राजनाथ सिंह ने कहा- समुद्र में चीन से खतरा, हमेशा तैयार रहे नौसेना
राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया, भारत में डिजाइन हुए और बने आईएनएस शिवालिक का मैंने दौरा किया. इसके बाद सबमरीन सिंधुकीर्ति का भी दौरा किया.
नई दिल्ली। देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन का हवाला देकर भारतीय नौसेना को समुद्र में और ज्यादा सतर्क रहने को कहा है. राजनाथ सिंह ने रविवार को विशाखापत्तनम के ईस्टर्न नेवल कमांड मुख्यालय, आईएनएस शिवालिक और सबमरीन सिंधुकीर्ति का दौरा किया.राजनाथ सिंह ने कहा, ‘मुझे लगता है कि भारतीय नौसेना हमारी ऐक्ट ईस्ट पॉलिसी का बेहद महत्वपूर्ण हिस्सा है. चीन समुद्र में हमेशा कोई न कोई गतिविधि करता है. जिसे देखते हुए हमें समुद्र में अपनी सतर्कता बढ़ाने की जरुरत है.’
हिंद महासागर में चीन अपनी मौजूदगी बनाए रखने की कोशिश करता है. कई बार चीन की पनडुब्बी को हिंद महासागर में दिखने की खबर भी आ चुकी है. राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया, ‘भारत में डिजाइन हुए और बने आईएनएस शिवालिक का मैंने दौरा किया. इसके बाद सबमरीन सिंधुकीर्ति का भी दौरा किया. नेवी देश की समुद्री सीमा की मजबूती से रक्षा कर रही है.’
समुद्र में भी मजबूत हो रहा भारत, चीन और पाक को मिलेगा जवाब
रक्षा मंत्रालय ने भारत सरकार के मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत रक्षा क्षेत्र में लगभग 45,000 करोड़ रुपये की लागत वाली छह पनडुब्बियों के निर्माण के लिए भारतीय कंपनियों को शॉर्टलिस्ट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट 75-I के तहत सैन्य मामलों में रणनीतिकार साझेदार देश छह पारंपरिक पनडुब्बियों के निर्माण में मदद करेंगे.इस पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि यह प्रोजेक्ट भारत में पनडुब्बियों की देसी डिजाइनिंग और निर्माण की क्षमता को कई गुना बढ़ा देगा. इस प्रोजेक्ट में तैयार होने वाली पनडुब्बियों के साथ देश में सबसे नई तकनीक लाने का प्रयास किया जाएगा. अगर यह प्रोजेक्ट सफल रहता है तो भारत पनडुब्बी डिजाइन और प्रोडक्शन के मामले में दुनिया का प्रमुख केंद्र बनने का प्रयास करेगा. नेवी के पास अभी छह पनडुब्बियों की खरीद के लिए भविष्य में कंसोर्टियम से अनुमति लेने का विकल्प भी है.
चीन और पाकिस्तान के खतरे से मिलेगी मुक्ति
पिछले कुछ वक्त से चीन लगातार खुद को हिंद महासागर में मजबूत करने का प्रयास कर रहा है. मालदीव जैसे देशों के साथ उसके अच्छे संबंध बनाने की तरकीब इसी रणनीति का हिस्सा थी. वहीं, भारत ने चीन को राजनयिक स्तर पर तो हिंद महासागर में घेर लिया है, लेकिन सामरिक स्तर पर भी खुद को हिंद महासागर में मजबूत कर रहा है. ऐसे में ये पनडुब्बियां भारत को चीन की चुनौती से निपटने के लिए सामरिक और मनोवैज्ञानिक ताकत देंगी.
पाक के आतंक से मिलेगी निजात
भारत आज भी मुंबई हमले की चोट नहीं भूला है. ऐसे में अरब सागर के रास्ते आने वाले आतंक को रोकना भारत की प्राथमिकता है. इन पनडुब्बियों के साथ भारत खुद को अरब सागर में और मजबूत बनाएगा.