राज्यसभा / गृह मंत्री शाह ने कहा- देश की इंच-इंच जमीन पर जितने भी घुसपैठिए रह रहे हैं, उन्हें देश से बाहर करेंगे
असम में एनआरसी के नए ड्राफ्ट में एक लाख से ज्यादा लोग अयोग्य करार दिए गए, इन सभी को नागरिकता साबित करनी होगी, जुलाई 2018 में प्रकाशित सूची में 2.9 करोड़ लोग शामिल किए गए, जबकि आवेदन 3.29 करोड़ ने किया था
नई दिल्ली. राज्य सभा में आज NIA संशोधन बिल को चर्चा और पारित कराने के लिए पेश किया गया. यह बिल लोकसभा से पारित हो चुका है जिसमें राष्ट्रीय जांच एजेंसी को ज्यादा अधिकार देने का प्रावधान शामिल हैं. उच्च सदन में आज महिलाओं और बच्चों में कुपोषण के विषय पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के तहत चर्चा हो रही है. इसमें सपा सांसद जया बच्चन समेत कई महिला सांसद हिस्सा लेंगी और बाद में महिल बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी सदन में चर्चा का जवाब देंगी. लोकसभा में कृषि और ग्रामीण विकास मंत्रालय की अनुदान मांगों को चर्चा के बाद पास कर दिया गया. सदन में खेल और युवा मामलों के मंत्रालय की अनुदान मांगों पर चर्चा चल रही है.
विदेश में मिलेगा कार्रवाई का अधिकार: अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को राज्यसभा में अवैध तरीके से रह रहे शरणार्थियों को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा- देश की इंच-इंच जमीन पर जितने भी घुसपैठिए रह रहे हैं, हम उनकी पहचान करके अंतरराष्ट्रीय कानून के आधार पर उन्हें देश से निकाल बाहर करेंगे। उन्होंने कहा- अभी जो एनआरसी असम में लागू है, वह असम समझौते का हिस्सा है। जिस घोषणा पत्र के आधार पर हमारी सरकार चुनकर आई है, यह उसका भी हिस्सा है।
समझौता ब्लास्ट के दोषियों को छोड़ा, बेकसूर लोगों को पकड़ा- अमित शाह
Home Minister Amit Shah in Rajya Sabha during debate on NIA (Amendment) Bill 2019: Who is responsible that justice wasn't served to the victims of Samjhauta Blast. Because it is not us https://t.co/lnLGjdBZeE
— ANI (@ANI) July 17, 2019
असम को दूसरा कश्मीर नहीं बनने देंगे- शाह
लोकसभा चुनाव में भाजपा नेता अमित शाह ने असम के लखीमपुर में चुनावी रैली को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन (एनआरसी) बिल पर कहा था- हम असम को देश का दूसरा कश्मीर नहीं बनने देना चाहते हैं। मोदी सरकार एनआरसी इसीलिए लाई है।
हम एनआरसी लागू करने के लिए प्रतिबद्ध- मोदी
HM in Rajya Sabha during debate on NIA (Amendment) Bill: 7 were arrested for Samjhauta Blast. A case was created to connect the blasts to a specific religion, culprits were released & new ppl were arrested. How could've they received punishment, there was no evidence against them pic.twitter.com/yAA5f0I1eY
— ANI (@ANI) July 17, 2019
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनआरसी के मुद्दे पर राज्यसभा में कहा था कि कांग्रेस की राजीव गांधी सरकार ने ही एनआरसी स्वीकार किया था। बाद में सुप्रीम कोर्ट को हस्तक्षेप करना पड़ा। उस समय जो निर्णय हुआ था, उसे लागू करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।
1951 में तैयार हुआ एनआरसी
नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन्स 1951 में तैयार किया गया। इसके मुताबिक जिन लोगों ने 24 मार्च 1971 को आधी रात में राज्य में प्रवेश किया है, उन सभी को भारतीय नागरिक का दर्जा प्राप्त है। एनआरसी को अपडेट करने की प्रक्रिया 2013 में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में शुरू की गई।
31 जुलाई को होगा फाइनल सूची का प्रकाशन
30 जुलाई 2018 को प्रकाशित सूची में 2.9 करोड़ लोगों को शामिल किया गया, जबकि आवेदन 3.29 करोड़ लोगों ने किया था। इस सूची में 44 लाख लोगों को बाहर कर दिया गया था। असम में एनआरसी सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में अपडेट की जा रही है। 31 जुलाई तक इसकी फाइनल सूची का प्रकाशन किया जाना है।