नौसेना होगी और ताकतवर, जल्द मिलेंगी 100 टॉरपीडो मिसाइल
अरिहंत श्रेणी परमाणु शक्ति से संपन्न पनडुब्बी बेड़े को भी टॉरपीडो मिसाइल की जरूरत है. कलवारी श्रेणी की बाकी बची हुई 5 जहाजों को अगले 5 साल के भीतर नौसेना में शामिल कर लिया जाएगा. अगले कुछ महीनों में आईएनएस खंडेरी को भी नौसेना में शामिल किया जाएगा.
नई दिल्ली। भारतीय नौसेना की मारक क्षमता को बढ़ावा देने के लिए रक्षा मंत्रालय ने लगभग 100 हैवीवेट टॉरपीडो मिसाइल खरीदने के लिए 2000 करोड़ रुपये का टेंडर जारी किया है. मुंबई स्थित मझगांव डॉकयार्ड में बनाई जा रही नौसेना की छह स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों पर तैनात किया जाएगा.
More than half of IAF's AN-32 upgraded: MoS Defence informs Rajya Sabha
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समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि भारतीय नौसेना के लिए पनडुब्बियों के लिए करीब 100 हैवीवेट टॉरपीडो हासिल करने का टेंडर 10 दिन पहले जारी किया गया था.
Defence Min issues Rs 2000 cr tender for critical heavyweight torpedoes for submarines
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फ्रेंच मूल की स्कॉर्पीन पनडुब्बियां भारत में मज़गन डॉकयार्ड्स लिमिटेड (एमडीएल) में बनाई जा रही हैं और अब इन्हें कलवारी क्लास का नाम दिया गया है. आईएनएस कलवारी क्लास की पहली सबमरीन को पहले ही नौसेना में शामिल किया जा चुका है. यह सबरमीन ऑपरेशनल मोड में है.
प्रोजेक्ट डिटेल के मुताबिक हेवीवेट टॉरपीडो के लिए नौसेना की तत्काल आवश्यकता विदेशी विक्रेताओं के माध्यम से किए जाने वाले अधिग्रहण से पूरी होगी, जबकि दीर्घकालिक और थोक जरूरत के लिए मेड इन इंडिया प्रोजेक्ट का सहारा लिया जाएगा.
डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गैनाइजेशन (DRDO) पनडुब्बियों और सतह के जहाजों के लिए अपने हल्के टॉरपीडो के अगले संस्करण के रूप में हैवीवेट टॉरपीडो का इस्तेमाल शुरू करने की तैयारी में है. फ्रांस, स्वीडन, रूस और जर्मनी के वैश्विक निर्माताओं को नौसेना के लिए हैवीवेट टॉरपीडो के लिए टेंडर जारी किया गया है.
इटैलियन फर्म वास ब्लैक शार्क टॉरपीडो को पहले इस प्रोजेक्ट के लिए चुना गया था, लेकिन वीवीआईपी हेलिकॉप्टर घोटाले में फिनमेकेनिका समूह की भागीदारी के कारण कार्यक्रम को रद्द करना पड़ा था.
अरिहंत श्रेणी परमाणु शक्ति से संपन्न पनडुब्बी बेड़े को भी टॉरपीडो (वरुणास्त्र) की जरूरत है. कलवारी श्रेणी के बाकी बचे हुए 5 जहाजों को अगले 5 साल के भीतर नौसेना में शामिल कर लिया जाएगा. अगले कुछ महीनों में आईएनएस खंडेरी को भी नौसेना में शामिल किया जाएगा.
आईएनएस खंडेरी में क्या है खास?
डीजल और बिजली से चलने वाली ये पनडुब्बी दुश्मन नेवी पर हमला करने में कारगर साबित होगी. पनडुब्बी दुश्मन की पकड़ से बचने के लिए आधुनिक स्टेल्थ फीचर से लैस है.
सटीक मारक क्षमता वाली मिसाइल के जरिए ये पनडुब्बी दुश्मन के छक्के छुड़ा सकती है. मिसाइल लॉन्च के लिए आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले टारपीडो के अलावा आईएनएस खंडेरी में ट्यूब से लॉन्च होने वाली एंटी शिप मिसाइल्स भी मौजूद हैं. ये मिसाइल्स पानी के अंदर या सतह से दागी जा सकती हैं.