ज्योतिषी कहते हैं कि ये चंद्रग्रहण आपके जीवन में बड़े बदलाव ला सकता है. दरअसल जानकारों की मानें तो 16 जुलाई को लगने वाला खग्रास चन्द्रग्रहण. भारत में दिखाई देगा इसलिए सूतक के नियम भी लागू होंगे और जरूरी बातों का ध्यान भी रखना होगा.
किस वक्त लगेगा ग्रहण-
ये ग्रहण रात 1 बजकर 31 मिनट से लगेगा और अगले दिन यानि 17 जुलाई को सुबह 4 बजकर 30 मिनट तक कायम रहेगा. यानि ग्रहण की अवधि होगी करीब 2 घंटे 59 मिनट
इसके लिए सूतक 16 जुलाई को शाम 4 बजकर 31 मिनट से ही लग जाएगा.
चन्द्र ग्रहण की खास बातें-
1. चंद्रग्रहण के दौरान क्या ना करें
2. ग्रहण काल में मूर्ति स्पर्श, नाख़ून काटना, बाल काटना जैसे काम नहीं करें
3. कुंवारों को ग्रहण के दौरान चांद नहीं देखना चाहिए
4. ग्रहण के दौरान चांद देखने से शादी में बाधा आती है
5. सूतक काल में भोजन नहीं करना चाहिए
6. फल या सब्जियां नहीं काटनी चाहिए
7. ग्रहण काल में सोना नहीं चाहिए
8. गर्भवती महिलाओं को घर में ही रहना चाहिए
9. कैंची, चाकू या किसी धारदार वस्तु का इस्तेमाल ना करें
10. सिलाई का काम भी नहीं करना चाहिए
चंद्रग्रहण के बाद क्या करें-
– चंद्रग्रहण के बाद पूजा स्थान की साफ सफाई करें
– पूजा स्थान पर गंगाजल का छिड़काव करें
– स्नान करके साफ़ वस्त्र धारण करें
– इसके बाद अपने गुरु या शिव जी की उपासना करें
– फिर किसी निर्धन व्यक्ति को सफेद वस्तु का दान करें
2 जुलाई को सूर्य ग्रहण के ठीक 14 दिन बाद धरती पर अब चंद्र ग्रहण लगने वाला है. हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि 15 दिनों के भीतर दो-दो ग्रहण बड़ी मुसीबत का सबब बन सकते हैं. इस जुलाई लगने वाला चंद्रग्रहण 16 और 17 जुलाई की रात में लगने वाला है.
भारत पर पड़ेगा असर-
खास बात ये है कि सूर्य ग्रहण जहां भारत में दिखाई नहीं दिया था. वहीं चंद्र ग्रहण भारत के कई हिस्सों में दिखाई देगा. भारत के साथ ही ये ग्रहण आस्ट्रेलिया, अफ्रीका, एशिया, यूरोप और दक्षिण अमेरिका में दिखाई देगा. इसका सीधा सा मतलब ये होता है कि चंद्र ग्रहण के ज्यादातर प्रभाव भारतवर्ष पर पड़ने वाले हैं.
149 साल बाद दुर्लभ संयोग-
इस बार लगने वाला चंद्र ग्रहण खंडग्रास चंद्रग्रहण. ये उत्तर आषाढ़ नक्षत्र में पड़ेगा. इस बार आषाढ़ मास की पूर्णिमा यानी गुरु पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण हो रहा है और ऐसा 149 साल बाद दुर्लभ संयोग बन रहा है. उस समय भी शनि, केतु और चंद्र के साथ धनु राशि में स्थित था. सूर्य, राहु के साथ मिथुन राशि में स्थित था.
भयंकर आपदा का खतरा-
इस वक्त जैसी उथल पुथल राजनीतिक क्षेत्र में मची हुई है. प्राकृतिक आपदाओं की आशंका से ये ग्रहण खाली नहीं है. कहीं भयंकर बाढ़ आने का खतरा. तो कहीं खतरनाक सूखे की आशंका भी जताई गई है. उसके पीछे ज्योतिष में ग्रहण के समय ग्रहों की स्थिति को जिम्मेदार माना जाता है.
कैसे रहें सुरक्षित?-
ग्रहण के समय आमतौर पर सबके जहन में उभरता है वो है कि आखिर ग्रहण के समय क्या करें? क्या न करें? हिन्दू धर्म की मान्यताओं के मुताबिक ग्रहण के दौरान हर किसी को इन मान्यताओं का पालन करना चाहिए.
– धर्मशास्त्रों के मुताबिक ग्रहण काल में लोगों को पूजा पाठ, मंत्रो का जाप और धार्मिक कथाएं सुननी चाहिए.
– जिसके जन्म नक्षत्र, जन्म राशि, जन्म लग्न पर ग्रहण हो वो लोग ग्रहण को न देखें
– इस काल में कोई आहार न ग्रहण करें
– ग्रहण काल में न सोएं
– किसी भी तरह का मनोरंजन न करें