खनन घोटाले में बुलंदशहर DM के घर CBI रेड, नोट गिनने के लिए मंगाई गई मशीन
अवैध खनन का मामला 2012 से 2016 के बीच का है, इस वक्त राज्य में समाजवादी पार्टी की सरकार थी. तब खनन मंत्रालय का जिम्मा खुद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ही संभाल रहे थे.
नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित खनन घोटाला मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने बुधवार को छापेमारी की. ये छापे बुलंदशहर के जिलाधिकारी (DM) अभय कुमार सिंह के निवास पर मारे गए हैं. खनन मामले में अभय कुमार सिंह भी रडार पर थे, ऐसे में सीबीआई ने अब कार्रवाई की है. बता दें कि ये मामला तबका है जब राज्य में समाजवादी पार्टी की सरकार थी और अखिलेश यादव राज्य के मुख्यमंत्री थे.
अवैध खनन का मामला 2012 से 2016 के बीच का है, इस वक्त राज्य में समाजवादी पार्टी की सरकार थी. तब खनन मंत्रालय का जिम्मा खुद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ही संभाल रहे थे. ऐसे में उनपर भी लगातार सवाल उठते रहे हैं. अभय सिंह, सितंबर 2013 से लेकर जून 2014 तक फतेहपुर के डीएम रह चुके हैं.
डीएम आवास पर हुई छापेमारी में बड़ी संख्या में नोट बरामद होने की जानकारी है. जिसके चलते सीबीआई टीम ने अब नोट गिनने की मशीन भी मंगाई है.
सूत्रों की मानें तो 2012 और 2016 के बीच कुल 22 टेंडर पास किए गए थे, जो विवाद में आए. इन 22 में से 14 टेंडर तब पास किए गए थे, जब खनन मंत्रालय अखिलेश यादव के पास ही था. बाकी के मामले गायत्री प्रजापति के कार्यकाल के हैं.
अब एजेंसियों का मानना है कि अखिलेश यादव और गायत्री प्रजापति के अप्रूवल के बाद ही इन्हें लीज पर दिया गया था. क्योंकि 5 लाख से ऊपर का कोई भी मसला हो, उसके लिए मुख्यमंत्री की इजाजत जरूरी है. इससे पहले जून में इसी मामले में सीबीआई ने गायत्री प्रजापति के घर पर भी छानबीन की थी.
इस मामले में सीबीआई काफी एक्टिव है और देश के अलग-अलग हिस्सों में छापेमारी कर चुकी है. जिसमें गायत्री प्रजापति के अलावा IAS अधिकारी बीएस चंद्रकला के घर पर भी छापे पड़े थे. बीएस चंद्रकला बिजनौर और मेरठ की डीएम भी रह चुकी हैं.
गौरतलब है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के बाद ही सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है. हाई कोर्ट ने जनहित याचिकाओं के दाखिल होने के बाद इस मामले में जांच का आदेश दिया था.
इससे पहले केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मंगलवार को भी 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 110 स्थानों पर छापे मारे थे। इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ मोदी सरकार की सबसे बड़ी कार्रवाई के तौर पर देखा जा रहा है। सीबीआई ने भ्रष्टाचार, आपराधिक कृत्य और हथियारों की तस्करी व अन्य सहित लगभग 30 मामले दर्ज किए हैं।
सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, छापेमारी की कार्रवाई मंगलवार तड़के उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, ओडिशा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और बिहार में तथा इसके अलावा दिल्ली, भरतपुर, मुंबई, चंडीगढ़, जम्मू, श्रीनगर, पुणे, जयपुर, गोवा, रायपुर, हैदराबाद, मदुरै, कोलकाता, राउरकेला, रांची, बोकारो, लखनऊ शहरों में की गई।
सीबीआई ने पिछले सप्ताह 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लगभग 50 स्थानों पर छापेमारी की थी। कथित रूप से 1,139 करोड़ रुपये के बैंक घोटाले की जांच में सीबीआई ने 13 कंपनियों और बैंक अधिकारियों के ठिकानों पर छापेमारी की थी। बैंक ऋण बकाएदारों के खिलाफ हाल के समय में जांच और जब्ती सबसे बड़ी कार्रवाइयों में से है।