बसपा में मायावती का भाई-भतीजावाद, आनंद बने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, आकाश को बड़ा ओहदा
बसपा सुप्रीमो मायावती के भाई आनंद कुमार को एक बार फिर पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है. वहीं मायावती के भतीजे आकाश आनंद को राष्ट्रीय समन्वयक की जिम्मेदारी दी गई है.
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रविवार को बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की अहम बैठक हुई जिसमें कई अहम बदलाव किए गए. बीएसपी में संगठनिक स्तर पर कई बदलाव हुए हैं. बसपा सुप्रीमो मायावती के भाई आनंद कुमार को एक बार फिर पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है.
WOW… Mayawati National President, brother Anand Vice President and nephew Akaash National.Coordinator… Soul of Late Shri.Kashiram ji must be hurt today. One more family pvt ltd firm
— Pritam Kothadiya (@pritamkothadiya) June 23, 2019
वहीं मायावती के भतीजे आकाश आनंद को राष्ट्रीय समन्वयक की जिम्मेदारी दी गई है. साथ ही पार्टी में राष्ट्रीय स्तर पर दो समन्वयक बनाए गए हैं. मौजूदा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामजी गौतम अब राष्ट्रीय समन्वयक की जिम्मेदारी संभालेंगे. दानिश अली को लोकसभा में बीएसपी का नेता बनाया गया है.
Danish Ali has been elected as the leader of BSP in Lok Sabha. Anand Kumar appointed as the Vice President of the party. Akash Anand and Ramji Gautam to be the National Coordinator of BSP. pic.twitter.com/s5FvENI98u
— ANI (@ANI) June 23, 2019
इसके साथ ही जौनपुर से सांसद श्याम सिंह यादव लोकसभा में बीएसपी के उपनेता होंगे. जबकि पार्टी के वरिष्ठ नेता सतीश चंद्र मिश्र राज्यसभा में बीएसपी के नेता होंगे. रविवार की बैठक में बीएसपी के तमाम नेताओं को बुलाया गया था. नेताओं के साथ बैठक में पार्टी प्रमुख मायावती ने इन पदों पर फैसले लिए.
लोकसभा चुनाव में संतोषजनक सीटें न मिलने से मायावती खफा बताई जा रही हैं और इसी को देखते हुए वे अपनी पार्टी में बड़े बदलाव कर रही हैं. इससे पहले जून के शुरुआती दिन में दिल्ली में हुई एक बैठक में बड़ी कार्रवाई करते हुए उन्होंने छह राज्यों के लोकसभा चुनाव प्रभारियों की छुट्टी कर दी थी. इसके साथ ही तीन राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों को भी उनके पद से बेदखल कर दिया था. मायावती के निशाने पर प्रदेश के 40 समन्वयक और जोनल समन्वयक हैं, जिनपर कार्रवाई हो रही है.
गौरतलब है कि 2012 के यूपी विधानसभा चुनाव से बीएसपी का ग्राफ लगातार गिरता जा रहा है. हालत यह हो गई कि 2014 के लोकसभा चुनाव में बीएसपी खाता भी नहीं खोल सकी थी. इसके बाद 2017 के विधानसभा चुनाव में बीएसपी महज 19 सीटें ही जीत सकी थी. इस बार के लोकसभा चुनाव में सपा से गठबंधन के बावजूद बीएसपी मात्र 10 सीटें ही जीत सकी. बीएसपी अब लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी विरोधी काम करने वालों के खिलाफ एक्शन मोड में आ गई है. पार्टी प्रमुख मायावती ने ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है.
बसपा की अखिल भारतीय बैठक
राज्य कार्यालय में पार्टी की अखिल भारतीय बैठक का आयोजन किया गया था। बसपा सुप्रीमो ने पार्टी संगठन की मजबूती और 2007 की तरह भाईचारा के आधार पर जनाधार को व्यापक बनाने पर जोर दिया। पार्टी संगठन का काम, जो लोकसभा चुनाव के कारण रुक गया था, उसे गति प्रदान करने के लिए विशेष दिशा-निर्देश दिए और अखिल भारतीय बैठक के बाद विभिन्न राज्यों की अलग-अलग बैठक करके उन्हें आगे की तैयारी और संगठन में आवश्यक फेरबदल के निर्देश दिए। विधानसभा आमचुनाव वाले राज्य खासकर हरियाणा व महाराष्ट्र के लिए अलग से बैठक में काफी विस्तार से चर्चा की गई। इसके अलावा उन्होंने बीएसपी के नवनिर्वाचित सांसदों को निर्देश दिया कि वे व्यापक जनहित और देशहित के मामलों पर संसद में अपनी सार्थक भूमिका निभाएं। साथ ही अपने-अपने क्षेत्र की जनता की सेवा में कोई कोर-कसर ना छोड़ें। यही निर्देश उन्होंने पार्टी विधायकों को भी दिया।
ईवीएम की जगह बैलेट पेपर का उठा मुद्दा
बैठक में विभिन्न राज्यों और खासकर यूपी के बारे में ईवीएम की शिकायतों को सुनने के बाद बीएसपी सुप्रीमो ने कहा कि आज की बैठक से पहले नई दिल्ली स्थित पार्टी के केन्द्रीय कार्यालय में आयोजित चुनाव बाद की राज्यवार समीक्षा में भी सभी राज्यों से एक ही आवाज़ आई है कि बीजेपी के पक्ष में जो एकतरफा चुनाव परिणाम आए हैं वे अप्रत्याशित और जन अपेक्षा के विपरीत हैं, जो बिना किसी सुनियोजित गड़बड़ी और धांधली के संभव ही नहीं है। इसीलिए ईवीएम को हटाकार दुनिया के अन्य देशों की तरह ही बैलेट पेपर से चुनाव अपने देश में भी कराया जाना चाहिए। साथ ही, सत्ताधारी बीजेपी की देश में एक चुनाव के बारे में अगर नीयत में खोट और नीति गलत नहीं होती तो इन्होंने बीजेपी शासित हरियाणा, महाराष्ट्र आदि राज्यों के भी चुनाव लोकसभा के आमचुनाव के साथ क्यों नहीं कराए, जहां अब चुनाव होना निर्धारित है।
सतीश मिश्र बसपा के नेता सदन
सतीश चंद्र मिश्र को राज्यसभा में बसपा नेता सदन का पद दिया गया है। रामजी गौतम को भी नेशनल कोऑर्डिनेटर, दानिश अली लोकसभा में नेता सदन और गिरीश चंद्र को लोकसभा में मुख्य सचेतक बनाने का फैसला लिया गया है। रामजी गौतम भी मायावती के भतीजे हैं। इससे पहले बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती के नेतृत्व में रविवार को यूपी की राजधानी लखनऊ में आयोजित मैराथन मीटिंग खत्म हो गई। मीटिंग में भतीजे आकाश आनंद को नेशनल कोऑर्डिनेटर बनाने, यूपी में 13 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की रणनीति के साथ ही कई अहम बातों पर चर्चा की गई और फैसले लिए गए।
आकाश आनंद के आने से बसपा में कई बदलाव
इस ऐलान के बाद आकाश आनंद अब पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत बनाने के लिए काम करेंगे। कहा जा रहा है कि पुरानी पद्धति पर काम कर रही बसपा में आकाश के आने के बाद से कई बदलाव आए। सामान्यता मीडिया और सोशल मीडिया से दूर रहने वाली मायावती अपने भतीजे के कहने पर ट्विटर पर आईं और लोकसभा चुनाव से पहले आधिकारिक अकाउंट बनाया। इतना ही नहीं, मायावती अब लगातार ट्विटर के जरिए विपक्ष पर हमला बोलती रहती हैं। आकाश अब पार्टी को युवा दृष्टिकोण से आगे बढ़ाने के लिए काम करेंगे।
नंगे पैर बैठक में शामिल हुए नेता
मायावती की बैठक सुबह दस बजे से थी लेकिन पार्टी के सभी नेता सुबह नौ बजे बैठक स्थल पर पहुंच गए। यहां पर इस बार एक खास बात नजर आई कि बैठक से पहले सारे नेताओं के मोबाइल फोन जमा करा लिए गए। यहां तक कि उनके जूते-चप्पल, पेन, पर्स, बैग और गले में पड़े ताबीज तक उतरवाकर मीटिंग हॉल में अंदर जाने दिया गया।
13 सीटों पर उपचुनाव से पहले बसपा की यह अहम बैठक
बसपा की यह अहम मीटिंग में यूपी 13 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव से पहले हुई है। इनमें पांच सीटें वेस्ट यूपी की हैं। इन 13 में से 11 सीटें बीजेपी के पास थीं। वेस्ट यूपी की गंगोह (सहारनपुर), इगलास (अलीगढ़), रामपुर, टूंडला, चार विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जो विधायकों के एमपी बनने से खाली हुई हैं। उधर, मीरापुर (मुजफ्फरनगर) के बीजेपी विधायक अवतार सिंह भड़ाना त्यागपत्र देकर कांग्रेस में शामिल होने से यह सीट खाली हुई है। इसके अलावा गोविंदनगर (कानपुर), कैंट (लखनऊ), जैदपुर (बाराबंकी), मानिकपुर (चित्रकूट), बलहा (बहराइच), प्रतापगढ़, जलालपुर (आंबेडकरनगर) और हमीरपुर सीटों के लिए चुनाव होना हैं। हमीरपुर सीट से बीजेपी विधायक अशोक सिंह चंदेल को कोर्ट ने हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई, जिसके बाद उनकी सदस्यता खत्म कर दी गई थी। इस सीट पर भी उपचुनाव होना है।