एक देश-एक चुनाव पर PM मोदी की बैठक जारी, शिवसेना, बसपा, सपा और तृणमूल सहित 14 पार्टियां नहीं पहुंचीं

देश में एक साथ विधानसभा और लोकसभा के चुनाव कराने को लेकर मोदी सरकार ने कदम बढ़ा दिए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज इस मुद्दे पर बैठक कर रहे हैं, जिसमें शामिल होने के लिए सभी विपक्षी दलों को न्योता दिया गया है. हालांकि, कांग्रेस-TMC-SP-BSP समेत कई पार्टियां इसका बहिष्कार कर रही हैं. तो वहीं YSR-BJD-TRS जैसी पार्टियां इसमें हिस्सा ले रही हैं. बैठक में एक देश एक चुनाव के अलावा भी कई मुद्दों पर चर्चा होनी है.

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नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ‘एक देश, एक चुनाव’ पर चर्चा के लिए सभी राजनीतिक दलों के अध्यक्षों की बैठक बुलाई। इसमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, राकांपा प्रमुख शरद पवार, शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर बादल, बीजद प्रमुख नवीन पटनायक, पीडीपी नेता महबूूबा मुफ्ती, वाइएसआर के जगन मोहन रेड्डी, लेफ्ट नेता सीता राम येचुरी ने हिस्सा लिया।

उधर, कांग्रेस, सपा, शिवसेना, बसपा, द्रमुक, तेदेपा और तृणमूल का कोई भी नेता बैठक में शामिल नहीं हुआ। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल चीफ ममता बनर्जी, बसपा प्रमुख मायावती ने भी बैठक में शामिल होने से पहले ही इनकार कर दिया था। लेफ्ट नेता सीता राम येचुरी और डी राजा मोदी की बुलाई इस बैठक में शामिल हुए, लेकिन उन्होंने एक देश एक चुनाव के मुद्दे का विरोध किया।

वन नेशन-वन इलेक्शन लोकतंत्र विरोध- सीपीएम
सीपीएम ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के प्रस्ताव का विरोध किया है. पार्टी ने इसे ‘मौलिक रूप से संघीय व्यवस्था-विरोधी, लोकतांत्रिक व्यवस्था विरोधी’ बताया और इसे संसदीय लोकतांत्रिक प्रणाली की जड़ पर प्रहार करार दिया. माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के लिए सरकार को विधायिका के प्रति जवाबदेही की संवैधानिक योजना के साथ छेड़छाड़ करनी पड़ेगी. ताजा रिपोर्ट के मुताबिक सीताराम येचुरी पीएम मोदी की अध्यक्षता में हो रहे इस बैठक से बाहर निकल आए हैं.
बैठक में नहीं पहुंची 14 पार्टियां
एक देश-एक चुनाव पर चल रही पीएम मोदी की बैठक में 14 पार्टियां नहीं पहुंची है. एनडीए की सहयोगी रही शिवसेना भी इस बैठक में नहीं पहुंची है. ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने एक देश-एक चुनाव का समर्थन किया है, जबकि सीपीएम, समाजवादी पार्टी ने इसका विरोध किया है. मीटिंग में नहीं पहुंचने वाली पार्टियों में कांग्रेस, टीएमसी, टीडीपी, आम आदमी पार्टी, एआईएडीएमके, डीएमके, एसपी, बीएसपी, शिवसेना, आरजेडी, जेडीएस, झारखंड मुक्ति मोर्चा, एआईयूडीएफ और आईयूएमएल शामिल हैं.
इलेक्शन का मुद्दा चुनाव में ध्यान भटकाने के लिए
कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने कहा है कि वन नेशन-वन इलेक्शन का मुद्दा चुनाव में ध्यान भटकाने के लिए है. उन्होंने कहा कि सरकार चाहे तो चुनाव सुधार पर चर्चा करवा सकती है.  इस सरकार ने चुनाव में कई करणों में करवाया. हिमाचल प्रदेश और गुजरात में अलग-अलग करवाए. राज्यसभा के चुनाव अलग अलग करवा रहे हैं. सरकार जवाब दे कि ऐसा क्यों हो रहा है?
ईवीएम पर बैठक बुलाते तो इसमें शामिल होते- मायावती

इससे पहले मायावती ने ट्वीट किया कि ईवीएम को लेकर बैठक बुलाई जाती तो वे उसमें शामिल होतीं।

जनता से किए वादे पूरा करें मोदी- अखिलेश

बैठक को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि मोदी को उन वादों पर फोकस करना चाहिए जो उन्होंने जनता से किए हैं। मुझे आशा है कि वे उन वादों को पूरा करने के लिए काम करेंगे। एक देश एक चुनाव जैसे मुद्दों पर कई पार्टियां कभी तैयार नहीं होंगी।

ममता ने कहा- सरकार पहले श्वेत पत्र तैयार करे
ममता ने मंगलवार को संसदीय कार्यमंत्री प्रहलाद जोशी को पत्र लिखकर केंद्र सरकार से ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ मुद्दे पर जल्दबाजी न करने और श्वेत-पत्र तैयार करने की बात कही है ताकि सभी प्रमुख नेता श्वेत पत्र पर अपने विचार व्यक्त कर सकें। इसके लिए सभी को पर्याप्त समय भी देना चाहिए। ममता ने यह भी कहा कि अगर आप (मोदी) ऐसा करते हैं, तभी हम सब इस विषय पर अपने सुझाव दे सकेंगे।

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