PM मोदी ने राहुल गांधी को दी 49वें जन्मदिन की बधाई, कांग्रेस ने सुनाए 5 बेस्ट भाषण
राहुल नहीं मनाएंगे जन्मदिन, चमकी बुखार से हो रही मौतों पर लिया फैसला, राहुल के जन्मदिन के अवसर पर यूथ कांग्रेस आज देशभर में कार्यक्रम करेगी. इसके अलावा खुद राहुल गांधी आज पार्टी मुख्यालय में मौजूद रहेंगे. वह सुबह से ही पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे और दिनभर यही सिलसिला जारी रहेगा.
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी आज 49 साल के हो गए हैं, उनका जन्मदिन है. ऐसे में देशभर में उनके समर्थक जश्न मना रहे हैं तो साथ ही उन्हें बधाई देने वालों का भी तांता लगा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार सुबह ट्वीट कर राहुल गांधी को जन्मदिन की बधाई दी और उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा, ‘राहुल गांधी को उनके जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनाएं. भगवान उन्हें अच्छा स्वास्थ्य और लंबी आयु प्रदान करें’.
Best wishes to Shri @RahulGandhi on his birthday. May he be blessed with good health and a long life.
— Narendra Modi (@narendramodi) June 19, 2019
बता दें कि राहुल गांधी के जन्मदिन के अवसर पर यूथ कांग्रेस आज देशभर में कार्यक्रम करेगी. इसके अलावा खुद राहुल गांधी आज पार्टी मुख्यालय में मौजूद रहेंगे. वह सुबह से ही पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे और दिनभर यही सिलसिला जारी रहेगा. वहीं दूसरी ओर दिल्ली प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष शीला दीक्षित भी इस अवसर पर पार्टी दफ्तर में पेड़ लगाएंगी और कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगी. वहीं अगर कांग्रेस की बात करें तो पार्टी के ट्विटर अकाउंट पर राहुल गांधी के पांच शानदार भाषणों का एक वीडियो ट्वीट किया गया है. इन भाषणों में संसद में दिए गए राहुल के भाषण, छात्रों से संवाद और कुछ इंटरव्यू की झलकियां शामिल हैं.
On Congress President @RahulGandhi's birthday, we look back at five moments when he inspired Indians everywhere. #HappyBirthdayRahulGandhi pic.twitter.com/Clj0gJ6kqj
— Congress (@INCIndia) June 19, 2019
आपको बता दें कि राहुल गांधी का जन्म 19 जून, 1970 को हुआ था. अगर उनके राजनीतिक सफर की बात करें तो वह 2004 में पहली बार अमेठी से सांसद बने थे और 2009, 2014 में भी वहां से सांसद बने. हालांकि, इस बार उन्हें अमेठी में हार का सामना करना पड़ा, लेकिन वह केरल के वायनाड से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे.
राहुल नहीं मनाएंगे जन्मदिन, चमकी बुखार से हो रही मौतों पर लिया फैसला
बिहार में चमकी बुखार से हो रही मौतों पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बड़ा फैसला लिया है. राहुल गांधी आज यानी बुधवार को अपना जन्मदिन भव्य तरीके से नहीं मनाएंगे. केवल पार्टी कार्यकर्ताओं और बच्चों से मुलाकात करेंगे. आज राहुल का 49वां जन्मदिन हैं. राहुल गांधी कांग्रेस मुख्यालय पहुंच गए हैं. यहां वह पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर रहे हैं. इस दौरान कई पार्टी कार्यकर्ता ने राहुल से अध्यक्ष पद से इस्तीफा न देने की अपील की है. कार्यकर्ताओं के साथ मुलाकात करने के बाद राहुल बच्चों से मिलेंगे.
Delhi: Congress President Rahul Gandhi arrives at AICC Headquarters. He will meet party leaders shortly. The Congress President turned 49 today. pic.twitter.com/Kq2fgP4oZM
— ANI (@ANI) June 19, 2019
राहुल गांधी के जन्मदिन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें शुभकामनाएं दीं. पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा, ”राहुल गांधी को जन्मदिन की शुभकामनाएं. भगवान उन्हें लंबी जिंदगी और अच्छा स्वास्थ्य प्रदान करे.” कांग्रेस ने राहुल के जन्मदिन के मौके पर देशभर में कार्यक्रम आयोजित करने का ऐलान किया है. दिल्ली कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शीला दीक्षित पार्टी दफ्तर में पेड़ लगाकर कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगी.
Delhi: Congress worker Phool Singh performs a 'hawan' outside Congress President Rahul Gandhi's residence on his(Rahul Gandhi) birthday pic.twitter.com/Pqh8Zol936
— ANI (@ANI) June 19, 2019
अमेठी में राहुल गांधी को केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने मात दी है. राहुल गांधी की अगुवाई में कांग्रेस को लगातार दूसरी बार लोकसभा चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा है, 2019 में राहुल पार्टी के अध्यक्ष थे तो वहीं 2014 में चुनावी कैंपेन को लीड कर रहे थे. 2014 में कांग्रेस 44 तो वहीं इस बार मात्र 52 सीटों पर सिमट गई. लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद राहुल ने पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की थी, हालांकि पार्टी इस पर राजी नहीं हुई. लेकिन राहुल ने कांग्रेस को सिर्फ 1 महीने का अल्टीमेटम दिया है, इसी बीच में उन्होंने नया अध्यक्ष ढूंढने की बात कही है.
चुनौती- 49 साल के हुए राहुल गांधी, 44-52 से आगे कैसे ले जाएंगे कांग्रेस को?
‘चौकीदार चोर है’ के नारे के साथ राहुल गांधी ने इस बार लोकसभा चुनाव लड़ा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कड़ी चुनौती देने की कोशिश की, लेकिन उनका यह प्रयास न सिर्फ उनके बल्कि कांग्रेस के किसी काम न आया. इस बार भी कांग्रेस कई राज्यों में खाता तक नहीं खोल सकी और खुद राहुल गांधी अपनी सुरक्षित सीट अमेठी संसदीय सीट से स्मृति ईरानी के हाथों चुनाव हार गए. करारी हार के बाद उन्होंने पार्टी के अंदर कड़े तेवर दिखाए और अध्यक्ष पद छोड़ने का ऐलान कर दिया, लेकिन पदाधिकारियों ने उन्हें पद पर बने रहने का अनुरोध किया.
अब लोकसभा चुनाव में हार के 28वें दिन राहुल गांधी अपना 49वां जन्मदिवस मना रहे हैं, लेकिन उनका यह जन्मदिन पिछली कई चुनावी नाकामियों के बीच आया है. लोकसभा चुनाव के तारीखों के ऐलान से काफी पहले ही उन्होंने अपनी चुनावी तैयारी शुरू कर दी थी और अकेले अपने दम पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भ्रष्टाचार और नोटबंदी समेत कई मोर्चों पर घेरने की कोशिश भी की, वह अपने मकसद में कई दफा कामयाब होते दिख भी रहे थे, लेकिन उनका प्रयास आम जनता को रिझाने में नाकाम रहा और कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद उन्हें जिस लोकसभा चुनाव में बड़ी जीत की आस थी, वहीं उन्हें करारी शिकस्त का सामना करना पड़ गया.
अध्यक्ष बनने के बाद सिमटती कांग्रेस
2017 में गुजरात में विधानसभा चुनाव से पहले 16 दिसंबर को राहुल गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष के पद पर काबिज होने के बाद माना गया कि पार्टी के अंदर जोश का संचार होगा और नए मुखिया की अगुवाई में पार्टी न सिर्फ नरेंद्र मोदी और अमित शाह की अजेय जोड़ी को परेशान करेगी, लेकिन आज तक ऐसा कुछ होता नहीं दिखा, 5 महीने पहले 3 राज्यों की विधानसभा चुनाव में जीत को छोड़ दिया जाए तो हर ओर भारतीय जनता पार्टी लगातार मजबूत होती चली गई जबकि कांग्रेस का दायरा सिमटता चला गया.
2014 में नरेंद्र मोदी जब केंद्र की सत्ता पर काबिज हुए तब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) महज 7 राज्यों में सत्ता में थी जबकि कांग्रेस की 13 राज्यों में सत्ता थी, लेकिन मार्च 2018 में 3 राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी की 22 राज्यों में सरकार चल रही थी तो कांग्रेस की सत्ता महज 4 राज्यों (पंजाब, कर्नाटक, मिजोरम और पुड्डुचेरी) में सिमट गई. हालांकि आज की तारीख में कांग्रेस की 6 राज्यों (राजस्थान, पंजाब, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और पुड्डुचेरी) में सरकार चल रही है.
लोकसभा चुनाव ने किया हताश
राहुल गांधी के नेतृत्व में लोकसभा चुनाव की बात करें तो इस साल हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 543 संसदीय सीटों में से महज 52 सीटों पर ही जीत मिली. हालांकि 2014 की तुलना में उसके खाते में इस बार 8 सीटें (44 सीट) ज्यादा आईं. पार्टी के वोट शेयर में भी सुधार दिखा. इस बार आम चुनाव में कांग्रेस का वोट शेयर 19.5 फीसदी रहा, जो 2014 के वोट शेयर (13.6 फीसदी) से ज्यादा है.
2019 में, कांग्रेस जहां 262 सीटों पर विजेता या उपविजेता की स्थिति में थी तो 2014 में वह 268 सीटों पर पहले या दूसरे स्थान पर रही थी. जबकि 10 साल पहले कांग्रेस 350 सीटों पर मजबूत स्थिति में थी. इस बार 11 राज्यों और 5 केंद्र शासित प्रदेशों (आंध्र प्रदेश, लक्षद्वीप, दिल्ली, दमन और दीव, दादरा और नगर हवेली, चंडीगढ़, उत्तराखंड, त्रिपुरा, सिक्किम, राजस्थान, नागालैंड, मणिपुर, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, गुजरात और अरुणाचल प्रदेश) में खाता तक नहीं खुल सका.
पहली परीक्षा में ही फेल
2017 में कांग्रेस अध्यक्ष पर काबिज होने के बाद राहुल गांधी की बड़ी परीक्षा गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव में पार्टी को जीत दिलाने की थी, लेकिन लगातार प्रयास के बाद भी वह गुजरात से बीजेपी की सत्ता नहीं झटक सके और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य में पार्टी लगातार छठी बार सत्ता में पकड़ बनाए रखने में कामयाब रही. गुजरात के अलावा हिमाचल में कांग्रेस ने अपनी सत्ता गंवा दी.
2018 में कर्नाटक में बनी नंबर टू
2018 में कई लोकसभा और विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव को छोड़ दिया जाए तो अलग-अलग मौकों पर 9 राज्यों के विधानसभा चुनाव लड़े गए इनमें से 4 राज्यों में बीजेपी और कांग्रेस के बीच आमने-सामने की लड़ाई थी. साल की शुरुआत में फरवरी में त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड में विधानसभा चुनाव लड़े गए जिसमें मेघालय में कांग्रेस ने अपनी सत्ता गंवा दी, जबकि 2 अन्य राज्यों में भी उसका प्रदर्शन निराशाजनक रहा. इसके करीब 2 महीने बाद दक्षिण भारत में कांग्रेस के एकमात्र गढ़ कर्नाटक में चुनाव हुए जहां उसने सत्ता गंवा दी, लेकिन साझे की सरकार में वह नंबर 2 हो गई.
12 मई को कर्नाटक में विधानसभा चुनाव हुए जिसमें सत्तारुढ़ कांग्रेस दूसरे नंबर की पार्टी बनी, लेकिन सबसे बड़ी पार्टी बनने वाली बीजेपी को सत्ता पर काबिज होने से रोकने के लिए कांग्रेस ने जनता दल सेकुलर (जेडीएस) के साथ गठबंधन कर लिया. कांग्रेस भले ही बीजेपी को सत्तारुढ़ होने से रोकने में कामयाब हो गई, लेकिन उसका बड़ा नुकसान यह हुआ कि उसे गठबंधन में दूसरे नंबर की पार्टी बनने को मजबूर होना पड़ा और मुख्यमंत्री का पद गंवा दिया. इस दौरान वहां जबर्दस्त राजनीतिक घटनाक्रम चला और संशय तथा संकट के बीच यह मिली-जुली सरकार अपना एक साल पूरा करने में नाकाम रही.
5 महीने पहले आई खुशी
राहुल गांधी के पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद कई राज्यों में हार का सामना करने वाली कांग्रेस के लिए साल का अंत थोड़ा सुखद रहा क्योंकि नवंबर-दिसंबर में 5 राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में 3 में जीत मिली और पार्टी के लगातार हार के सिलसिले को कुछ देर के लिए रोक दिया. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने बीजेपी को सत्ता से बाहर करते हुए बंपर जीत हासिल की. राजस्थान और मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस को जीत मिली लेकिन जैसी उम्मीद थी वैसा परिणाम नहीं रहा.
सत्ता विरोधी लहर के बावजूद बीजेपी ने छत्तीसगढ़ को छोड़ मध्य प्रदेश और राजस्थान में एक बार फिर शानदार प्रदर्शन किया और महज कुछ सीटों के अंतर से सत्ता में वापसी नहीं कर सकी. राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में सत्ता में लौटने के करीब 5 महीने बाद हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को जिस तरह से करारी हार का सामना करना पड़ा उससे यही लगता है कि कांग्रेस को वो जीत महज इत्तेफाक से मिली थी.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी 2014 की तुलना में 2019 में परिपक्व नेता के रूप में उभरे हैं, इस बार उन्होंने जितनी संजीदगी और गंभीरता से चुनाव लड़ा उससे उन्हें बड़ा नेता जरूर बना दिया. यह अलग बात है कि उनका नेतृत्व लगातार संघर्ष और प्रयास के बावजूद वोटों में अभी तक बदल पाने में नाकाम रहा है और यही उनकी सबसे बड़ी कमजोरी साबित हुई. लोकसभा चुनाव से पहले न्याय जैसी लुभावनी स्कीम के जरिए जनता का दिल जीतने की कोशिश की, लेकिन यह प्रयास भी नाकाम साबित हुई. अगले साल राहुल गांधी 50 बरस के हो जाएंगे और अब देखना होगा कि 5 साल बाद 2024 में जब उनकी उम्र 54 साल की हो जाएगी तो क्या वह उस समय देश में होने वाले अगले लोकसभा चुनाव में पार्टी को अपनी उम्र के बराबर भी सीट दिला पाने में कामयाब होंगे.