कर्नाटक का नाटक : कर्नाटक /कांग्रेस-जेडीएस के 12 विधायकों का इस्तीफा, गौड़ा ने कहा- भाजपा सरकार बनी तो येदियुरप्पा सीएम होंगे

कर्नाटक में कांग्रेस के आठ और जेडीएस के तीन विधायक विधानसभा अध्‍यक्ष केआर रमेश कुमार से मिलने पहुंचे हैं। ऐसी अटकलें हैं कि ये विधायक अपने पद से इस्‍तीफा दे सकते हैं।

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बेंगलुरू, कर्नाटक में 13 महीने पुरानी कांग्रेस-जेडीएस की गठबंधन सरकार पर खतरा मंडराने लगा है। कांग्रेस और जेडीएस के 11 विधायकों ने शनिवार को स्पीकर रमेश कुमार के दफ्तर पहुंचकर इस्तीफा सौंप दिया। स्पीकर अपने दफ्तर में नहीं थे, लेकिन उन्होंने बाद में 11 विधायकों के इस्तीफे मिलने की पुष्टि की। इससे पहले सोमवार को आनंद सिंह ने इस्तीफा दिया था। अगर स्पीकर रमेश कुमार विधायकों के इस्तीफे स्वीकार करते हैं, तो कुमारस्वामी सरकार अल्पमत में आ जाएगी। कर्नाटक के मुख्यमंत्री कुमारस्वामी अमेरिका और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गुंडु राव ब्रिटेन गए हैं। दोनों रविवार को बेंगलुरु लौटेंगे।

इस्तीफा देने के बाद विधायकों ने राज्यपाल वाजूभाई वाला से मुलाकात की।

हालांकि, जेडीएस विधायक एच विश्वनाथ ने आनंद सिंह के अलावा 13 विधायकों के इस्तीफा का दावा किया। उन्होंने कहा, ”अब तक 14 विधायक सरकार से इस्तीफा दे चुके हैं। हम राज्यपाल से भी मिले हैं। हमने स्पीकर को इस्तीफा स्वीकार करने को लिखा है। उन्होंने इस पर मंगलवार तक फैसला लेने के लिए कहा है। गठबंधन सरकार कर्नाटक के लोगों की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी।”

हम सबसे बड़ी पार्टी- भाजपा

भाजपा के राज्य में सरकार बनाने के सवाल पर केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा ने कहा कि राज्यपाल फैसला लेने का सर्वोच्च अधिकार रखते हैं। संवैधानिक मत के तहत अगर वे हमें बुलाते हैं, तो हम सरकार बनाने के लिए बिल्कुल तैयार हैं। हम सबसे बड़ी पार्टी हैं। हमारे साथ 105 विधायक हैं। अगर भाजपा की सरकार बनती है तो येदियुरप्पा मुख्यमंत्री होंगे।

विधायकों ने राज्यपाल से की मुलाकात

उमेश कामतल्ली, बीसी पाटिल, रमेश जारकिहोली, शिवाराम हेब्बर, एच विश्वनाथ, गोपालैया, बी बस्वराज, नारायण गौड़ा, मुनिरत्ना, एसटी सोमाशेखरा, प्रताप गौड़ा पाटिल इस्तीफा सौंपने के बाद राज्यपाल वाजूभाई वाला से मिलने राजभवन पहुंचे।

विधानसभा में तय होगा, सरकार गिरगी या नहीं- स्पीकर

न्यूज एजेंसी के मुताबिक, स्पीकर रमेश कुमार विधायकों के पहुंचने से पहले ही विधानसभा से बाहर निकल गए। इस पर रमेश कुमार ने कहा कि मुझे अपनी बेटी को लेना था, इसलिए घर चला गया। मैंने अपने ऑफिस में बोल दिया था कि विधायकों का इस्तीफा रख लें और मुझे बता दें। 11 सदस्यों ने इस्तीफा सौंपा है। कल (रविवार) को छुट्टी है, सोमवार को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम हैं। इसलिए मंगलवार को ही मामला देख पाऊंगा। सरकार गिरेगी या नहीं इसका फैसला विधानसभा में ही होगा।

कर्नाटक में दिन भर चला नाटक
दोपहर 1.41 बजे: जेडीेस-कांग्रेस के 11 विधायक इस्तीफा सौंपने के लिए स्पीकर के दफ्तर पहुंचे। यहां स्पीकर नहीं मिले तो अधिकारियों को इस्तीफा दिया।
2.10 बजे: घटनाक्रम की जानकारी मिलने पर मंत्री डीके शिवकुमार विधानसभा पहुंचे और कुछ देर बाद रामलिंगा रेड्डी समेत तीन विधायकों को साथ लेकर निकले।
2.24 बजे: विधायक बीसी पाटिल, रमेश जरकिहोली और एच विश्वनाथ समेत कांग्रेस-जेडीएस के 6 विधायक राजभवन पहुंच गए।
3.26 बजे: कांग्रेस के कर्नाटक प्रभारी केसी वेणुगोपाल बेंगलुरु के लिए रवाना हुए।
3.36 बजे: कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार पार्टी के बागी विधायक रामलिंगा रेड्डी, एसटी सोमशेखर और बी बस्वराज को अपने आवास पर ले गए।
3.44 बजे: भाजपा नेता येदियुरप्पा ने कहा- शिवकुमार ने स्पीकर के ऑफिस में कुछ विधायकों के इस्तीफे फाड़ दिए। यह निंदनीय है।
3.58 बजे: इस्तीफा सौंपने वाले सभी 11 विधायक राजभवन पहुंचे। तीन कांग्रेस कांग्रेस विधायकों ने कहा- सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री बनाया जाए।

कर्नाटक विधानसभा की मौजूदा स्थिति

पार्टी सीट
भाजपा 105
कांग्रेस 78
जेडीएस 37
बसपा 1
केपीजेपी 1
निर्दलीय 1

*कांग्रेस के टिकट से जीते रमेश कुमार मौजूदा विधानसभा अध्यक्ष हैं।

14 विधायकों के इस्तीफे के बाद क्या होगी स्थिति?

अगर स्पीकर 14 विधायकों के इस्तीफे को स्वीकार कर लेते हैं तो विधानसभा में कुल 210 सदस्य रह जाएंगे। विधानसभा अध्यक्ष को छोड़कर ये संख्या 209 रह जाएगी। ऐसे में बहुमत के लिए 105 विधायकों की जरूरत होगी।

निर्दलियों के समर्थन से बन सकती है भाजपा सरकार

ऐसी अटकलें हैं कि दो निर्दलीय विधायक कुमारस्वामी सरकार की कैबिनेट से मंत्री का पद छोड़ सकते हैं। ये दोनों विधायक भाजपा को समर्थन दे सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो भाजपा के पास 107 विधायकों का समर्थन होगा। जो सरकार बनाने के लिए काफी है।

कांग्रेस विधायक रामालिंगा रेड्डी (Ramalinga Reddy) ने कहा कि मैं विधानसभा अध्‍यक्ष को अपना इस्‍तीफा सौंपने आया हूं। मैं अपनी बेटी (कांग्रेस विधायक सौम्‍या रेड्डी, Sowmya Reddy) के अगले कदम के बारे नहीं जानता। उन्‍होंने कहा कि मैं पार्टी में किसी को भी इसका दोष नहीं दे रहा हूं। मुझे लगता है कि कुछ मुद्दों पर मेरी उपेक्षा की जा रही है। इसीलिए मैंने इस्‍तीफा देने का फैसला लिया है

गौर करने वाली बात यह है कि इन दिनों मुख्‍यमंत्री एचडी कुमारस्‍वामी अमेरिका के दौरे पर हैं। माना जा रहा है कि इससे राज्‍य में उपजे मौजूदा संकट से सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। बताया जाता है कि विधानसभा अध्‍यक्ष विधानसभा में मौजूद नहीं हैं। ऐसे में देखना दिलचस्‍प होगा कि कर्नाटक का यह सियासी घटनाक्रम कौन सा मोड़ लेता है। अभी हाल ही में कांग्रेस के विधायक आनंद सिंह ने विधानसभा अध्‍यक्ष को अपना इस्‍तीफा सौंपा था। पहले तो विधानसभा अध्‍यक्ष ने उनके इस्‍तीफे से इनकार किया था लेकिन बाद में उन्‍होंने इस्‍तीफा मिलने की बात स्‍वीकार की थी।

बता दें कि बीते विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 104 सीटों पर जीत दर्ज की थी लेकिन राज्‍य में सरकार बनाने में वह नाकाम रही थी। मौजूदा गठबंधन सरकार को 117 विधायकों का समर्थन हासिल है। इसमें कांग्रेस के 78 जबकि जेडीएस के 37 विधायक शामिल हैं। इस साल हुए लोकसभा चुनाव में राज्‍य की 28 लोकसभा सीटों में से भाजपा ने 25 सीटों पर जीत दर्ज की थी जबकि कांग्रेस और जेडीएस को एक-एक सीटों पर जीत हासिल हुई थी।

देवेगौड़ा जता चुके हैं आशंका

गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री और JDS नेता एचडी देवेगौड़ा ने कर्नाटक में उनके पुत्र कुमारस्वामी की सरकार के पांच साल चलने को लेकर पहले ही आशंका जता चुके हैं। पिछले ही महीने उन्होंने एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने बताया कि कांग्रेस ने कहा था, वे हमें पांच साल तक समर्थन देंगे, लेकिन अब उनका व्यवहार पांच साल सरकार चलाने का नहीं लगता। देवेगौड़ा ने कहा था कि कर्नाटक में गठबंधन का सुझाव हमारा नहीं था, बल्कि यह सुझाव यूपीए की अध्यक्ष सोनिया गांधी और वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद की तरफ से आया था।

बता दें कि कुछ कांग्रेस नेताओं का कहना था कि कर्नाटक में गठबंधन से कांग्रेस और जेडीएस दोनों पार्टियों को नुकसान हो रहा है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए देवेगौड़ा ने कहा, ‘मैंने तो उनसे कहा था कि हम गठबंधन नहीं चाहते हैं, लेकिन वरिष्ठ कांग्रेस नेता जी परमेश्वर और केएच मुनियप्पा ने हमसे इस संबंध में संपर्क किया। वरिष्ठ कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने मुझसे कहा कि मैंने उन्हें यह गठबंधन करवाने का आदेश दिया है।’

बता दें कि हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात के बाद कहा था कि गठबंधन का फायदा नहीं हुआ है। उन्होंने कहा था कि अगर कांग्रेस राज्य में अकेले चुनाव लड़ती तो लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करती। इस पर भी देवेगौड़ा ने कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया था।

मुख्यमंत्री लगा चुके हैं भाजपा पर आरोप
इससे पहले पिछले ही महीने राज्य के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने भाजपा पर जेडीएस विधायकों को तोड़ने की कोशिश का आरोप लगाया था। कुमारस्वामी ने कहा था कि भारतीय जनता पार्टी ने हमारे एक विधायक को 10 करोड़ रुपये का लालच दिया है। उन्होंने कहा, विधायक ने मुझे बताया कि भाजपा के नेता का उसके पास फोन आया था। उन्होंने जेडीएस छोड़ने और भाजपा में शामिल होने के लिए 10 करोड़ रुपये की पेशकश की। कुमारस्वामी ने आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा के नेताओं द्वारा लगातार इस प्रकार का प्रयास किया जा रहा है।

कर्नाटक सरकार गिरती है तो भाजपा देगी विकल्प
केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता डीवी सदानंद गौड़ा ने भी पिछले महीने कर्नाटक के राजनीतिक संकट को लेकर एक बयान दिया था। उस वक्त उन्होंने कहा था कि अगर कर्नाटक में जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन सरकार खुद से गिरती है तो सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते भाजपा विकल्प खोजेगी। उन्होंने दावा किया कि विकास के रास्ते में राजनीति बाधा नहीं बनेगी। गौड़ा ने कहा था कि मोदी सरकार में शामिल कर्नाटक के मंत्री राज्य के हित के लिए काम करेंगे। उन्होंने इन आरोपों को भी खारिज किया कि भाजपा गठबंधन सरकार गिराने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी राज्य सरकार को गिराने के लिए कोई काम नहीं करेगी।

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