भारत ने रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए बनाए 250 घर, अब लौटेंगे म्यांमार
म्यांमार में भारतीय राजदूत सौरभ कुमार ने 9 जुलाई को शरणार्थियों के लिए बनाए गए 250 पूर्ण निर्मित घर म्यांमार को सौंपे थे.
नई दिल्ली। भारत ने रोहिंग्या शरणार्थियों को आसरा देने के लिए हाल ही में म्यांमार को घर सौंपे थे, जिसके बाद म्यांमार द्वारा अपने विदेश सचिव को बांग्लादेश भेजने की संभावना है. म्यांमार में सामाजिक, धार्मिक और जातीय उत्पीड़न के चलते रोहिंग्या परिवारों ने देश छोड़कर बांग्लादेश को अपना ठिकाना बनाया था.
इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से बताया, म्यांमार के विदेश सचिव की यात्रा इस महीने के अंत में हो सकती है. इसमें रोहिंग्या शरणार्थियों की सुरक्षा चिंताओं पर बात की जाएगी. भारत का मानना है कि यह यात्रा एक ऐसा माहौल तैयार करेगी, जिससे रोहिंग्या परिवारों को अपने देश लौटने और बसने का विश्वास बहाल होगा.
Commitment to neighborhood.
India handed over 250 pre-fabricated houses for use of displaced returnees, under its Rakhine State Development Programme worth US$ 25 million, at a ceremony in Maung Daw, Rakhine State. https://t.co/4wjErcqjNH pic.twitter.com/2LpIWS8Qup
— Raveesh Kumar (@MEAIndia) July 9, 2019
बता दें कि म्यांमार में भारतीय राजदूत सौरभ कुमार ने 9 जुलाई को शरणार्थियों के लिए बनाए गए 250 पूर्ण निर्मित घर म्यांमार को सौंपे थे. यह प्रोजेक्ट भारत और म्यांमार सरकार द्वारा 2017 में साइन किए गए अग्रीमेंट का हिस्सा था. इसके तहत सरकार को पांच सालों में 25 मिलियन खर्च करना था. 40 वर्ग मीटर में बने इन घरों को भूकंप और चक्रवाती तूफान से बचने के लिए डिजाइन किया गया है.
ये 250 घर तीन क्ल्सटर में बने हैं, जो कि श्वे जार, काइयन चुंग ताउंग और नान थार ताउंग क्षेत्रों में हैं. इन क्षेत्रों में हिंसा के सबसे खराब मामले देखे गए हैं, जिनमें सामूहिक हत्या, महिलाओं और बच्चों के साथ सामूहिक बलात्कार और हजारों घरों को जला दिया गया था.