राजीव गांधी हत्याकांड: जेल से बाहर आएगी दोषी नलिनी श्रीहरन, HC ने दी 30 दिन की पैरोल

मद्रास हाईकोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्याकांड में सजायाफ्ता नलिनी श्रीहरन को 30 दिन की पैरोल दी है। नलिनी को आजीवन कारावास की सजा मिली है और वह 27 साल से जेल में बंद हैं।

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मद्रास: पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में सजा काट रही नलिनी श्रीहरन को मद्रास उच्च न्यायलय से 30 दिन की पौरोल मिली है। कोर्ट से पैरोल मिलने के बाद नलिनी क्षीहरन अब जल्द ही जेल से बाहर आ जाएगी। इससे पहले नलिनी ने मद्रास उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर पैरोल की मांग की थी। कोर्ट ने इसके लिए नलिनी को अदालत में पेश होने की अनुमति दी थी।

बेटी की शादी का दिया था हवाला
पूर्व पीएम राजीव गांधी हत्याकांड में सजायाफ्ता नलिनी श्रीहरन ने कोर्ट में एक याचिका दायर कर बेटी की शादी की तैयारी के लिए 6 महीने की पैरोल मांगी थी। नलिनी ने कोर्ट में याचिका दायर कर अदालत से अनुरोध किया था कि वह वेल्लोर कारागार अधीक्षक को निर्देश से की वह उसे न्यायलय में पेश होने की अनुमति दे जिससे वह अपना पक्ष व्यक्तिगत तौर पर रख सके।

अदालत ने कहा था कि निजी तौर पर कोर्ट में पेश होने के नलिनी के अधिकार से इंकार नहीं किया जा सकता है।  रिपोर्ट के अनुसार, नलिनी इस बात की दलील दी थी  कि जिसे आजीवन कारावास की सजा मिलती है वह 2 वर्ष में एक बार 30 दिन की छुट्टी पाने का हक होता है। नलिनी ने कहा था कि वह 27 वर्ष से जेल में बंद है और उसने एक बार भी पैरोल नहीं मांगी है इस लिहाज से वह छुट्टी की हकदार है।

रिपोर्ट के मुताबिक, नलिनी ने अपनी छुट्टी के लिए महिला आयोग को भी 2 बार चिट्ठी लिखी थी। बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या  21 मई 1991 को चुनाव प्रचार करने के दौरान एक बम विस्फोट में उनकी मौत हो गई थी। जिस वक्त उनकी मौत हुई उस दिन वह तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में चुनाव प्रचार करने हुए गए थे।

राज्य सरकार ने उम्र कैद में बदली थी सजा
नलिनी श्रीहरन को फांसी की सजा हुई थी, लेकिन  साल 200 में 24 अप्रैल को तमिलनाडु सरकार ने उसकी फांसी की सजा को आजीवन कारावास में तब्दील कर दिया था।

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