हिम्मत हारने लगा है पाकिस्तान ! पाक चीफ जस्टिस ने कहा- अर्थव्यवस्था हो या क्रिकेट, आजकल निराशाजनक खबरें ही मिल रही हैं
16 जून को वर्ल्ड कप मुकाबले में भारत ने पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी थी चीफ जस्टिस ने कहा- हम खबरें देखते हैं कि देश की अर्थव्यवस्था आईसीयू में है
इस्लामाबाद. पाकिस्तान के चीफ जस्टिस आसिफ सईद खोसा ने बुधवार को देश के हालात पर चौंकाने वाला बयान दिया। चीफ जस्टिस ने कहा कि आज कल पाकिस्तानियों को निराशाजनक खबरें ही मिल रही हैं, फिर चाहे वो क्रिकेट का मैदान हो या देश की अर्थव्यवस्था। 16 जून को वर्ल्ड कप में हुए मैच में भारतीय टीम ने पाकिस्तान को 89 रनों से हराया था।
जस्टिस खोसा ने कहा कि आजकल हम अर्थव्यवस्था के बारे में सुनते हैं कि ये आईसीयू में है या फिर आईसीयू से अभी बाहर ही आई है। ये अच्छी खबर नहीं है। जस्टिस खोसा पाकिस्तान की कमजोर अर्थव्यवस्था को लेकर यह बातें कह रहे थे। मुद्रा की कमी से जूझ रही इमरान सरकार कोशिश कर रही है कि इंटरनेशनल मॉनीटरी फंड, वर्ल्ड बैंक और एशियन डेवलपमेंट बैंक से बेलआउट पैकेज को लेकर बातचीत कर रही है।
टीवी ऑन करो तो हमारी टीम हारती हुई दिखती है- खोसा
पिछले दिनों पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) और पाकिस्तान मुस्लिम लीग- नवाज (पीएमएल-एन) के बीच चले विवाद को लेकर चीफ जस्टिस ने कहा कि हम संसद में शोर सुनते हैं। सदन का नेता हो या फिर विपक्ष का नेता, किसी को बोलने नहीं दिया जाता है। यह निराशाजनक है। जस्टिस खोसा ने कहा, “अगर आप चैनल बदलते हैं और क्रिकेट वर्ल्डकप देखते हैं, तो यहां भी दुर्भाग्य से निराशाजनक खबर ही देखने को मिलती है। हम जब हर नकारात्मकता को दूर करने के लिए जब टीवी खोलते हैं तो देखते हैं कि हमारी टीम मैच हार रही है।’
“केवल अदालतों से अच्छी खबरें आती हैं”
उन्होंने कहा- आजकल लोगों को अगर कोई अच्छी खबर सुनने को मिलती है, तो वह अदालत से सुनने को मिलती है। मुझे इस बात की खुशी है कि इस निराशाजनक माहौल में हमारे समाज का एक क्षेत्र है, जहां से कुछ अच्छी खबरें आती हैं। देश का एक अहम हिस्सा और न्यायिक व्यवस्था का प्रमुख होने के नाते यह हमारी संवैधानिक जिम्मेदारी है कि हम जल्द से जल्द न्याय दिलाएं और यह ज्यादा खर्चीला भी ना हो। यह बेहद बड़ा लक्ष्य है। लोगों के जल्द न्याय दिलाना हमारी प्राथमिकता है। पाकिस्तान की न्यायिक व्यवस्था में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल किया जा रहा है, इससे जांच जल्द पूरी हो रही है। यह व्यवस्था हमें सच के करीब जाने में मदद कर रही है। पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट दुनिया में पहली ऐसी सर्वोच्च अदालत है, जिसने ऑनलाइन केसों की सुनवाई शुरू की है।