नई दिल्ली : मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले बजट के लिए अंतिम तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। लोकसभा चुनाव में दोबारा जीत के बाद यह मोदी सरकार का पहला पूर्ण बजट है। इससे पहले फरवरी में 2019-20 का अंतरिम बजट पेश किया गया था। मोदी सरकार 2.0 के पहले बजट को तैयार करने में कई धुरंधर शामिल हैं, जिन्होंने देश का बजट तैयार करने में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का साथ दिया।
ऐसे में जबकि देश कई तरह की आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा और अर्थव्यवस्था की रफ्तार सुस्त नजर आ रही है, मोदी सरकार का यह बजट काफी अहम है। इस बजट में ऐसे कदम उठाए जाने की उम्मीद की जा रही है, जिससे अर्थव्यवस्था की सेहत में सुधार होगी और लोगों को भी राहत मिलेगी। देश की पहली महिला वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को इन अधिकारियों ने बजट तैयार करने में मदद दी:
के. सुब्रमण्यन, मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA)
कृष्णामूर्ति सुब्रमण्यन मोदी सरकार में मुख्य आर्थिक सलाहकार हैं, जिन्होंने गुरुवार को आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। उन्होंने अमेरिका की शिकागो यूनिवर्सिटी से प्रोफेसर लुइगी जिंगालेस और आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के नेतृत्व में फाइनेंशियल इकोनोमिक्स में पीएचडी की है। अर्थव्यवस्था की सुस्ती दूर करने और इसकी धीमी रफ्तार को गति देने को लेकर बजट में उनकी सलाह को काफी अहम माना जा रहा है।
सुभाष गर्ग, वित्त व आर्थिक मामलों के सचिव
सुभाष गर्ग वित्त एवं आर्थिक मामलों के सचिव हैं। उन्हें वित्त मंत्रालय के पुराने खिलाड़ी के तौर पर देखा जाता है, जिनके पास अर्थव्यवस्था की चुनौतियों और उससे पार पाने के कई अनुभव हैं। ऐसे में जबकि देश की अर्थव्यवस्था विकास दर (growth rate) कम होने, खपत व निजी निवेश घटने जैसी चुनौतियों का सामना कर रही है, नॉर्थ ब्लॉक के अनुभवी अधिकारी गर्ग की सलाह काफी अहम साबित हो सकत है।
अजय भूषण पांडेय, राजस्व सचिव
राजस्व सचिव अजय भूषण पांडेय की असली परीक्षा राजस्व के मोर्चे पर होगी। आधार कार्ड से जुड़ी यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी में कौशल दिखाने वाले पांडेय राजस्व बढ़ाने और कर दाताओं की सुवधिा के लिए टेक्नोलॉजी का किस तरह विस्तार करते हैं, यह देखने वाली बात होगी। अर्थव्यवस्था की धीमी रफ्तार को देखते हुए खर्च बढ़ाने के संदर्भ में उनके सुझाव काफी अहम माने जा रहे हैं।
जीसी मुर्मू, व्यय सचिव
व्यय सचिव जीसी मुर्मू गुजरात कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारी हैं, जो इससे पहले वित्तीय सेवाओं और राजस्व विभाग में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। योजनाओं को क्रियान्वित करने में उन्हें माहिर माना जाता है तो बजट 2019 में उनकी सलाह इस संदर्भ में खास मानी जा रही है कि पीएम नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजनाओं को साकार करने में किसी कोताही के बगैर किस तरह खर्च को नियंत्रण में रखा जा सकता है।
राजीव कुमार, वित्तीय सेवाएं सचिव
वित्तीय सेवा मामलों के सचिव राजीव कुमार की मोदी सरकार के कई महत्वपूर्ण एजेंडों में अहम भूमिका रही है, जिनमें सार्वजनिक बैंकों का विलय, फंसे हुए ऋण पर अंकुश जैसी बातें प्रमुख हैं। आगे बीमा कंपनियों के विलय के साथ-साथ बैंकिंग क्षेत्र में सुधार की जिम्मेदारी भी उनके पास है। देखना है कि इस संदर्भ में उनके सुझाव आम बजट में किस रूप में सामने आते हैं।
अतानु चक्रवर्ती, डीआईपीएएम सचिव
निवेश व सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) के सचिव अतानु चक्रवर्ती 1985 बैच के गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी हैं, जिन्होंने बीते वित्त वर्ष में विनिवेश के लक्ष्य को पूरा करने में सरकार को काफी मदद दी थी। मोदी सरकार 2.0 के पहले बजट की तैयारियों में उनके सुझाव को काफी अहम माना जा रहा है। फिलहाल सार्वजनिक कंपनियों की हिस्सेदारी बेचने को लेकर उनके पास चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारी है।