कर्नाटक / स्पीकर ने कहा- प्रक्रिया में मैंने देरी नहीं की; इस्तीफे प्रामाणिक हैं, यह जांचने में पूरी रात लगेगी
10 बागी विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई थी, कहा- स्पीकर इस्तीफा मंजूर करने में देरी कर रहे सुप्रीम कोर्ट का निर्देश- बागी विधायक इस्तीफे के मुद्दे पर शाम को स्पीकर से मिलें स्पीकर शुक्रवार तक फैसले से कोर्ट को अवगत कराएं; स्पीकर ने वक्त मांगा, इस पर सुनवाई नहीं हुई कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस के 16 विधायक अब तक इस्तीफा दे चुके हैं
बेंगलुरु. जेडीएस और कांग्रेस के बागी विधायक गुरुवार शाम विधानसभा अध्यक्ष के रमेश कुमार से मिलने पहुंचे। मुलाकात के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि ऐसा बोला जा रहा है कि मैंने प्रक्रिया में देरी की, यह गलत है। राज्यपाल ने मुझे 6 जुलाई को जानकारी दी और मैं तब तक दफ्तर में था। इसके पहले किसी विधायक ने मुझे यह नहीं बताया था कि मैं मिलने आ रहा हूं। उन्होंने कहा कि विधायकों के इस्तीफे प्रामाणिक हैं या नहीं यह जांचने में मुझे रातभर का वक्त लगेगा।सुप्रीम कोर्ट ने मुझे फैसला लेने को कहा है।मैंने हर चीज की वीडियोग्राफी की है। ये सभी चीजें मैंकोर्ट को भेजूंगा।
Karnataka Speaker: They (rebel MLAs) told me that some people had threatened them & they went to Mumbai in fear. But I told them that they should've approached me & I would've given them protection. Only 3 working days have elapsed but they behaved like an earthquake occurred. pic.twitter.com/c3Y0PCD4x1
— ANI (@ANI) July 11, 2019
दरअसल,सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों कर्नाटक में इस्तीफा देने वाले कांग्रेस-जेडीएस के 10 बागी विधायकों को गुरुवार शाम 6 बजे तक विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात करने का निर्देश दिया। इसके बाद मुंबई के होटल में ठहरेसभी विधायक बेंगलुरु के लिए रवाना हुए।उनके आने से करीब 2 घंटे पहले मुख्यमंत्री कुमारस्वामी और कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार विधानसभा पहुंचे और सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया। कर्नाटक मेंअब तक कांग्रेस के 13 और जेडीएस के 3 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं। इनमें से 10 ने इस्तीफा स्वीकार करने में देरी को लेकर शीर्ष अदालत में अर्जी लगाई थी। कोर्ट का आदेशबाकी 6 विधायकों पर लागू नहीं होगा।
कोर्ट ने स्पीकर को बिना देरी फैसला लेने के दिए थे निर्देश
बागी विधायकों की अर्जी पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि स्पीकर रमेश कुमार बिना देरी किए इस्तीफे पर फैसला लें और शुक्रवार को इससे कोर्ट को अवगत कराएं। कर्नाटक पुलिस विधायकों की सुरक्षा सुनिश्चित करे। इसके बाद स्पीकर ने शीर्ष अदालत से इस्तीफे पर फैसले के लिएवक्त मांगा। कोर्ट ने उनकी अर्जी पर सुनवाई से इनकार कर दिया। वहीं, मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि स्पीकर कोर्ट के आदेश और नियमों को ध्यान में रखते हुए फैसला लेंगे।
सभी विधायक सदन में मौजूद रहें- कांग्रेस
कर्नाटक विधानसभा कांग्रेस के प्रमुख नेता गणेश हुक्केरी ने सभी विधायकों से शुक्रवार के सत्र में शामिल होने को कहा है। हुक्केरी के मुताबिक गलत वित्त से संबंधित मामलों के साथ कुछ अन्य बिल भी पास किए जाएंगे, जो विधायक इस दौरान अनुपस्थित रहेगा उसे एंटी डिफ्केशन लॉ के आधार पर अवैध घोषित कर दिया जाएगा।
कुमारस्वामी ने मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई
मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने गुरुवार को मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई।मुख्यमंत्रीकार्यालय केमुताबिक, बैठक में सभी मंत्री मौजूद रहेंगे। क्योंकि उन्होंने अपने पार्टी अध्यक्ष को इस्तीफा सौंपा है, मुख्यमंत्री को नहीं। वहीं, 11 से 14 जुलाई तक बेंगलुरु के विधानसभाक्षेत्र में धारा 144 लागू की गई।भाजपा नेता बीएस येदियुरप्पाने पार्टी के सभी विधायकों की बैठक बुलाई।
विरोधियों को शर्म आनी चाहिए: शिवकुमार
इससे पहले बुधवार को कर्नाटक सरकार में मंत्री और कांग्रेस नेता डी शिवकुमार बुधवार को बागी विधायकों से मिलने मुंबई के रेनेसां होटल पहुंचे थे। लेकिन, पुलिस ने उन्हें मिलने नहीं दिया। उन्हें जबरन बेंगलुरु भेज दिया गया। इस पर उन्होंने कहा कि भाजपा और मुंबई पुलिस को शर्म आनी चाहिए। यह सब भाजपा के इशारे पर हो रहा है। मुझे अपने दोस्तों और सहयोगियों से मिलने नहीं दिया गया।मुझे पुरा विश्वास है कि सभी असंतुष्ट विधायक जल्द वापसी करेंगे।
कांग्रेस के 13 और जेडीएस के 3 विधायकों ने दिया इस्तीफा
उमेश कामतल्ली, बीसी पाटिल, रमेश जारकिहोली, शिवाराम हेब्बर, एच विश्वनाथ, गोपालैया, बी बस्वराज, नारायण गौड़ा, मुनिरत्ना, एसटी सोमाशेखरा, प्रताप गौड़ा पाटिल, मुनिरत्ना और आनंद सिंह इस्तीफा सौंप चुके हैं। वहीं, कांग्रेस के निलंबित विधायक रोशन बेग ने भी मंगलवार को इस्तीफा दे दिया। बुधवार कोके सुधाकर, एमटीबी नागराज ने इस्तीफा दिया।
16 विधायकों के इस्तीफे के बाद क्या होगी स्थिति?
कांग्रेस-जेडीएस के 16 विधायकों ने स्पीकर को इस्तीफा दे दिया। अगर इनविधायकों के इस्तीफे स्वीकार होते हैं तो विधानसभा में कुल 208 सदस्य रह जाएंगे। विधानसभा अध्यक्ष को छोड़कर ये संख्या 207 रह जाएगी। ऐसे में बहुमत के लिए 104 विधायकों की जरूरत होगी। कुमारस्वामी सरकार के पास केवल 100 विधायकों का समर्थन रह जाएगा। ऐसे में सरकार अल्पमत में आ जाएगी।