बेंगलुरू: कर्नाटक सरकार में फिलहाल सबकुछ सामान्य चल रहा है मगर सरकार को अस्थिर करने की बात कई बार सामने आ चुकी है। वहां की सत्तारूढ़ सरकार का कहना है कि इसके पीछे बीजेपी का हाथ है जो वहां की सरकार को अस्थिर करने में जुटी है और इसके लिए वो भ्रष्ट रकम का इस्तेमाल कर रही है वहीं बीजेपी हर बार इन आरोपों को नकारती रही है।
ताजा घटनाक्रम में कर्नाटक में एक जेडीएस विधायक का एक वीडियो सामने आया है जिसमें वह यह दावा करते नजर आते हैं कि उन्हें 40 करोड़ रुपये नकदी की पेशकश की गयी। कर्नाटक में सत्ताधारी गठबंधन के नेता आरोप लगा रहे हैं कि बीजेपी एच डी कुमारस्वामी सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रही है। हालांकि, विधायक के. महादेव ने अपने पिरियापटना निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के साथ बातचीत में यह नहीं बताया कि उन्हें किसने नकदी देने की पेशकश की।
कांग्रेस का आरोप है कि कर्नाटक में विधायकों को खरीदने के लिए बीजेपी भ्रष्टाचार की रकम का इस्तेमाल कर रही है।प्रदेश भाजपा ने कांग्रेस के आरोपों को बेबुनियाद बताया है। वीडियो में महादेव ने दावा किया कि कांग्रेस के बागी विधायक रमेश जरकिहोली ने गठबंधन के साथ रहने के लिए 80 करोड़ रुपये की मांग की थी।
बीजेपी की निगाह अब मध्य प्रदेश और कर्नाटक जैसे राज्यों पर
रतलब कि लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद बीजेपी की निगाह अब पूर्ण रूप से मध्य प्रदेश और कर्नाटक जैसे राज्यों पर हैं जहां पार्टी मौजूदा सत्ता रूढ़ दल को अल्पमत में बताने का दावा करती है।
इस बीच कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्य बीजेपी चीफ बीएस येदियुरप्पा ने कहा है कि यह बेहतर होगा कि राज्य सरकार को भंग कर दिया जाए और मध्यावधि चुनाव कराए जाएं। उन्होंने उस बात को भी निराधार बताया है जिसमें कहा जा रहा था कि बीजेपी के कुछ विधायक कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर के संपर्क में हैं।
सूत्रों ने बताया कि दोनों नेताओं ने व्यक्तिगत रूप से असंतुष्ट विधायकों से संपर्क किया और उन्हें मनाने की कोशिशें की. साथ ही, दोनों विधायकों को अपना इस्तीफा वापस लेने के लिए उन्हें मनाने की कोशिशें की जा रही हैं. विधानसभा अध्यक्ष ने अभी तक ये इस्तीफे स्वीकार नहीं किए हैं. सोमवार को विजयनगर विधायक आनंद सिंह और गोकक विधायक रमेश जरकीहोली के इस्तीफे की घोषणा से 13 माह पुरानी एच डी कुमारस्वामी नीत कांग्रेस-जद(एस) गठबंधन सरकार को दोहरा झटका लगा था. हालांकि, कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धरमैया ने कहा कि सिर्फ सिंह ने ही इस्तीफा दिया है और जरकीहोली का इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष तक नहीं पहुंचा है. जरकीहोली ने कहा था कि उन्होंने अपना इस्तीफा फैक्स से भेजा है और वह स्पीकर से जल्द ही मिलेंगे लेकिन बुधवार तक वह नहीं गए.
(इनपुट-भाषा)