वॉशिंगटन. अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर खत्म करने पर सहमति बन गई है। अेमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने चीन की कंपनी हुवावे को अमेरिका में कारोबार करने की अनुमति दे दी है। ट्रम्प ने ट्वीट में बताया कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ जी-20 में उनकी मुलाकात सकारात्मक रही। दोनों देश ट्रेड वॉर खत्म करने के लिए राजी हैं। जापान के ओसाका में ट्रम्प-जिनपिंग की बैठक 80 मिनट चली थी।
ट्रंप ने ट्वीट किया, ‘चीन भी इसके लिए राजी हुआ है कि वह समझौता वार्ता के दौरान हमारे किसानों से ज्यादा से ज्यादा एग्रीकल्चर प्रोडक्ट खरीदेगा. मैंने अपनी हाईटेक कंपनियों और चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग की अपील पर चीनी दूरसंचार उपकरण बनाने वाली कंपनी हुवाई को अमेरिकी कंपनियों से प्रोडक्ट खरीदने की इजाजत दे दी है. ये प्रोडक्ट ऐसे हों, जो हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा पर कोई असर ना डालें. इससे भी अहम यह है कि हमने समझौता के लिए रास्ता खोल दिया है.’
I had a great meeting with President Xi of China yesterday, far better than expected. I agreed not to increase the already existing Tariffs that we charge China while we continue to negotiate. China has agreed that, during the negotiation, they will begin purchasing large…..
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) June 29, 2019
जी-20 के दौरान ट्रेड वॉर सबसे बड़ा मुद्दा था
जापान के ओसाका शहर में हुए जी-20 सम्मेलन के दौरान ट्रेड वॉर सबसे बड़ा मुद्दा था। दुनिया की निगाहें ट्रम्प और जिनपिंग की मुलाकात पर टिकी थीं। दोनों देशों के बीच जिस तरह से तल्खी बढ़ रही थी, उससे सभी देश परेशान थे।
I had a great meeting with President Xi of China yesterday, far better than expected. I agreed not to increase the already existing Tariffs that we charge China while we continue to negotiate. China has agreed that, during the negotiation, they will begin purchasing large…..
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) June 29, 2019
ट्रम्प ने ट्वीट किया- दोनों देशों के रिश्ते सामान्य होने लगे हैं। चीन ने अमेरिकी किसानों का माल खरीदने पर सहमति जताई है। उनका कहना है कि चीजें अब बेहतरीन दिखाई दे रही हैं। वे किसी तरह की जल्दबाजी में नहीं हैं। फिलहाल, चीन पर लगाए गए टैरिफ में कोई कटौती नहीं की जा रही है।
हुवावे को अमेरिकी बाजार से प्रतिबंधित किया था
ट्रेड वॉर के दौरान दुनिया की सबसे बड़ी दूरसंचार उपकरण निर्माता कंपनी हुवावे को अमेरिकी बाजार से प्रतिबंधित कर दिया गया था। चीन ने कहा है कि वह अपनी कंपनियों के हितों और अधिकारों की रक्षा के लिए जरूरी कदम उठाएगी। अमेरिका का कहना था कि हुवावे के उपकरणों से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है।
अमेरिका ने 200 अरब डॉलर के चाइनीज इंपोर्ट पर शुल्क बढ़ाया था
पिछले साल मार्च में अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर शुरू हुआ था। दोनों देश एक-दूसरे के अरबों डॉलर के आयात पर शुल्क बढ़ा चुके हैं। नवंबर में ट्रम्प और जिनपिंग जी-20 में मिले तो ट्रेड वॉर खत्म करने के लिए वार्ता शुरू करने पर सहमति बनी थी। तब ट्रम्प इस बात के लिए राजी हुए थे कि मार्च तक टैरिफ नहीं बढ़ाएंगे। इस साल मार्च में फिर से डेडलाइन बढ़ाई थी।
लेकिन, पिछले महीने ट्रम्प ने चीन पर सौदेबाजी का आरोप लगाते हुए वार्ता खत्म कर दी और चीन के 200 अरब डॉलर (14 लाख करोड़ रुपए) के इंपोर्ट पर आयात शुल्क 10% से बढ़ाकर 25% कर दिया। चीन ने जवाबी कार्रवाई करते हुए 1 जून से 60 अरब डॉलर के अमेरिकी इंपोर्ट पर शुल्क बढ़ा दिया।
आपको बता दें कि ट्रंप ने 15 मई को हुवाई को राष्ट्रीय सुरक्षा आदेश के जरिए काली सूची में डाल दी थी. इस अमेरिकी प्रतिबंध के कारण हुवाई को दो साल में तकरीबन 30 अरब डॉलर का नुकसान हुआ. इसके अलावा जापान के ओसाका शहर में डोनाल्ड ट्रंप और शी जिनपिंग ने चीन-अमेरिका संबंध के विकास से जुड़े मूल मुद्दों और समान रुचि वाले अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों को लेकर वार्ता हुई. इस दौरान दोनों नेता अगले चरण में द्विपक्षीय संबंध के विकास और समन्वय, सहयोग और स्थिर चीन-अमेरिका संबंध को आगे बढ़ाने पर राजी हुए.
इस दौरान शी जिनपिंग ने कहा, ‘चीन-अमेरिका के रिश्ते विश्व में सबसे महत्वपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों में से एक हैं. दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंध की स्थापना के बाद पिछले 40 वर्षों में अंतरराष्ट्रीय परिस्थिति और चीन-अमेरिका संबंध में बड़ा परिवर्तन आया है. हालांकि हमारे बुनियादी तथ्य में कोई बदलाव नहीं हुआ.’
उन्होंने कहा, ‘चीन और अमेरिका के बीच कुछ मतभेद हैं, लेकिन द्विपक्षीय हित बहुत मिले-जुले हैं और सहयोग का दायरा व्यापक है. लिहाजा दोनों देशों को मुठभेड़ और संघर्ष के जाल में नहीं फंसना चाहिए. दोनों को एक-दूसरे को आगे बढ़ाना चाहिए और समान विकास करना चाहिए. हमें सही दिशा को पकड़ना चाहिए, ताकि समन्वय, सहयोग और चीन-अमेरिका संबंध को आगे बढ़ाया जा सके.’
शी जिनपिंग ने क्या कहा
आर्थिक व्यापारिक मुद्दे को लेकर शी जिनपिंग ने कहा, ‘चीन और अमेरिका के बीच आर्थिक व्यापारिक सहयोग का मूल आपसी हित है. दोनों के बीच बहुत मिलाजुला हित मौजूद हैं. विश्व में दो बड़े आर्थिक समुदाय होने के नाते चीन और अमेरिका के बीच मौजूद मतभेद के समाधान वार्ता और विचार-विमर्श के माध्यम से किया जाना चाहिए, ताकि दोनों को स्वीकृत विकल्प मिल सकें. हमको उम्मीद है कि अमेरिका चीनी उद्यमों और अमेरिका में अध्ययन करने वाले चीनी विद्यार्थियों के साथ निष्पक्ष व्यवहार करेगा, ताकि दोनों देशों के उद्यमों के बीच आर्थिक व्यापारिक निवेश का सामान्य सहयोग और जनता के बीच सामान्य आदान-प्रदान की गारंटी दी जा सके.’
इस मौके पर ट्रंप भी कहा, ‘मुझे साल 2017 की चीन यात्रा अब भी याद है. इस यात्रा के दौरान मैंने चीन की अद्भुत सभ्यता और चीन की शानदार उपलब्धियों को देखा था. चीन के प्रति मेरा कोई शत्रुतापूर्ण इरादा नहीं है. मुझे उम्मीद है कि द्विपक्षीय संबंध बेहतर होंगे. मैं राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बेहतर रिश्ते कायम रखने को अहम समझता हूं और चीन के साथ सहयोग को मजबूत करना चाहता हूं.’
ट्रंप ने कहा, ‘अमेरिका चीन के साथ दोनों देशों के शीर्ष नेताओं द्वारा निश्चित सिद्धांत के मुताबिक काम करने की कोशिश करेगा. साथ ही सहयोग और स्थिर चीन-अमेरिका संबंध को आगे बढ़ाएगा. इस मुलाकात के जरिए अमेरिका-चीन संबंध को जबरदस्त रूप से आगे बढ़ाया जाएगा.’