सिरसा। रेप और हत्या के मामले में जेल में सजा काट रहे गुरमीत राम रहीम सिंह ने अपनी पैरोल याचिका वापस ले ली है. राम रहीम रोहतक जेल में बंद है. राम रहीम सिंह ने बिना शर्त अपनी पैरोल याचिका वापस ली है.
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह ने खेती-बाड़ी करने के लिए 42 दिनों की पैरोल याचिका मांगी थी. सूत्रों के मुताबिक स्थानीय प्रशासन राम रहीम को पैरोल पर रिहा करने के पक्ष में नहीं था.
सिरसा के आसपास के गांवों में रहने वाले स्थानीय लोगों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया था कि अगर गुरमीत राम रहीम सिंह जेल से बाहर आता है तो पंचकूला हिंसा की तरह एक बार फिर हालात बन सकते हैं. स्थानीय लोगों की मांग थी कि गुरमीत राम रहीम सिंह को पैरोल न दी जाए.
माना जा रहा है कि पैरोल याचिका खारिज होने के डर से गुरमीत राम रहीम सिंह के वकीलों ने याचिका वापस ले ली है, क्योंकि अगर याचिका लॉ एंड ऑर्डर खराब होने की आशंका में पैरोल याचिका खारिज की जाती, तो भविष्य में भी गुरमीत राम रहीम सिंह को पैरोल लेने में दिक्कत आ सकती थी.
पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्या और दो साध्वियों के साथ दुष्कर्म मामले में सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने पैरोल की मांगी की थी. इस बाबत रोहतक जेल प्रशासन ने सिरसा जिला प्रशासन को एक खत लिखा था.
बता दें कि डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह सीबीआई कोर्ट द्वारा यौन शोषण और हत्या के मामले में सजायाफ्ता है. कैदी अपनी सजा का एक वर्ष पूरा कर चुका है और उसने अपनी हिस्ट्री टिकट भी हासिल कर ली है. कैदी गुरमीत राम रहीम सिंह हरियाणा राज्य का है. इसलिए वह संशोधित पैरोल अधिनियम 2012 व 2013 के अंतर्गत हार्डकोर श्रेणी में नहीं आता.