नाभा (पटियाला). गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में साजिश के मुख्य आरोपी डेरा प्रेमी व गुरमीत राम रहीम के समर्थक महिंदरपाल सिंह उर्फ बिट्टू की हत्या के बाद पंजाब के विभिन्न इलाकों में तनाव का माहौल है। नाभा, कोटकपूरा, बरगाड़ी, संगरूर और कई अन्य जगह भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। रैपिड एक्शन फोर्स और बीएसएफ के जवान भी तैनात किए गए हैं। पुलिस और प्रशासन के उच्च अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए हैं और हालात पर नजर रखे हुए हैं।
इसी बीच डेरा प्रेमियों का ऐलान है कि केस दर्ज होने और आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने की स्थिति तक बिट्टू का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। जानकारी मुताबिक, शनिवार को बिट्टू जेल में चल रहे निर्माण स्थल के पास घूम रहा था, तभी गुरसेवक और मनिंदर सिंह ने उस पर ईंट पत्थर और सरिये से हमला कर दिया। दोनों उसे तब तक पीटते रहे जब तक वह बेसुध होकर गिर नहीं गया। हमले की खबर जैसे ही जेल अधिकारियों तक पहुंची सभी उसे छुड़ाने पहुंच गए। किसी तरीके से हमलावरों से बिट्टू को छुड़ाया गया और सिविल अस्पताल पहुंचाया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत करार दे दिया।
महिंदरपाल का शव सुबहृ कोटकपूरा लाया गया। शव को डेरा सच्चा सौदा के नाम चर्चा घर में रखा गया है। काफी संख्या में डेरा प्रेमी वहां पहुंचकर महिंदरपाल को श्रद्धांजलि देते रहे। नामचर्चा घर और आसपास के क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। फिरोजपुर रेंज के आईजी मुखविंदर सिंह छीना भी अन्य पुलिस अफसरों के साथ वहां पहुंचे। छीना और एसएसपी राज बचन सिंह संधू ने महिंदरपाल के भाई और बेटे से बात की। परिजनों और डेरा सच्चा सौदा सिरसा ने कहा कि जब तक बिट्टू के कत्ल केस की साजिश रचने वाले आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज नहीं किया जाता और जब तक बेअदबी के केस रद नहीं किए जाते, तब तक बिट्टू का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। उधर जेल मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने सहायक जेल सुपरिंटेंडेंट अजमेर सिंह (इंजार्च स्पेशल सिक्योरिटी सेल), बैरक प्रभारी मेजर सिंह व अमन गिरी और संतरी लाल सिंह को निलंबित कर दिया है। जेल सुपरिंटेंडेंट बीएस भुल्लर के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए होम सेक्रेटरी को पत्र लिखा है।
गुरूग्रंथ साहिब के पावन स्वरूप चुराने समेत बिट्टू पर दर्ज हैं 3 केस
महिंदर पाल बिट्टू पर 3 केस दर्ज थे। इसमें बुर्जजवाहर सिंह वाला में श्री गुरूग्रंथ साहिब के पावन स्वरूप चोरी करने, मोगा में प्रदर्शन के दौरान बस जलाने के अलावा 2015 में बरगाड़ी में हुए श्री गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी का केस दर्ज था। अगस्त 2017 से बिट्टू फरार चल रहा था। जिसे 7 जून 2018 को बरगाड़ी मामले की जांच कर रही एसआईटी ने हिमाचल के पालमपुर से गिरफ्तार किया। बिट्टू की शिनाख्त पर उसके साथ नामजद आरोपी सनी कुमार निवासी कोटकपूरा और शक्ति सिंह निवासी गांव ढगौरपुरा फरीदकोट को भी गिरफ्तार किया गया था, जिन्हें बीते दिनों जमानत मिल गई थी। बिट्टू को जमानत नहीं मिली थी।
बेटे का आरोप- साजिश के तहत पिता की हत्या
महिंदर पाल बिट्टू के बेटे रमिंदर सिंह ने बताया कि वह आज अपने पिता से जेल में मिलने गया था। उस समय दो और हवालाती आए हुए थे, उन दोनों को तो वापस भेज दिया गया लेकिन उनके पिता को वहां पर रोक लिया गया। बेटे ने दावा किया कि दोपहर 2:10 बजे उनकी मुलाकात हुई। बाद में उनको अकेले बैरक में भेजा गया। पिता के साथ कोई भी सुरक्षा कर्मचारी नहीं भेजा गया। बेटे ने आरोप लगाया कि एक साजिश के तहत पिता की हत्या की गई।
फरीदकोट से क्यों बदला बिट्टू को
पिछले साल बिट्टू सहित करीब 10 डेरा प्रेमियों की गिरफ्तारी हुई तो उन्हें तुरंत फरीदकोट जेल में भेजा गया था। वहां स्पेशल बैरक में रखा गया, जिसके 3 दरवाजे थे और तीनों को लॉक किया हुआ था। कड़ी सुरक्षा में मुलाकात कराई जाती थी। उनकी बंदी का समय भी बाकी जेल से अलग था। सवाल यह है कि इनको नाभा जेल में क्यों भेजा गया।
सीएम कैप्टन ने गठित की कमेटी
एडीजीपी जेल रोहित चौधरी की अगुवाई में फैक्ट फाइंडिंग कमेटी का गठन किया। 3 दिन में रिपोर्ट सौंपने की आदेश दिए गए हैं। जेल अफसरों के खिलाफ भी कार्रवाई को कहा गया है। सतर्कता के लिहाज से प्रदेश में सुरक्षाबलों को अलर्ट कर दिया गया है। – कैप्टन अमरिंदर सिंह, सीएम