हादसा / बठिंडा में बारिश के बीच गोशाला का लेंटर गिरा, 35 गायों की मौत; 30 जख्मी

रेवेन्यू मंत्री गुरप्रीत सिंह कांगड़ ने किया पांच लाख रुपए की सहायता राशि देने का ऐलान सीनियर डॉक्टरों की विशेष टीम ने जख्मी गायों का इलाज किया, वही मृत गायों को जमीन में दफनाया

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बठिडा. बठिडा में हुई 178 एमएम मूसलधार बारिश के कारण जहां पूरे शहर में पानी भर गया। वहीं भगता भाईका में संत महेश मुनि जी गोशाला के शेड की छत का लेंटर गिरने से 35 गायों की मौत हो गई व 30 गंभीर जख्मी हो गई। इस घटना में एक गाय की टांग भी कट गई, जबकि चार की हालत गंभीर बनी हुई है।

घटना की सूचना मिलने के बाद आसपास की संगत ने मौके पर पहुंच कर बचाव कार्य शुरू किया। दूसरी तरफ इस घटना का पता लगने पर डीसी बठिडा बी श्रीनिवासन, एसडीएम फूल खुशदिल सिंह, नायब तहसीलदार कुलदीप सिंह के अलावा रेवेन्यू मंत्री गुरप्रीत सिंह कांगड़ भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने लोगों को प्रशासन व सरकार की तरफ से हर प्रकार का सहयोग देने का भरोसा दिया। वहीं मंत्री कांगड़ द्वारा पांच लाख रुपए की सहायता राशि देने का भी ऐलान किया गया, ताकि गायों की मदद की जा सके।

इस संबंध में गोशाला कमेटी के प्रधान जरनैल सिंह ने बताया कि बारिश के कारण एक बजे गोशाला की 150 फीट लंबी और 60 फीट चौड़ीछतका लेंटर गिर गया। इसके कारण कई गाएं इसके नीचे आ गई तो कुछ ने भाग कर अपनी जान बचाई। इसके बारे में जब आसपास के एरिया में अनाउंसमेंट करवाई गई तो लोग बचाव कार्य के लिए पहुंचने लगे। वहीं थाना इंचार्ज राजिंदर कुमार भी अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे, जिन्होंने तुरंत सीनियर अधिकारियों को घटना की जानकारी दी।

इस घटना के समय दस जेसीबी व जेएटी मशीनों को लगाया गया, वहीं सैकड़ोंलोग गायों को बचाने में जुटे रहे। इस दौरान पशुपालन विभाग बठिडा से विशेष तौर पर पहुंची सीनियर डॉक्टरों की टीम द्वारा जख्मी गायोंका इलाज किया गया और मृतक गायों को जमीन में दफनाया गया।

इस संबंध में गोशाला कमेटी के प्रधान जरनैल सिंह ने बताया कि बारिश के कारण एक बजे गोशाला की छत्त का लेंटर गिर गया। जिसके कारण कई गाएं इसके नीचे आ गई तो कुछ ने भाग कर अपनी जान बचाई। इसके बारे में जब आसपास के एरिया में अनाउंसमेंट करवाई गई तो लोग बचाव कार्य के लिए पहुंचने लगे। वहीं थाना इंचार्ज राजिदर कुमार भी अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे, जिन्होंने तुरंत सीनियर अधिकारियों को घटना की जानकारी दी। इस घटना के समय दस जेसीबी व जेएटी मशीनों को लगाया गया, वहीं सैंकडें लोग गायों को बचाने में जुटे रहे। इस दौरान पशू पालन विभाग बठिडा से विशेष तौर पर पहुंची सीनियर डॉक्टरों की टीम द्वारा जख्मी गायलों का इलाज किया गया और मृतक गायों को जमीन में दफनाया गया।

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