भाजपा नेता अमित शाह ने असम के लखीमपुर में चुनावी रैली को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी) बिल पर कहा था- हम असम को देश का दूसरा कश्मीर नहीं बनने देना चाहते हैं। मोदी सरकार एनआरसी इसीलिए लाई है।

हम एनआरसी लागू करने के लिए प्रतिबद्ध- मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनआरसी के मुद्दे पर राज्यसभा में कहा था कि कांग्रेस की राजीव गांधी सरकार ने ही एनआरसी स्वीकार किया था। बाद में सुप्रीम कोर्ट को हस्तक्षेप करना पड़ा। उस समय जो निर्णय हुआ था, उसे लागू करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।

1951 में तैयार हुआ एनआरसी

नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स 1951 में तैयार किया गया। इसके मुताबिक जिन लोगों ने 24 मार्च 1971 को आधी रात में राज्य में प्रवेश किया है, उन सभी को भारतीय नागरिक का दर्जा प्राप्त है। एनआरसी को अपडेट करने की प्रक्रिया 2013 में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में शुरू की गई।

31 जुलाई को होगा फाइनल सूची का प्रकाशन

30 जुलाई 2018 को प्रकाशित सूची में 2.9 करोड़ लोगों को शामिल किया गया, जबकि आवेदन 3.29 करोड़ लोगों ने किया था। इस सूची में 44 लाख लोगों को बाहर कर दिया गया था। असम में एनआरसी सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में अपडेट की जा रही है। 31 जुलाई तक इसकी फाइनल सूची का प्रकाशन किया जाना है।

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