राहुल ने ट्विटर पर चार पेज की चिट्ठी पोस्ट कर दिया कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा

लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली हार के बाद राहुल गांधी ने पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. राहुल गांधी ने अपने इस्तीफे को लेकर एक खुला पत्र लिखा है. इस पत्र को राहुल गांधी ने ट्वीट भी किया है.

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नई दिल्ली. लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली हार के बाद राहुल गांधी ने पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. राहुल गांधी ने अपने इस्तीफे को लेकर एक खुला पत्र लिखा है. इस पत्र को राहुल गांधी ने ट्वीट भी किया है.

राहुल गांधी ने लिखा कि लोकसभा चुनाव में पार्टी को मिली हार की मैं जिम्मेदारी लेता हूं. हमारी पार्टी के विकास के लिए जवाबदेही महत्वपूर्ण है. इस कारण से मैंने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने आगे लिखा कि कांग्रेस अध्यक्ष पद पर रहना मेरे लिए गर्व की बात है.

राहुल गांधी ने लिखा कि कांग्रेस पार्टी की सेवा करना मेरे लिए गर्व का विषय है जिस पार्टी की नीतियां और सिद्धातों से देश का विकास हुआ है. मैं देश और पार्टी से मिले प्यार के लिए आभारी हूं.

हार की लेनी होगी जिम्मेदारी

राहुल गांधी ने लिखा, ‘कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर 2019 में मिली हार के लिए मैं जिम्मेदार हूं. हमारी पार्टी के भविष्य के लिए जवाबदेही जरूरी है. यही कारण है कि मैं अपने पद से इस्तीफा दे रहा हूं.

2019 में मिली हार के लिए पार्टी को पुर्नसंगठित करने की जरूरत है. पार्टी की हार के लिए सामूहिक तौर पर लोगों को कठिन निर्णय लेने होंगे. यह बेहद गलत होगा कि पार्टी की हार के लिए सबको जिम्मेदार ठहराया जाए, लेकिन पार्टी अध्यक्ष होने की वजह से मैं अपनी जिम्मेदारी से भागूं.

बहुत से साथियों ने मुझे सुझाव दिया कि मैं ही कांग्रेस पार्टी के अगले अध्यक्ष का नाम चुनाव करूं. यह सही है कि किसी की तत्काल जरूरत है कि कोई हमारी पार्टी को लीड करे. मेरे लिए किसी एक का चयन करना गलत होगा. हमारी पार्टी का इतिहास बहुत गौरवशाली रहा है. इसलिए मुझे लगता है कि अब यह पार्टी ही तय करेगी कि कौन हमारा नेतृत्व हिम्मत, प्यार और जिम्मेदारी के साथ कर सकता है.

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कांग्रेस वर्किंग कमेटी की जल्द होगी बैठक

कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद अब कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक बुलाई जाएगी. इस बैठक को कांग्रेस संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल बुलाएंगे. कांग्रेस वर्किंग कमेटी को कमेटी के वरिष्ठ सदस्य संचालित कर सकते हैं.

इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर उनके इस्तीफे को स्वीकार या अस्वीकार करने पर चर्चा की जाएगी. इस बैठक में ही किसी नए अध्यक्ष को या फिर एक ग्रुम को अंतरिम तौर पर फैसला करने के लिए अधिकृत किया जा सकता है. पार्ट के पास सामूहिक नेतृत्व का भी विकल्प है.

हार के बाद दुखी थे राहुल

गौरतलब है कि 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की करारी हार के बाद राहुल गांधी ने नतीजों के दिन ही यह मंशा जाहिर की थी कि वे अपने पद से इस्तीफा देना चाहते हैं और हार के लिए खुद को जिम्मेदार मानते हैं. इसके बाद से ही कांग्रेस के कई बड़े नेता उन्हें मनाने की कोशिश कर रहे थे.

राहुल गांधी ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ पर पार्टी से ज्यादा बेटों को महत्व देने का भी आरोप लगाया था. उन्होंने दोनों नेताओं पर नाराजगी जाहिर की थी. तब से लेकर अब तक लगातार पार्टी के बड़े नेता और कार्यकर्ता राहुल गांधी को मनाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन राहुल गांधी अपने जिद पर अड़े रहे.

मंगलवार को कांग्रेस पार्टी के मुख्यालय के सामने पार्टी कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे थे कि राहुल गांधी इस्तीफा वापस ले लें. लेकिन राहुल गांधी ने अपना फैसला नहीं बदला. अब सूत्रों का ऐसा कहना है कि कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष मोतीलाल वोरा होंगे. तब तक नए कांग्रेस अध्यक्ष की तलाशी जारी रहेगी.

इस्तीफा सामने आते ही बदला राहुल गांधी का ट्विटर प्रोफाइल, अध्यक्ष से बने कांग्रेस सदस्य

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मान-मनौव्वल आखिरकार बेकार गई्. युवाओं से लेकर वरिष्ठों तक के प्रयास विफल रहे और बुधवार को राहुल को मना लिए जाने की कांग्रेस की बची-खुची उम्मीदों ने भी दम तोड़ दिया. राहुल गांधी ने अपनी ट्विटर प्रोफाइल पर जानकारी बदल दी.

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राहुल गांधी अब ट्विटर पर कांग्रेस अध्यक्ष नहीं रहे. राहुल ने अपने ट्विटरप्रोफाइल को अपडेट कर मेंबर ऑफ इंडियन नेशनल कांग्रेस और मेंबर ऑफ पार्लियामेंट  कर दिया है. राहुल के ट्विटर अकाउंट में इस बदलाव के साथ ही लोकसभा चुनाव के परिणामों की घोषणा के बाद उनके इस्तीफे पर शुरू हुए मनाने के दौर का भी समापन हो गया है.

राहुल गांधी की वो पूरी चिट्ठी जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष पद से है इस्तीफे का ऐलान

इस पत्र में राहुल गांधी ने लिखा है कि कांग्रेस पार्टी के लिए काम करना मेरे लिए सम्मान की बात है. कांग्रेस पार्टी की विचारधारा हमेशा से भारत जैसे खूबसूरत देश की सेवा करना रही है. मैं पार्टी अध्यक्ष के रूप में लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस की हार की जिम्मेदारी लेता हूं. पार्टी को भविष्य में आगे बढ़ाने के लिए हार की जिम्मेदारी तय करना जरूरी है. इसलिए मैंने पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है.

राहुल गांधी ने पत्र में लिखा है कि पार्टी को अगर आगे बढ़ाना है तो 2019 के लोकसभा चुनाव में हार के लिए कई लोगों को जिम्मेदारी लेनी होगी. ऐसे में पार्टी अध्यक्ष होने के नाते अगर मैं हार की जिम्मेदारी नहीं लेता हूं और दूसरो लोगों को जिम्मेदार ठहराता हूं तो यह बेईमानी होगी. मेरे कई सहयोगियों ने मुझसे कहा कि आप पार्टी अध्यक्ष के लिए किसी नाम का चुनाव करें. लेकिन यह अनुचित होगा कि मैं किसी नाम का सुझाव दूं. हमारी पार्टी का इतिहास पुराना है. यह एक विचारधारा वाली पार्टी है और मैं उसका सम्मान करता हूं. ऐसे में मुझे पूरा विश्वास है कि पार्टी किसी एक अच्छे नेता का चुनाव करने में पूरी तरह से सक्षम है जो पार्टी को मजबूत नेतृत्व दे सकता है.

उन्होंने लिखा है कि मैंने इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस वर्किंग कमेटी को सुझाव दिया है कि वह कुछ लोगों यह जिम्मेदारी दें और वह एक नए अध्यक्ष का चुनाव करें. मैं इस काम में उनका पूरा सहयोग करूंगा. मेरा संघर्ष कभी बेकार नहीं जाएगा. भाजपा का मैंने हमेशा विरोध किया है. मैं आखिरी दम तक भाजपा की विचारधारा का विरोध करता रहूंगा. मेरा यह विरोध निजी नहीं बल्कि भारत की विचारधारा के आधार पर है. यह कोई नई लड़ाई नहीं है. यह भारत की धरती पर हजारों साल से लड़ी गई है. जब वे द्वेष और घृणा की राजनीति करते हैं तो मैं प्यार की राजनीति करता हूं. यह लड़ाई हमारे करोड़ों भारतीय जनता की लड़ाई है. हमारे संविधान पर हमला देश के ताना-बाना को खराब करने का है. मैं कांग्रेस का एक वफादार सैनिक हूं और भारत माता का सच्चा सपूत भी. ऐसे में देश को बचाने के लिए आखिरी सांस तक लड़ता रहूंगा.

राहुल ने लिखा है कि हमलोगों ने साफ सुथरे तरीके से लोकसभा चुनाव लड़ा है. हमारा कैंपेन देश के सभी धर्मों के लिए भाईचारे के आधार पर था. मैंने प्रधानमंत्री और आरएसएस से लड़ाई लड़ी. मैं उन संस्थाओं के लिए लड़ाई लड़ी जिन पर उन्होंने कब्जा कर लिया. मैंने ये लड़ाई इसलिए लड़ी क्योंकि भारत से प्यार करता हूं. मैंने देश की विचारधारा के लिए यह लड़ाई लड़ी. इस दौरान मैं कई बार अपने आप को बिल्कुल अकेला महसूस किया. इस दौरान मैंने अपनी पार्टी के सदस्यों, महिलाओं और कार्यकर्ताओं से भी बहुत कुछ सीखा. उनके जज्बे और काम करने के तरीके से सीखा.

उन्होंने लिखा है कि इस लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिए कांग्रेस पार्टी को नया रूप देना होगा. आज भाजपा भारतीयों की आवाज को दबा रही है. ऐसे में कांग्रेस पार्टी की यह जिम्मेदारी है कि वह उन्हें बचाए. भारत कभी भी एक सुर वाला नहीं रहा है. यहां कई सुरों का समावेश रहा है. यही भारत की पहचान रही है. अंत में मैं हजारों भारतीयों को धन्यवाद देता हूं जिन्होंने मेरा समर्थन किया. मैं पूरी ताकत से कांग्रेस की विचारधारा की लड़ाई लड़ता रहूंगा. मैं हमेशा पार्टी के लिए हाजिर रहूंगा, जब कभी भी मेरी जरूरत होगी या मेरी सलाह मांगी जाएगी. मैं उन कार्यकर्ताओं को भी धन्यवाद देता हूं जिन्होंने कांग्रेस की विचारधारा का लगातार समर्थन किया है. भारत में यह प्रचलन बन गया है कि कोई मजबूत व्यक्ति सत्ता नहीं छोड़ता. लेकिन हम बिना सत्ता के मोह छोड़े विचारधारा की लड़ाई में अपने प्रतिद्वंद्वी को नहीं हरा सकते. मैं एक पैदाइशी कांग्रेसी हूं और पार्टी भी सदा हमारे साथ है. मैं इस बचाने के लिए आखिरी दम तक लड़ूंगा.

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