जो जमानत पर हैं वो इंजॉय करें, हम कानून को मानने वाले लोग- PM मोदी

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने मोदी से कहा था- आप सोनिया-राहुल को चोर बताकर सत्ता में आए, फिर वे संसद में कैसे बैठे हैं? मोदी ने इसी पर जवाब दिया, कहा- जमानत देना न्यायपालिका का काम है, हम बदले की भावना में यकीन नहीं रखते सोनिया-राहुल को नेशनल हेराल्ड केस में जमानत मिली थी

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नई दिल्ली। लोकसभा में पीएम मोदी ने कहा कि जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान के बाद अब जय अनुसंधान की जरूरत है. हमने अपने देश के भीतर ही ऐसा हीन भाव पैदा कर दिया, हमें पर्यटन पर और बल देने की जरूरत है.

जमानत मिली है तो वह इसका आनंद ले. लेकिन करप्शन के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी

पीएम मोदी ने कहा कि देश को आधुनिक आधारभूत ढांचे की ओर लेकर जाना है, दुनिया से जो भी व्यवस्थाएं मिल सकती हैं उनका उपयोग करना है, सामान्य जन की जीवन को सुगम बनाना है. प्रधानमंत्री ने कहा कि गांव और शहर के लिए समान अवसर पैदा करने हैं. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी, हमें इसलिए कोसा जा रहा कि फलाने को जेल में क्यों नहीं डाला, हम कानून से चलने वाले लोग हैं और किसी को जमानत मिली है तो वह इसका आनंद ले. लेकिन करप्शन के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी, हमें गलत रास्ते पर जाने की जरूरत नहीं है. पीएम का यह बयान कांग्रेस नेता अधीर रंजन के उस बयान के जवाब के तौर पर आया जिसमें उन्होंने कहा था कि सरकार सोनिया गांधी और राहुल गांधी को जेल में क्यों नहीं डाल देती.

ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और हमें पुरानी परंपरा से बाहर आना पड़ेगा.

पीएम मोदी ने धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि कृषि हमारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और हमें पुरानी परंपरा से बाहर आने पड़ेगा. किसानों की भलाई के लिए सबको मिलकर चलना होगा. किसानों ने दलहन के जरिए अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का काम किया और अब तिलहन की बारी है. पीएम मोदी ने कहा कि आलोचना के लिए आंकड़ों को हर तरह से इस्तेमाल हो सकता है, इसी सदन में जब हम अर्थव्यवस्था में 11 या 13वें स्थान पर पहुंचे थे जब मेज थपथपाई जा रही थी लेकिन जब 6 पर पहुंचे तो ऐसा लगा जाने क्या हो गया. कब तक इतने ऊंचे रहेंगे कि नीचे दिखाई न दे. हम सब मिलकर देश को ऊंचाई पर ले जाएंगे, इससे किसका फायदा है. मेक इन इंडिया का खूब मजाक उड़ाया गया, लेकिन क्या कोई इसकी जरूरत से इनकार कर सकता है.

जल संकट पर मिलकर करें काम: मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि विपक्ष के भाषणों में बाबा साहब के नाम का जिक्र होता तो अच्छा होता. लेकिन क्या करें एक ऊंचाई पर जाने के बाद दिखता नहीं जबकि पानी और बांधों के लिए बाबा साहब का काम सर्वोपरि है. सरदार सरोबर बांध की नींव पंडित नेहरू ने रखी थी लेकिन दशकों तक मंजूरी नहीं मिली. उस समय जो 6 हजार करोड़ का प्रोजेक्ट था वह पूरा होते-होते 60 हजार करोड़ तक पहुंच गया. मुख्यमंत्री रहते इसे पूरा कराने के लिए मुझे अनशन पर बैठना पड़ा था, आज इससे 4 करोड़ लोगों को पानी मिल रहा है. पानी की तकलीफ राजस्थान और गुजरात के लोग जानते हैं और इसी वजह से हमने जल शक्ति मंत्रालय बनाया है. जल संचय पर हमें बल देना पड़ेगा न हीं तो जल संकट बढ़ता चला जाएगा. पानी का संकट गरीब और महिलाओं को सबसे ज्यादा दिक्कत देता है.

3 सप्ताह में लिए जनहित के फैसले: मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आजादी के पहले मरने का मिजाज था और आजादी के बाद देश के लिए जीने का संकल्प है. पीएम मोदी ने कहा कि हमें राष्ट्रपति की अपेक्षा को पूरा करने के लिए आगे आना चाहिए. उन्होंने कहा कि छोटा सोचना मुझे पसंद नहीं है, सवा सौ करोड़ देशवासियों के सपने अगर पूरे करने हैं तो मुझे छोटा सोचने का अधिकार भी नहीं है. पीएम मोदी ने कहा कि हमें आराम का रास्ता पसंद नहीं, हम देश के लिए जीने आए हैं. उन्होंने कहा कि 3 सप्ताह में सरकार ने कई अहम फैसले लिए ताकि देश को आगे लाया जा सके. किसान सम्मान निधि का दायरा बढ़ाया, सेना के जवानों के बच्चों और पुलिस के बच्चों के लिए भी अहम फैसले लिए. मानव अधिकारों से जुड़े अहम बिल संसद में लेकर आए हैं. सबको साथ लेकर चलने के लिए जितने काम हो सकते हैं हम तुरंत आते ही वो काम किए हैं.

मोदी ने कहा-130 करोड़ भारतीयों के सपने मेरी नजर में
मोदी ने कहा,”ये सिर्फ चुनावी जीत-हार या आंकड़ों का खेल नहीं। यह जीवन की उस आस्था का खेल है, जहां प्रतिबद्धता, कर्मठता और जनता के लिए जीना-जूझना क्या होता है.. यह 5 साल की तपस्या का फल होता है। उसका संतोष होता है। हार-जीत के दायरे में चुनाव को देखना मेरी सोच का हिस्सा नहीं है। 130 करोड़ भारतीयों के सपने मेरी नजर में रहते हैं। 2014 में जब देश की जनता ने अवसर दिया। तब पहली बार मुझे सेंट्रल हॉल में बोलने का मौका मिला था। तब मैंने कहा था कि सरकार गरीबों को समर्पित है। 5 साल की सरकार के बाद मैं कह सकता हूं कि यह संतोष मिला है, जो जनता-जनार्दन ने भी ईवीएम का बटन दबाकर व्यक्त किया।’

राष्ट्रपतिजी का भाषण आम आदमी की आशाओं की प्रतिध्वनि

प्रधानमंत्री ने कहा, ”राष्ट्रपतिजी ने अपने भाषण में यह बताया कि हम भारत को कहां और कैसे ले जाना चाहते हैं। भारत के सामान्य लोगों की आशा-आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए प्राथमिकता क्या हो, इसका एक खाका खींचने का प्रयास किया। राष्ट्रपतिजी का भाषण आम आदमी की आशाओं की प्रतिध्वनि है। यह भाषण देश के कोटि-कोटि लोगों का धन्यवाद भी है। सबको मिल-जुलकर आगे बढ़ना समय की मांग है और देश की अपेक्षा है। आज के वैश्विक वातावरण में यह अवसर भारत को खोना नहीं चाहिए।”

इमरजेंसी संविधान को कुचलने का पाप: मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि कल कांग्रेस नेता गिना रहे थे किसने किया, किसने किया आज 25 जून है बताओ देश में आपातकाल किसने लगाया, जब देश की आत्मा को कुचल दिया गया था. देश की मीडिया को दबोच दिया गया. हिन्दुस्तान को जेलखाना बना दिया गया, सिर्फ इसलिए कि किसी की सत्ता न चली जाए. पीएम मोदी ने कहा कि न्यायपालिका का अनादर कैसे होता है वह उसका जीता-जागता उदाहरण है. आज हम 25 जून को लोकतंत्र के प्रति अपना समर्पण फिर एक बार देना होगा. संविधान को कुचलने का पाप कोई भूल नहीं सकता, यह दाग कभी मिटने वाला नहीं है. इस दाग को बार-बार याद करना चाहिए ताकि फिर से कोई ऐसा पैदा न हो जो इस रास्ते पर जाए. लोकतंत्र के प्रति आस्था का महत्व समझाने के लिए इसे याद करने की जरूरत है किसी को भला-बुरा कहने के लिए नहीं.

हम किसी के योगदान को नहीं नकारते: पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि 2004 के बाद वाजपेयी सरकार के एक भी काम का नई सरकार ने जिक्र तक नहीं किया. पीएम मोदी ने कहा कि अभी के भाषण में मनमोहन सिंह सरकार का जिक्र तक नहीं किया. उन्होंने कहा कि लालकिले से मैं पहला पीएम हूं जिसने कहा कि आजादी से लेकर अब केंद्र और राज्य की जितनी सरकारें थी देश को आगे ले जाने में सबका योगदान है. पीएम मोदी ने कहा कि उनकी अपेक्षा है कि वही नाम आए, यह अलग बात है लेकिन मैंने हमेशा पिछली सरकारों को श्रेय दिया है. पीएम मोदी ने कहा गुजरात के गोल्डन जुबली ईयर में राज्यपाल महोदय के भाषणों का संकलन का काम किया था, वह सरकारें हमारे दल की नहीं थीं, फिर भी हमने ऐसा काम किया. राज्यपाल के भाषणों का संकलन आज भी उपलब्ध है, पहले के कामों को हम गिनते नहीं यह कहना पूरी तरह गलत है. देश को लगता था कि उनके कार्यकाल में नरसिम्हा राव को फिर मनमोहन सिंह को भारत रत्न मिलता, लेकिन परिवार से बाहर के लोगों को उनके कार्यकाल में कुछ नहीं मिल सकता. प्रणब दा किसी भी पार्टी के हैं लेकिन हमें उन्हें भारत रत्न दिया. हम किसी भी योगदान को नहीं नकारते, सवा सौ करोड़ देशवासियों में सब कोई आते हैं और उन्हीं की वजह से देश आगे बढ़ा है.

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