निर्मला सीतारमण ने खोला बजट के ‘लाल बस्ते’ का राज, मामी ने पूजा अर्चना करने के बाद यह लाल बस्ता दिया

‘मैं यही सोचकर लाल कवर लेकर आई और उसमें बजट लेकर जाने की बात कही। लेकिन मुझे घर में कहा गया कि यह गिर सकता है, दस्तावेज संसद ले जाते समय गिर सकते हैं तब मामी ने लाल कपड़े का लिफाफेनुमा बस्ता बनाकर दिया। उन्होंने उसे खुद उसे हाथ से सिला।

नई दिल्ली : देश की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 5 जुलाई शुक्रवार को लोकसभा में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश किया। आमतौर पर बजट वाले दिन लोकसभा में वित्त मंत्रियों की ब्रीफकेस के साथ की तस्वीरें सामने आती हैं लेकिन निर्मला सीतारमण इस मामले में अलग दिखीं।

ही बैग या फिर बक्सा होता है जिसमें बजट के दस्तावेज होते हैं

आम तौर पर संसद में आपने वित्त मंत्री को चमड़े के बैग या फिर ब्रीफकेस के साथ देखा होगा। ये वही बैग या फिर बक्सा होता है जिसमें बजट के दस्तावेज होते हैं। लेकिन इस बार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण किसी बैग या बक्से में नहीं बल्कि लाल रंग के एक कपड़े की पोटलीनुमा बैग के साथ दिखी जिसने सबका ध्यान आकर्षित किया। इसे बही-खाता नाम दिया गया।

  • इस लाल रंग के बही-खाते में बजट दस्तावेज लाने के सवाल के जवाब में वित्त मंत्री ने कहा था कि उनके ख्याल से ब्रिटिश मानसिकता से निकलने का यही उपयुक्त समय है। वित्त मंत्री ने खुलासा किया कि उनकी मामी ने उन्हें यह बस्ता बनाकर दिया।सीतारमण ने अपना पहला बजट पेश करने के बाद यहां संवाददाताओं के सवालों के जवाब में कहा, ‘सूटकेस, ब्रीफकेस मुझे पसंद नहीं आता।

मामी ने हाथों से सिला लाल रंग का लिफाफानुमा बस्ता

यह अंग्रेजों के जमाने से चला आ रहा है। हमें यह पसंद नहीं। फिर मेरी मामी ने मुझे लाल कपड़े का बस्ता बनाकर दिया। उन्होंने पूजा अर्चना करने के बाद मुझे यह लाल बस्ता दिया। यह घर का थैला नहीं लगे इसलिये सरकारी पहचान देने के लिये उस पर अशोक स्तंभ का चिन्ह लगाया गया।’

उन्होंने कहा भारत में हर क्षेत्र में अपनी परंपरायें हैं। दिवाली पर लक्ष्मी पूजन हो या घर, दुकान के नये बहीखातों की शुरुआत का मौका, उसका लाल कवर होता है, लाल कपड़े में लपेटा जाता है और उस पर कुमकुम, हल्दी, चंदन लगाकर अथवा शुभ लाभ लिखकर शुरुआत की जाती है।

घरवालों ने कहा..
‘मैं यही सोचकर लाल कवर लेकर आई और उसमें बजट लेकर जाने की बात कही। लेकिन मुझे घर में कहा गया कि यह गिर सकता है, दस्तावेज संसद ले जाते समय गिर सकते हैं तब मामी ने लाल कपड़े का लिफाफेनुमा बस्ता बनाकर दिया। उन्होंने उसे खुद उसे हाथ से सिला।

उनके बस्ते को बहीखाता नाम किसने दिया, इस पर वित्त मंत्री ने कहा कि यह नाम उन्होंने नहीं दिया, यह नाम जनता से ही कहीं से आया। प्रधानमंत्री की तरफ से इसपर प्रतिक्रिया के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की तरफ से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं थी।

बजट पेश करने के बाद वित्त मंत्री ने कहा-
गौरलतब है कि लोकसभा में बजट 2019-20 पेश करने के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि 10 वर्षों के विजन को ध्यान में रखकर ये बजट तैयार किया गया है। यही कारण है कि स्टार्टअप्स को कर में काफी छूट दी गई है। ये बजट पूरी तरह से गांव, गरीब और किसान के लिए समर्पित है।

इतना ही नहीं इस बजट के माध्यम से अमीरों पर गहरा चोट किया गया है। अत्यधिक अमीरों (सुपर रिच) से प्राप्त कर से देश के रेवेन्यू में लाभ मिलेगा साथ ही देश के विकास में भी और आर्थिक सुधारों में इससे काफी मदद मिलेगी। वित्त मंत्री ने कहा कि रोजगार बढ़ाने के लिए बजट में कई सारे प्रावधान किए गए हैं।

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