खेती के सीजन के बीच पंजाब के बिजली मंत्री नवजोत सिद्धू तीन हफ्तों से अपने दफ्तर नहीं पहुंचे

देश में खेती के सीजन के बीच पंजाब के बिजली मंत्री पिछले तीन हफ्तों से अपने दफ्तर नहीं पहुंचे हैं. 6 जून को पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने कैबिनेट में फेर बदल किया था. तब कैप्टन अमरिंदर ने नवजोत सिंह सिद्धू से महत्वपूर्ण माना जाने वाला विभाग ले लिया था और उन्हें बिजली और नयी एवं नवीकरणीय ऊर्जा का प्रभार दिया था.

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नई दिल्ली। कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब का बिजली मंत्री बने हुए 21 दिन हो गए हैं लेकिन सिद्धू ने न तो अब तक चार्ज लिया है और न ही अपने ऑफिस आए हैं. राज्य में इस वक्त धान की बुआई का मौसम है, किसानों को खेतों में रोजाना आठ से दस घंटे तक बिजली चाहिए होती है, लेकिन मंत्री न होने की वजह से किसान परेशान हैं.

Image result for navjot sidhu and captain amrinder singhसिद्धू की गैरमौजूदगी में कैप्टन अमरिंदर सिंह खुद बिजली विभाग के अधिकारियों की मीटिंग ले चुके हैं.पंजाब की कैप्‍टन अमरिंदर सिंह सरकार में घमासान थम नहीं रहा है। मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह व कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की तकरार घटने के बजाए और बढ़ गई है। कैप्‍टन अमरिंदर का सिद्धू को लेकर रुख आक्रामक हो गया है। 20 दिन बाद भी नए ऊर्जा विभाग का कार्यभार नहीं संभालने के कारण सिद्धू का मंत्री पद खतरे में है। बताया जा रहा है कि कैप्टन ने कांग्रेस आलाकमान को साफ कह दिया है कि सिद्धू अपना नया विभाग ज्वाइन करें अन्‍यथा वह उनकी जगह नया मंत्री बनाएंगे। कैप्‍टन आज दिल्‍ली जाएंगे और इस मामले में कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी से मिलेंगे। दूसरी ओर, सिद्धू का उनके सरकारी दफ्तर से नेमप्‍लेट हटा दिया गया है। इससे सियासी चर्चाएं गर्म हो गई हैं।

बाएं-दफ्तर के बाहर पहले लगा नवजोत सिंह सिद्धू का नेम प्‍लेट और दाएं- नेम प्लेट हटाने के बाद स्थिति।
खेती के सीजन के बीच पंजाब के बिजली मंत्री पिछले तीन हफ्तों से अपने दफ्तर नहीं पहुंचे

देश में खेती के सीजन के बीच पंजाब के बिजली मंत्री पिछले तीन हफ्तों से अपने दफ्तर नहीं पहुंचे हैं. 6 जून को पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपनी कैबिनेट में फेर बदल किया था. तब कैप्टन अमरिंदर ने नवजोत सिंह सिद्धू से महत्वपूर्ण माना जाने वाला स्थानीय शासन विभाग ले लिया था और उन्हें बिजली और नयी एवं नवीकरणीय ऊर्जा का प्रभार दिया था. माना जाता है कि सिद्धू अपना पोर्टफोलियो छीने जाने से नाराज थे. सिद्धू की ये नाराजगी अभी तक जारी है. 21 दिन गुजर जाने के बाद भी सिद्धू ने बिजली मंत्री का चार्ज नहीं संभाला है.

इस बीच बिजली मंत्री के अभाव में बिजली सप्लाई पर असर पड़ा है. इस वक्त किसानों को खेती के लिए बिजली की जरूरत होती है, लेकिन मंत्री के अभाव में सप्लाई व्यवस्था पर असर पड़ी है. हालांकि दिक्कत दूर करने के लिए सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह खुद बिजली विभाग के अधिकारियों की मीटिंग ले रहे हैं और उन्हें लगातार निर्देश दे रहे हैं.

मंत्री महोदय की गैर हाजिरी के बीच बिजली मंत्रालय में काम कराने आने वाले लोगों को परेशान होना पड़ रहा है. कई किसान भी अपनी अर्जी लेकर आ चुके हैं, लेकिन यहां सुनने वाला कोई नहीं है. अब कांग्रेस के विधायक ही सिद्धू को नसीहत दे रहे हैं कि उन्हें अपनी जिद छोड़नी चाहिए और किसानों के हितों को देखते हुए मंत्रालय ज्वाइन कर लेना चाहिए. कांग्रेस विधायक नवतेज चीमा ने कहा कि गर्मी की वजह से किसान और आम जनता दोनों ही परेशान हो रही है, इसलिए उन्हें तुरंत अपना मंत्रालय ज्वाइन करना चाहिए.

अमरिंदर सिंह आज शाम को दिल्ली रवाना हो रहे

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह आज शाम को दिल्ली रवाना हो रहे हैं। बताया जा रहा है कि वह वहां कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी से मिलेंगे। इससे उनके और नवजोत सिद्धू के बीच विवाद को हवा मिल गई है। दूसरी ओर, पंजाब सचिवालय की पांचवीं मंजिल पर सिद्धू के दफ्तर के बाहर से उनकी नेम प्लेट उतार दी गई है। हालांकि, विभाग के अधिकारियों का कहना है कि ऐसा नेम प्लेट बदलने के लिए किया गया है, लेकिन सूत्र बताते हैैं कि मुख्यमंत्री द्वारा कांग्रेस हाईकमान से बात करने के बाद ही सिद्धू को मंत्री बनाए रखने संबंधी फैसला लिया जाएगा।

बताया जाता है कि कैप्टन अमरिंदर का दिल्‍ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फिर सत्ता में आने के बाद नए कैबिनेट मंत्रियों से मिलने का कार्यक्रम है। कैप्टन इस दौरान सिद्धू के मामले को लेकर राहुल गांधी से भी मिल सकते हैं। राहुल ने 27 जून को अपने 12 तुगलक लेन स्थित आवास पर शाम साढ़े चार बजे मीटिंग बुलाई है। यह मीटिंग हरियाणा कांग्रेस में अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर छिड़े घमासान को शांत करने को लेकर है, लेकिन कैप्टन भी राहुल से मिल सकते हैं। संसदीय चुनाव के बाद से कैप्टन अमरिंदर की राहुल गांधी समेत पार्टी लीडरशिप के साथ कोई मीटिंग नहीं हुई है।

दूसरी ओर, सिद्धू और उनके करीबियों पर विजिलेंस का घेरा भी कस सकता है। सिद्धू के स्‍थानीय निकाय मंत्री रहते कुछ महत्वपूर्ण प्रोजेक्टों के अलॉटमेंट में घोर अनियमितता की शिकायतें हैं। विजिलेंस ब्‍यूरो ने इसकी जांच शुरू कर दी है और बताया जाता है कि इसमें निशाने पर सिद्धू के कुछ करीबी हैं।

20 दिन बाद भी सिद्धू ने बिजली मंत्री के रूप में कार्यभार नहीं संभाला

बता दें कि कैबिनेट में मंत्रियों के विभागों में बदलाव के 20 दिन बाद भी सिद्धू ने बिजली मंत्री के रूप में कार्यभार नहीं संभाला है। इस समय पंजाब में धान की रोपाई का सीजन जोरों पर चल रहा है और बिजली की मांग लगातार बढ़ रही है। ऐसे में बिजली महकमे में मंत्री का होना जरूरी है, लेकिन सिद्धू विभाग से दूरी बनाए हुए हैं।

उन्होंने मीडिया से भी दूरी बना ली है और न ही सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं। हालांकि, मंत्री पद गंवाने के बाद दो-तीन दिन ट्विटर पर शेराे-शायरी के जरिए सक्रिय रहे। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष राहुल गांधी और महासचिव महासचिव प्रियंका गांधी से भी दिल्ली में मुलाकात की। इसके बाद से वह सार्वजनिक तौर पर नजर नहीं आ रहे हैं और सोशल मीडिया से भी दूर हैं।

बिजली विभाग फाइलों को सीएम ऑफिस भेज रहा है

बता दें कि बिजली विभाग के अधिकारी विभाग के कामकाज को लेकर नवजोत सिद्धू से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सिद्धू उनको कोई रिस्‍पॉन्स नहीं दे रहे हैं। बताया जाता है कि इसके बाद अधिकारियों ने बिजली विभाग की अहम फाइलें मुख्यमंत्री के पास भेजनी शुरू कर दी, ताकि कामकाज प्रभावित न हो। मुख्यमंत्री ने भी इन फाइलों का निपटारा करना शुरू कर दिया है।

विजिलेंस ऐसे कस रहा है घेरा

दूसरी ओर, नवजोत सिंह सिद्धू और उनके करीबियों की परेशानी दूसरे तरीके से बढ़ सकती है। विजिलेंस ब्यूरो ने जीरकपुर नगर कौंसिल से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण प्रोजेक्टों के अलॉटमेंट में अनियमितता की शिकायत पर जांच शुरू कर दी है। बताया जा रहा है कि विजिलेंस ब्यूरो प्रोजेक्टों के अलॉटमेंट में सिद्धू के ओएसडी बन्नी संधू की भूमिका की भी पड़ताल कर रहा है।

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