कर्नाटक की राजनीति में ट्विस्ट, बागी MLA नागराज इस्तीफा वापस लेने को राजी
कर्नाटक का मामला दिलचस्प हो गया है. बागी विधायक और मंत्री एमटीबी नागराज ने ऐलान किया कि वह अपना इस्तीफा वापस लेकर कांग्रेस में रहेंगे. मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी और सिद्धारमैया ने एमबीटी नागराज के मनाए जाने के बाद एमटीबी नागराज ने यह फैसला लिया है.
बेंगलुरु. कर्नाटक का मामला दिलचस्प हो गया है. बागी विधायक और मंत्री एमटीबी नागराज ने ऐलान किया कि वह अपना इस्तीफा वापस लेकर कांग्रेस में रहेंगे. मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी और सिद्धारमैया ने एमबीटी नागराज के मनाए जाने के बाद एमटीबी नागराज ने यह फैसला लिया है. एमटीबी नागराज ने कांग्रेस नेताओं से वादा किया कि वे विधायक सुधाकर को भी वापस ले आएंगे. सूत्रों ने कहा, रामलिंगा रेड्डी भी मान चुके हैं और वह भी रविवार तक किसी नतीजे पर पहुंच सकते हैं.
Rebel MLA Nagraj back in Cong fold, Siddaramaiah says will get most MLAs on board before floor test
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— ANI Digital (@ani_digital) July 13, 2019
तीनों राजनीतिक पार्टियों के विधायकों ने सोमवार तक अपने-अपने होटलों में ही रुकने का फैसला किया है और वह ताबड़तोड़ बैठक कर रहे हैं. वहीं मुंबई में ठहरे बागी विधायकों चार्टेड फ्लाइट से शिरडी चले गए, जहां उन्होंने साईं बाबा के दर्शन किए. बीसी पटेल ने कहा, ‘हम यहां दर्शन के लिए आए हैं और जल्द ही नई सरकार का गठन होगा.’ सुप्रीम कोर्ट में कर्नाटक विधानसभा का मामला मंगलवार को सुनेगा. कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर (JDS) के पांच और बागी विधायकों ने मामले सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
Karnataka Chief Minister HD Kumaraswamy reaches Prestige Golfshire Club in Bengaluru, where a group of JD(S) MLAs are lodged. pic.twitter.com/tawxs8iOm0
— ANI (@ANI) July 13, 2019
आनंद सिंह, मुनीरत्ना, के सुधाकर, एमटीबी नागराजू और रोशन बेग ने अपनी अर्जी में दावा किया है कि इस्तीफा देना ‘विधायकों का मौलिक अधिकार’ है. शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अर्जी में विधायकों ने कहा, ‘बतौर नागरिक प्रतिनिधि कार्यालय से इस्तीफा देना विधायकों का मौलिक अधिकार है.
उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष द्वारा इस्तीफा स्वीकार नहीं किए जाने को मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करार दिया. उन्होंने आशंका जताई कि इस्तीफा स्वीकार नहीं किए जाने की स्थिति में उन्हें अयोग्य करार दिया जा सकता है. उनका कहना है कि उन्हें ऐसी चेतावनी दी जा रही है कि या तो सरकार का समर्थन करें या अयोग्य करार दे दिए जाएंगे.
गौरतलब है कि इससे पहले 10 अन्य बागी विधायकों ने 10 जुलाई को शीर्ष अदालत में याचिका दायर कर उनके इस्तीफे की स्वीकृति में तेजी लाने की अपील की थी. अदालत ने अध्यक्ष को इस पर तुरंत फैसला लेने के निर्देश भी दिए थे, मगर अध्यक्ष ने इस्तीफे पर निर्णय लेने में शीर्ष अदालत से और समय मांगा, क्योंकि सत्तारूढ़ सहयोगियों ने उन्हें व्हिप और कथित पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण अयोग्य घोषित करने के लिए याचिका दायर की है.